कंधे का दर्द में इन योगासनों से मिलेगी राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कंधे का दर्द एक आम समस्या बन गई है। लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना, गलत पोस्चर में बैठना या भारी सामान उठाना कंधे की मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द का कारण बन सकता है। इस दर्द से राहत पाने के लिए लोग अक्सर पेनकिलर या अन्य तरह के उपचार का सहारा लेते हैं, लेकिन योग एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जिससे कंधे के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। योग न केवल शारीरिक रूप से आपको स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। कंधे के दर्द के लिए कुछ विशेष योगासन का रोज अभ्यास करने आपका ये दर्द ठीक हो सकता है। इनका नियमित अभ्यास करने से कंधे की मांसपेशियों में लचीलापन आता है, रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द से राहत मिलती है।

गोमुखासन

गोमुखासन, या गाय का चेहरा मुद्रा, एक मौलिक योग आसन है जिसका नाम संस्कृत शब्दों गो (गाय), मुख (चेहरा), और आसन (मुद्रा) से लिया गया है, जो गाय के चेहरे के साथ मुद्रा की समानता को दर्शाता है। गोमुखासन करने से पहले, तैयारी के आसन करने से संबंधित मांसपेशियों को खोलने में मदद मिल सकती है, इससे अंतिम आसन बेहतर और अधिक प्रभावी हो जाता है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर आराम से बैठ जाएं और पैरों को सामने की ओर फैला लें। फिर बाएं पैर को मोडक़र एड़ी को दाएं कूल्हे के पास रखें। इसके बाद दाएं पैर को मोडक़र बाएं पैर के ऊपर इस तरह रखें कि दोनों घुटने एक-दूसरे के ऊपर आ जाएं। अपनी पीठ को सीधा रखते हुए, दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं और कोहनी से मोडक़र पीठ के पीछे ले जाएं। अब बाएं हाथ को नीचे से पीठ के पीछे ले जाएं और दोनों हाथों को आपस में पकडऩे की कोशिश करें। यदि हाथ न मिलें तो आप किसी कपड़े या बेल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस स्थिति में 30 से 60 सेकंड तक बने रहें, फिर धीरे-धीरे हाथों और पैरों को खोलकर सामान्य स्थिति में आ जाएं। इसी प्रक्रिया को रोजाना 3-4 बार करें।

गरुड़ासन

इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और अपने शरीर को संतुलित रखें। अपने दाहिने पैर को थोड़ा सा मोड़ें और बाएं पैर को दाहिने पैर के चारों ओर लपेटें, ध्यान रहे कि बाएं पैर का पंजा दाहिने पिंडली के पीछे टिका होना चाहिए। अब अपने हाथों को सामने की ओर फैलाएं और अपनी दाहिनी भुजा को बाईं भुजा के ऊपर से लपेटें। अपनी कोहनियों को मोड़ें और हथेलियों को आपस में मिलाएं। अपनी दृष्टि को एक बिंदु पर केंद्रित करें और इस स्थिति में 30 से 60 सेकंड तक रहें। फिर धीरे-धीरे हाथों और पैरों को खोलकर सामान्य स्थिति में आ जाएं। इसी प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं।

मार्जरीआसन

इस आसन को करने के लिए घुटनों और हाथों के बल जमीन पर आ जाएं, आपकी हथेलियां कंधों के ठीक नीचे और घुटने कूल्हों के ठीक नीचे होने चाहिए। मार्जरीआसन करने के लिए सांस छोड़ते हुए अपनी रीढ़ को ऊपर की ओर गोल करें और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती की ओर ले जाएं। इसके बाद बिटिलासन करने के लिए सांस लेते हुए अपनी रीढ़ को नीचे की ओर झुकाएं और अपने सिर को ऊपर उठाएं। इस प्रक्रिया को 5 से 10 बार दोहराएं।

उत्तानासन

अगर लंबे समय तक एक जगह बैठकर काम करते है, तो आपको उत्तानासन योग जरूर करना चाहिए। इसे करने से आपको कई लाभ मिलते है। उत्तानासन के अभ्यास के दौरान सिर आपके दिल के नीचे होता है। इससे आपके मस्तिष्क की ओर रक्त प्रवाह तेज हो जाता है और यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति अच्छे से होती है। इस योगासन की मदद से पीठ वाले हिस्से में खिंचाव आता है और यह पैर से लेकर पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है। उत्तानासन के अभ्यास से हिप्स, हैमस्ट्रिंग और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जबकि इससे घुटने और कंधे मजबूत होते हैं। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को कूल्हे-चौड़ाई जितना खोल लें। सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाएं, और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें, अपनी पीठ को सीधा रखने की कोशिश करें। अपने हाथों को जमीन पर या अपने पैरों के पास रखें, यदि आप जमीन तक नहीं पहुंच पाते हैं, तो आप अपनी पिंडलियों को पकड़ सकते हैं। अपने सिर को नीचे की ओर लटकाएं और अपने कंधों को आराम दें। इस स्थिति में 30 से 60 सेकंड तक रहें, फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे ऊपर उठें और सामान्य स्थिति में आ जाएं।

Related Articles

Back to top button