बजट सत्र : अब राहुल-खरगे के बयानों को हटाने पर मचा हंगामा
- कांग्रेस ने लोकतंत्र को दफन करने का लगाया आरोप
- मल्लिकार्जुन खरगे ने याद दिलाया, अटल बिहारी बाजपेयी और नरसिम्हा राव का वाकया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और जेपीसी की मांग को लेकर शुरू हुआ संसद के दोनों सदनों का हंगामा अब सत्र के १०वें दिन राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयानों को सदन के रिकॉर्ड से हटाने पर आ गया है। कांग्रेस के इन दोनों नेताओं के बयानों को हटाने पर कांग्रेस द्वारा संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया गया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद भाषण देते हुए विपक्ष पर कई जोरदार हमले बोले। हालांकि, अपने एक घंटे से भी अधिक लंबे भाषण के दौरान पीएम मोदी 7 फरवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा पूछे गए तीखे सवालों के जवाब देने से पूरी तरह से बचते दिखे। पीएम मोदी के भाषण से एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने लोकसभा में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और गौतम अडानी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए उनसे कुछ सवाल किए थे। इसके अगले ही दिन लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस समेत पर पूरे विपक्ष पर कई हमले बोले, लेकिन राहुल गांधी के हर सवाल के जवाब से वो बचते ही रहे। इसको लेकर कांग्रस सांसद राहुल गांधी ने सदन के बाहर ये कहा भी कि आखिर पीएम मोदी ने उनके एक भी सवाल का जवाब क्यों नहीं दिया। इससे सच सामने आ जाता है। अगर वे मित्र नहीं होते, तो वह जांच करवाने के लिए तैयार हो जाते। आखिर छप्पन इंची सीने की बात करने वाले पीएम मोदी राहुल गांधी के साधारण से सावालों के जवाब देने से क्यों बच रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने सदन के रिकॉर्ड से राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के हिस्सों को हटाने को लेकर भी दोनों सदनों में हंगामा किया। राहुल गांधी ने भी अपने बयान के कुछ हिस्से को हटाने पर कहा कि आखिर मेरे शब्द सदन के रिकॉर्ड से क्यों हटाए गए? क्या सच बोलना भी अब गुनाह है? तो वहीं आज खरगे के बयान के भी कुछ हिस्से को हटाने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से सवाल किया कि उनके बयान को क्यों हटाया गया? खरगे ने कहा कि उनके बयान में कुछ भी असंसदीय नहीं था। अगर सभापति आपको किसी शब्द पर संदेह था, तो आपको मुझसे पूछ लेना चाहिए था या बयान हटाने से पहले मुझे जानकारी देनी चाहिए थी। राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष खरगे के बयानों को सदन की कार्यवाही से हटाने पर कांग्रेस ने भाजपा पर लोकतंत्र को दफन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अब विपक्ष के बयानों पर सेंसर लगाना चाहती है।
मेरे शब्द क्यों हटाए गए: राहुल
7 फरवरी को राहुल गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार और अडानी समूह के कथित संबंधों को लेकर जमकर निशाना साधा था। सदन में राहुल गांधी ने जो भाषण दिया, उसके कुछ अंशों को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी के भाषण का विरोध किया था। अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘जब प्रधानमंत्री जी दिल्ली आते हैं.. और 2014 में असली जादू शुरू होता है। मैंने कहा कि 2014 में वो 609 नंबर पर थे, कुछ सालों में वो दूसरे नंबर पर पहुंच गए. कैसे पहुंचे? मैं आपको दो-तीन इंडस्ट्रीज का उदाहरण दे देता हूं। इसके बाद राहुल गांधी ने कई उदाहरण के माध्यम से अपनी बात को समझाया था। इस दौरान राहुल गांधी ने एक फोटो भी सदन में दिखाया था। राहुल गांधी के बयान के इस तरह के कई अंशों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है। इस पर राहुल गांधी ने सवाल किया कि मेरे बयान को क्यों हटाया गया? वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा है कि लोकसभा में लोकतंत्र दफन कर दिया गया। राहुल गांधी ने अपने भाषण में जहां-जहां पर भी पीएम मोदी और अडानी के रिश्ते की बात की है और दोनों के नामों को एक साथ लिया है, उस हिस्से को कार्यवाही से हटा दिया गया है। इसके बाद कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया गया।
मेरे भाषण में ऐसा कुछ असंसदीय नहीं था: खरगे
राहुल गांधी के बयान को हटाने का मुद््दा अभी गर्म ही था, कि कल राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी को लेकर सरकार पर बोले गए हमले वाले भाषण के कुछ हिस्सों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष समेत पूरी पार्टी एक बार फिर सरकार पर हमलावर हो गई और इस तरह से बयानों को हटाने की कार्यवाही को लोकतंत्र की हत्या बता दिया। अपने भाषण के हटाए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने आज राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए उनके भाषण के अंश संसद के रिकॉर्ड से क्यों हटाए गए हैं? खरगे ने कहा कि मुझे नहीं लगता, मेरे भाषण में कुछ भी असंसदीय अथवा किसी पर आरोप लगाने वाला था। खरगे ने कहा कि कुछ शब्दों को गलत अर्थ में लिया गया। उन्होंने सभापति से पूछा कि अगर आपको कोई संदेह था, तो आप किन्हीं और शब्दों में कह सकते थे, लेकिन आपने मेरे शब्दों को छह जगह से हटा दिए जाने के लिए कहा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नरसिम्हा राव के एक वाकये की याद दिलाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वाजपेयी साहब ने नरसिम्हा राव जी के खिलाफ एक शब्द इस्तेमाल किया था और वह अब तक कार्यवाही में दर्ज है। तो आखिर मेरे भाषण के कुछ अंशों को क्यों हटाया गया। फिलहाल अपने दोनों नेताओं के भाषण के अंशों को सदन के रिकॉर्ड से हटाने को लेकर कांग्रेस ने दोनों सदनों में हंगामा किया और इसे सरकार द्वारा लोकसतंत्र की हत्या करार दिया। वहीं पीएम मोदी द्वारा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी को लेकर पूछे गए राहुल के सवालों के जवाब न देने को लेकर भी कांग्रेस ने कहा कि आखिर प्रधानमंत्री जी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? कब तक अपने दोस्त को बचाएंगे। फिलहाल एक ओर जहां कांग्रेस इन दोनों मुद्दों को लेकर हंगामा कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को गिनाकर असल मुद्दे से किनारे काटते दिख रहे हैं।