सिर्फ सर्दियों में मिलती हैं ये मिठाइयां

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
दिल्ली की सर्दियां सिर्फ कोहरा और गरम चाय भर नहीं लातीं। ये मिठास का मौसम भी साथ लाती है। जैसे ही पारा गिरता है, राजधानी की गलियां और बाजार मीठे सुगंध से भर जाते हैं। गाजर के हलवे की भाप, गजक की खनक और दौलत की चाट का स्वाद, ये सब मिलकर दिल्ली की सर्दियों को त्योहार बना देते हैं। यह शहर जानता है सर्दियों में मिठाई सिफऱ् स्वाद नहीं, एक विरासत है। एक ऐसा रस्मो-रिवाज जो हर पीढ़ी निभाती आई है। इन मीठी परंपराओं के बिना दिल्ली की सर्दी अधूरी है। यहां मिठाई सिर्फ पेट नहीं, आत्मा को भी गर्माहट देती है। तो इस सर्दी, ठंड को मीठा बनाइए और दिल्ली के इन डेज़र्ट्स का मज़ा जरूर लीजिए।
गाजर का हलवा
दिल्ली के गोल मार्केट और चावड़ी बाजार के हलवाई जैसे जादूगर बन जाते हैं। यहां सबसे टेस्टी गाजर का हलवा परोसा जाता है। देसी घी, सूखे मेवे और लाल गाजर ये मिलकर सर्दियों में गाजर के हलवे की महक फैलाते हैं, जो दूर दूर से लोगों को अपनी ओर खींचती है।
मूंग दाल का हलवा
सीपी और चावड़ी बाजार का गरमागरम मूंग दाल हलवा दिल्ली वालों के बीच काफी मशहूर है। केसर, घी और मेवों से तैयार किए जाने वाले मूंग दाल हलवा का स्वाद सिफऱ् सर्दियों में ही मिलता है और जो एक बार चख ले, उसका दिल यहीं अटक जाता है।
जलेबी संग रबड़ी
कुरकुरी, मलाईदार और लाजवाब जलेबी और रबड़ी का ये मिश्रण चांदनी चौक, जामा मस्जिद के पास और कमला नगर में चख सकते हैं। यहां की जलेबी-रबड़ी किसी भी मीठा प्रेमी को झुका दे। सर्दियों में गरम जलेबी और ठंडी रबड़ी का कॉम्बो बहुत लाजवाब हो जाता है। वहीं रबड़ी के साथ मिलकर जलेबी कफवर्धक बन जाती है। जिससे वात दोष कम होता है। वात दोष कम होता है तो माइग्रेन जैसी समस्या से अपनेआप ही राहत मिल जाती है।
गर्मागर्म गुलाब जामुन
बंगाली मार्केट, करोल बाग, राजौरी और गोल मार्केट में घी में तले, चाशनी में भीगे, गरमागरम गुलाब जामुन जब सर्दियों में परोसे जाते हैं तो लोग एक और, एक और करते हैं और थमने का नाम नहीं लेना चाहते हैं। दिल्ली की सर्दियों की सबसे प्यारी खुशबू देती है। वहीं बता दें 1 पीस गुलाब जामुन में 160 कैलोरीज मौजूद होती हैं। इसके अलावा इसमें कार्ब्स भी काफी ज्यादा होता है।
दौलत की चाट
यूं तो चाट का नाम आते ही चटपटी चीज का ख्याल आता है लेकिन असल में ये एक स्वीट डिश है. इस डिश को बनाने के लिए मलाईदार गाढ़े दूध को मथा जाता है और मथते वक्त इसमें से जो झाग निकलता है उसे एक कटोरे में रखा जाता है। इस पर हल्के रंग और स्वाद के लिए केसर वाले दूध के झाग के कुछ लेयर्स चढ़ाए जाते हैं। सर्व करने से पहले इस पर चुटकी भर चीनी छिडक़ी जाती है। वहीं, इसे सर्दियों की रात में बनाया जाता है। दारिबा कलन, शीशगंज गुरुद्वारा, चांदनी चौक और चावड़ी बाजार—यहां सर्दियां आते ही उभरती है यह हवा-सी हल्की अनोखी मिठाई। दूध, हवा और जादू का संगम दौलत की चाट दिल्ली की पहचान है।
गजक और रेवड़ी
ये सिर्फ सर्दियों में ही खाने का मजा है। और ये मजा आपको मिलेगा चांदनी चौक, सदर बाजार और करोल बाग में। जहां से दिल्लीवालों की सर्दियां मीठी होना शुरू होती हैं। तिल की खुशबू, गुड़ की मिठास, गजक और रेवड़ी सिफऱ् सर्दियों में ही अपना असली स्वाद दिखाती हैं। इसे चखने के लिए पूरी दिल्ली इंतज़ार करती है।



