एक और चुनाव रणनीतिकार उतरे मैदान में

नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस की तरह अब शिरोमणि अकाली दल को भी प्रशांत किशोर की तरह चुनावी रणनीतिकार मिल गए हैं। चुनाव रणनीतिकार सुनील कानुगोलू अब एसएडी के चुनाव लडऩे का खाका तैयार करेंगे। इस बार एसएडी ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लडऩे का ऐलान किया है और अपने स्तर पर भी एसएडी ने सर्वे के लिए कई विधानसभा क्षेत्रों में टीमें तैनात कर दी हैं।
इसके अलावा कानूगोलू अब अपनी टीम के साथ चंडीगढ़ पहुंच गए हैं और जल्द ही एसएडी प्रधान सुखबीर बादल के साथ मुलाकात करेंगे। मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर और सुनील कानुगोलू ने शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर भाजपा के लिए काम किया है।
सुनील मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं लेकिन उन्होंने अपना ज्यादातर समय चेन्नई में बिताया है। सुनील अब तक लो प्रोफाइल रहकर काम कर रहे हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि राजनीतिक हलकों में उनकी गहरी पकड़ है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक चुनाव में भाजपा को मिली जीत में उनका काफी योगदान रहा है। 2016 में डीएमके ने विधानसभा चुनाव अभियान चलाया और नमककू नाम (हम खुद के लिए) अभियान चलाकर डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन को जीत मिली और वह मुख्यमंत्री बनने में सफल रहे।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हर विधानसभा क्षेत्र में एसएडी के करीब 50 युवाओं की टीम काम कर रही है। यह टीम लोगों के मन की खोज कर रही है कि किसकी राजनीतिक पार्टी का झुकाव किसकी ओर है। आंकड़े यह भी जुटाए जा रहे हैं कि किस क्षेत्र में कितना प्रभाव किस जाति का है। यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि एसएडी के संभावित उम्मीदवारों को उनके क्षेत्र में कितना होल्ड है । कानुगोलू के आने से पहले ही यह सर्वे चल रहा है। अब जब कनुगोलू ने मैदान संभाल लिया है, तभी पता चलेगा कि एसएडी की रणनीति क्या होगी।

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