बांग्लादेश में भड़की हिंसा, छात्र प्रदर्शन में 39 लोगों की मौत, इंटरनेट सेवा बंद

बांग्लादेश में लगातार हिंसा बढ़ती जा रही है। छात्र बड़े स्तर पर देश-भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। सुरक्षा बलों, प्रदर्शनकारियों और सरकार के समर्थकों के बीच...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: बांग्लादेश में लगातार हिंसा बढ़ती जा रही है। छात्र बड़े स्तर पर देश-भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। सुरक्षा बलों, प्रदर्शनकारियों और सरकार के समर्थकों के बीच शुक्रवार (19 जुलाई) को हिंसक झड़प हो गई। ऐसे में बांग्लादेश का छात्र विरोध प्रदर्शन देश के सबसे घातक दिनों में पहुंच गया है। इतना ही नहीं छात्रों ने कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी है। इसके बाद देश-भर में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक हिंसा प्रदर्शन में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है। देश के 64 जिलों में यह प्रदर्शन फैल गया है, जिसके बाद मरने वालों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

हिंसा प्रदर्शन में 39 लोगों की हुई मौत

आपको बता दें कि छात्रों ने देश-भर में परिवहन नेटवर्क को बधित कर दिया. तमाम उथल-पुथल के कारण बांग्लादेश की संचार सेवाएं सबसे अधिक प्रभावित हुई। सरकार ने अशांति को रोकने के लिए इंटरनेट बंद कर दिया। इसके अलावा सरकार ने फोन कनेक्टिविटी को भी सीमित कर दिया है। देश में इंटरनेट सेवा लगभग पूरी तरह से बंद होने के बाद पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस कार्यालयों और सरकारी कार्यालयों में आगजनी की है। कई जगहों पर तोड़फोड़ और ‘विनाशकारी गतिविधियां’ अपनाई गई हैं। इनमें देश के सरकारी प्रसारक ‘बांग्लादेश टेलीविजन’ का ढाका मुख्यालय भी शामिल है। टेलीविजन मुख्यालय में सैकड़ों आक्रोशित छात्र घुस गए और जिसके बाद सरकारी टीवी चैनल बंद हो गया है।

दरअसल,  हिंसा भड़कने का मुख्य कारण है- नौकरी में आरक्षण. छात्र आरक्षण पर रोक लगाना चाहते हैं। दरअसल, बांग्लादेश सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की 30 प्रतिशत नौकरियां उन लोगों के लिए आरक्षित किया है, जिनके परिवार ने 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। ऐसे में प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि सरकार की यह व्यवस्था भेदभाव बढ़ाती है। इसी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फुट पड़ा है। जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट 7 अगस्त को मामले में सुनवाई करेगी।

ढाका में 50 पुलिस बूथ जलाए गए

राजधानी ढाका के पुलिस बल के प्रवक्ता फारुक हुसैन ने एएफपी को बताया कि ‘कल हुई झड़पों में करीब 100 पुलिसकर्मी घायल हो गए और करीब 50 पुलिस बूथ जला दिए गए। पुलिस के बयान में कहा गया कि यदि इस तरह का हिंसक प्रदर्शन आगे भी जारी रहा तो पुलिस अत्यधिक कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएगी।

ऐसे में बढ़ती हुई हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए अपील की है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वादा किया कि उनकी समस्या को सुलझाने के लिए वे काम करेंगी। उन्होंने हिंसा की न्यायिक जांच करने और आरोपियों को सजा दिलाने का भी वादा किया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ-साथ अन्य वैश्विक नेताओं ने भी शांति बरतने की अपील की है. गुटेरेस ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत के माध्यम से हल ढूंढने की सलाह दी है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • एक दिन पहले भारतीय उच्चायोग ने एडवाइजरी जारी की है।
  • बांग्लादेश में रह रहे लोगों के लिए भारतीय उच्चायोग ने आपातकालीन नंबर जारी किए हैं।
  • बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति के चलते बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग और छात्र यात्रा करने से बचें।

 

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