काशी, अयोध्या और प्रयागराज में भाजपा के पसीने छुड़ा दिये सपा ने, नतीजों से भाजपा में हड़कंप
- माना जाता है जिसकी होती है सरकार उसी का होता है पंचायत चुनाव
- जिस सपा को खेल से बाहर बताते थे भाजपा के लोग उसने दिखा दी अपनी ताकत
- सरकार की कार्यशैली से बहुत नाराज हंै पार्टी के नेता और कार्यकर्ता
- अफसरों की कार्यशैली नहीं सुधरी तो भाजपा को विधान सभा चुनाव में भी हो जायेगा बड़ा नुकसान
- यूपी के पंचायत चुनाव के नतीजों से भाजपा खेमे में सन्नाटा, किसी को समझ नहीं आ रहा यह क्या हो गया
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। चार चरणों में हुए पंचायत चुनाव के परिणाम आने का सिलसिला जारी है। पीएम मोदी के गढ़ काशी, रामनगरी अयोध्या और प्रयागराज में सपा ने भाजपा के पसीने छुड़ा दिए हैं। अयोध्या में भाजपा को जिला पंचायत चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। यहां सपा ने 40 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की है। काशी में सपा ने सबसे अधिक 14 सीटों पर जीत दर्ज की है। प्रयागराज में सपा ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया है। ताजा नतीजों से भाजपा नेतृत्व में हड़कंप मच गया है। इन नतीजों से प्रदेश की जनता ने सियासी संदेश दे दिया है। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष है। यदि अफसरों की कार्यशैली सुधरी नहीं तो भाजपा को विधान सभा चुनाव में भी नुकसान हो सकता है। भाजपा को काशी और अयोध्या में सपा ने तगड़ा झटका दिया है। प्रयागराज में भी सपा ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया है जबकि इन जिलों पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खास मेहरबानी दिखाई है। अयोध्या में जिला पंचायत की 40 सीटें हैं, जिसमें से 24 पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है तो भाजपा के खाते में सिर्फ छह सीट आयी हैं। यहां 12 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीतने में सफल रहे हैं। अयोध्या में भाजपा का खेल बागियों ने बिगाड़ा है क्योंकि पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर 13 सीटों पर बागी मैदान में थे। हैरानी की बात है कि एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो दूसरी तरफ जनता ने भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष की रेस से लगभग बाहर कर दिया है। काशी में नतीजे भाजपा के लिए डरावने हैं। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिला पंचायत की 40 सीट हैं, जिसमें से सपा ने 14, भाजपा ने 8, अपना दल (एस) ने तीन, आम आदमी पार्टी और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने एक-एक सीट पर कब्जा किया है जबकि तीन पर निर्दलीय जीते हैं। प्रयागराज सपा 17 सीटों पर आगे चल रही है जबकि भाजपा 12 पर आगे है।
बागपत में आरएलडी का दबदबा
जिला पंचायत के चुनाव में बागपत में राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशियों ने जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में सत्ता पर काबिज भाजपा के साथ अन्य दलों को भी चौंका दिया है। यहां की 20 सीट में से राष्ट्रीय लोकदल ने आठ में जीत दर्ज की है। भाजपा व सपा ने चार-चार सीट जीती है जबकि बसपा ने खाता खोला है। तीन अन्य सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं।
मथुरा में भाजपा पस्त
मथुरा की भगवान श्रीकृष्ण की वजह से दुनियाभर में खासी पहचान है। मथुरा में बसपा ने 12 सीटों पर बाजी मारकर अपना दम दिखाया है तो आरएलडी ने 9 सीट पर जीत दर्ज की है। भाजपा ने यहां सिर्फ 8 सीट पर कब्जा कर सकी है। सपा ने एक सीट तो तीन पर निर्दलीय अपना परचम लहराने में सफल रहे हैं। यूपी पंचायत चुनाव को 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है और सपा ने जोरदार टक्कर देकर अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। कई जगह बसपा ने भी दम दिखाया है लेकिन कांग्रेस अधिकांश जगह बेदम दिख रही है।
लखनऊ में हारीं भाजपा की रीना चौधरी
लखनऊ में मोहनलालगंज से दो बार सांसद रही भाजपा की प्रत्याशी रीना चौधरी को शिकस्त झेलनी पड़ी है। इनको चौधरी को समाजवादी पार्टी समॢथत पलक रावत ने वार्ड 15 से शिकस्त दी है। रीना चौधरी को 2099 वोट से हार मिली है। लखनऊ में जिला पंचायत सदस्य के 25 पद हैं। वहीं सांसद कौशल किशोर की पुत्र वधु भी हार गई है।