देश इस समय परीक्षा से गुजर रहा है, मुझे यकीन हम सफल होंगे: राहुल
नॉर्वे के नेताओं से मिले कांग्रेस सांसद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ओस्लो। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष वे सांसद राहुल गंाधी ने नार्वे में वहां कई बड़े नेताओं से मुलाकात की । उन्होंने अपने देश भारत के बारे में वहां के लीडरशिप से बात की और वहां के शासन व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।
इससे पहले अपने यूरोपीय दौरे में उन्होंने पेरिस समेत कई शहरों के कार्यक्रमों में भाग लिया और अपने विचार साझा किया। उन्होंने वहां पर मोदी सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसी कई चीजें हैं जिनमें सुधार किया जा सकता है, और मुझे लगता है कि यह एक अवसर है, यह एक परीक्षा है जिससे कई देश गुजरते हैं। और, मुझे लगता है कि हम इस परीक्षा में सफल होंगे।’’ देश के नाम को लेकर जारी बहस के बारे में पूछे जाने पर, गांधी ने कहा कि इंडिया और भारत दोनों संविधान में उल्लिखित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ‘‘अजीब तरीके’’ से काम कर रही है क्योंकि उसे विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) के नाम से चिढ़ है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ गहरी बात चल रही है, वह यह कि जो लोग किसी भी चीज का नाम बदलना चाहते हैं वे मूल रूप से इतिहास को नकारने की कोशिश कर रहे हैं। मामले के तथ्य यह हैं कि, चाहे हम इसे पसंद करें या हमें यह पसंद न हो, हमारा एक इतिहास है। हम पर अंग्रेजों ने शासन किया, हमने अंग्रेजों से लड़ाई की, हमने अंग्रेजों को हराया…अंग्रेजी अंग्रेज लोगों की तुलना में अधिक भारतीयों द्वारा बोली जाती है; यह उनकी से अधिक हमारी अपनी है।’’ गांधी ने कहा, ‘‘उस अंग्रेजी में बहुत बड़ा इतिहास समाहित है, बहुत दर्द है, बहुत खुशी है, कल्पना है, संघर्ष है, वो चीजें अंतर्निहित हैं। और जो लोग नाम बदलना चाहते हैं वो उसे मिटाना चाहते हैं, वो हमारा इतिहास नहीं चाहते। वे नहीं चाहते कि हमारे देश का इतिहास हमारी आने वाली पीढिय़ों को पता चले, इससे उन्हें परेशानी होती है।’गांधी ने ब्रसेल्स के बाद यूरोप के दूसरे शहर पेरिस का दौरा किया, जहां सत्र का संचालन ‘सेंटर ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ के निदेशक प्रोफेसर क्रिस्टोफ जैफ्रेलोट ने किया और अध्यक्षता ‘पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स एट साइंसेज पीओ’ की डीन अरंचा गोंजालेज ने की। गोंजालेज ने गांधी से भारत की विदेश नीति पर रुख के बारे में पूछा। गांधी ने विश्व व्यवस्था के लिए विशेष चिंता के रूप में चीन के विकास मॉडल की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘जब आप भारत के आकार के देश के साथ काम कर रहे हैं, तो हमें कई अलग-अलग देशों के साथ संबंध बनाने होंगे…और एक राष्ट्र के रूप में, हम अपने हित में कार्य करते हैं।’’
बहुसंख्यक समुदाय भाजपा को वोट दे रहा है, यह एक गलत विचार
’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि भारत के 60 प्रतिशत लोगों ने विपक्षी दलों को वोट दिया, जबकि सिर्फ 40 प्रतिशत ने सत्तारूढ़ दल को वोट दिया। उन्होंने कहा, ‘‘तो यह विचार कि बहुसंख्यक समुदाय भाजपा को वोट दे रहा है, यह एक गलत विचार है। बहुसंख्यक समुदाय वास्तव में उन्हें वोट देने से ज्यादा हमें वोट देता है।गांधी ने कहा, ‘‘वे समाज का ध्रुवीकरण करते हैं, वे समाज को विभाजित करते हैं, वे समाज में नफरत फैलाते हैं और यही उनका तंत्र है। उनके देश के सबसे शक्तिशाली, सबसे अमीर पूंजीपतियों के साथ भी बहुत अच्छे संबंध हैं, जो उन्हें वित्तपोषित करते हैं और उनका समर्थन करते हैं।’