इस ओपिनियन पोल से क्या युवा रोजगार का मुद्दा पीछे हो जाएगा?
Will the issue of youth employment go back with this opinion poll?
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 7 मार्च को उत्तर प्रदेश के चुनाव ख़त्म हो गए हैं कल शाम से एग्जिट पोल आ गए हैं। हमने 5 बड़े चैनल्स के एग्जिट पोल देखे। साथ ही ये भी देखा कि यही चैनल्स 70 दिन पहले क्या ओपिनियन पोल दे रहे थे।
हमें दोनों में सबसे ज्यादा मात्र 12 सीटों का फर्क नजर आया, तो कहीं 0 सीटों का फर्क रहा। जब ओपिनियन पोल आए थे तो प्रदेश में भाजपा की लहर थी। भाजपा ने चुनाव से 177 दिन पहले 8 बड़े प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन किए थे। राम मंदिर भी बड़ा मुद्दा था। इसका असर ओपिनियन पोल पर नजर आया। सभी 5 पोल में भाजपा की बहुमत से सरकार बन रही थी।
अखिलेश यादव की लहर से इन 70 दिनों में कुछ बदला?
पहले और दूसरे चरण के चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर हुए। ये वही सीट हैं जहां किसान आंदोलन का मुद्दा सबसे ज्यादा गरमाया था। दोनों चरण के एग्जिट पोल में भाजपा को 31-33 तो सपा को 20-23 सीटें मिलती दिखाई दीं। तीसरे चरण में हिजाब के मुद्दे पर सियासत गरमाई। एग्जिट पोल में भाजपा और सपा की एकदम कांटे की टक्कर थी। इसके बाद अयोध्या में अखिलेश का रोड शो हुआ। उसमें हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
यहां तक कि अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया, “उत्तर परदेश में सपा की वापसी होना तय।” पर इन सबका असर एग्जिट पोल पर नजर नहीं आया। एग्जिट पोल देखकर लग रहा कि ओपिनियन पोल में ही थोड़ा हेर-फेर करके लगा दिया गया।