तो क्या इसलिए व्यापारी करते हैं आत्महत्या : शामली के एडीएम ने लाखों की घूस लेकर आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया इस व्यापारी को

  • शामली डीएम, एडीएम, तहसीलदार व सीओ पर लगाए गंभीर आरोप
  • आपस में सब मिले होने से अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टोलरेंस की नीति का पालन उनके अफसर ही नहीं कर रहे हैं। महोबा के क्रैशर व्यापारी की तरह ही शामली के भी एक व्यापारी की उत्पीड़न का मामला सामने आया है। महोबा वाले मामले में जहां वर्तमान में सस्पेंड आईपीएस मणिलाल पाटीदार क्रैशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी से लगातार रुपयों की मांग करते हैं। अंत में परेशान होकर व्यापारी आत्महत्या कर लेता है। ठीक वैसे ही शामली में भी एडीएम अरविंद कुमार सिंह ने एक व्यापारी दीपक बंसल को परेशान कर रखा है। व्यापारी ने इससे आहत होकर डीएम, एडीएम शामली, तहसीलदार व सीओ की शिकायत उच्चाधिकारियों से की, मगर सब आपस में मिले होने से अब तक मामले में कार्रवाई नहीं हो सकी। इससे पीड़ित व्यापारी व उनका परिवार मजबूरन आत्महत्या करने की बात कह रहा है। शामली में मोबाइल की दुकान चलाने वाले व्यापारी दीपक बंसल ने बताया एडीएम अरविंद कुमार सिंह 2017 में एसडीएम थे यहीं की तहसील में। तब मैं किसी काम को लेकर इनसे मिला था। अब जब ये दोबारा शामली में एडीएम बनकर आए तो मेरे को फोन किया पहचाना कि नहीं अब मैं एडीएम अरविंद कुमार। फिर बोले- आवास पर आओ। मंै गया तो जीयो फाइबर नेट व सिम लिया। करीब तीन हजार रुपए की मेरी चपत लगी। दस दिन बाद 35 हजार की एलईडी ले ली। इसके बाद विकास प्राधिकरण के एक जेई के साथ मिलकर शहर में निर्माण के नाम पर इन्होंने शामली के दुकानों से रुपए वसूलने को कहा और जो लिस्ट बनाई, वो आज भी मेरे पास है। व्यापारी दीपक ने बताया कि एडीएम अरविंद ने प्री-प्लानिंग कर मुझे शामली में पैसे उगाही के लिए लगाया। थाने में बंद व पुलिस केस में फंसाने की धमकी के नाम पर मैंने एडीएम के नाम से पैसे वसूलने शुरू किए। सीएए आंदोलन के समय हमने करीब दस लाख रुपए इक_ïे किए दुकानों से और वो करप्शन के रुपए एडीएम को आवास पर जाकर दिया। 14 मई 2020 को डीएम के स्टेनो विनोद अरोड़ा ने डीएम कैंप कार्यालय पर बुलाया। डीएम पति के नाम पर मोबाइल मंागा, जिसे बाद में मैंने उपलब्ध कराया। डीएम शामली को भी मामले की जानकारी है। पीड़ित व्यापारी दीपक ने कहा डीएम, एडीएम, सीओ, तहसीलदार सब एक है। ऐसे में अगर इन पर कार्रवाई न हुई तो मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्महत्या कर लूंगा। क्योंकि पुलिस के एनकाउंटर करने से अच्छा मैं आत्महत्या कर लूं।

 

दुकान गिरवी रखकर लिया पीएनबी से लोन

दीपक बताते हैं कि एडीएम के पैसों से तंग आकर दुकान गिरवी रखनी पड़ी। पत्नी के नाम से पीएनबी से करीब दस लाख का लोन लिया, जो अब तक चुका रहा हूं। वे बताते हैं कि कोरोना काल की पहली लहर में एडीएम ने खाद्य सामग्री किट के नाम पर करीब 29 लाख का समान मंगवाया, जिसमें सात लाख रुपए मुझसे रिश्वत ली। मजदूरों के पैसों में भी गबन किया। तेल व्यापारियों के यहां छापे मारे और उसमें भी खूब वसूली करवाई अपने आदमियों से।

तहसीलदार अजय कुमार शर्मा भी मामले में लिप्त, एडीएम दे रहे उनका साथ

शामली के तहसीलदार अजय कुमार शर्मा ने बाजार में मेरी दुकान सील कर दी। धारा 151 में साले व कर्मचारी का जबरन चालान कर दिया। ऐसे में मैं पूछता हूं कि नियमों के तहत अगर दुकान सील की तो औरों की दुकानें क्यूं नहीं। विकास प्राधिकरण ने नोटिस तो कई दुकानों को दिया, सब पर बराबर कार्रवाई क्यूं नहीं। मुझको ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। यहां तक कि शामली सीओ भी मुझे धमका रहे हैं। सीओ एडीएम से मिले हैं। सीओ साहब ने कमरे में बंद कर मुझे अपने गनरों से खूब पिटवाया। जिला प्रशासन शामली द्वारा व्यापारियों को मेरे खिलाफ उकसा कर झूठी शिकायत व शपत्र पत्र लिए जा रहे हैं ताकि दीपक को झूठा साबित कर सके।

पत्नी-भाई सबके मोबाइल मेरे रुपयों से खरीदे गए

व्यापारी दीपक बताते हैं कि एडीएम के पास जो अभी मोबाइल है करीब एक लाख रुपए से ज्यादा का, वो मुझसे रिश्वत के रूप में लिया। एडीएम की पत्नी के पास जो आईपैड है, भाई के पास जो मोबाइल है, वो सब मेरे द्वारा उगाही के पैसे का है। इसका सबूत भी है मेरे पास। यहां तक कि पत्नी के बर्थडे पर मुझसे फोन के नाम पर रुपए वसूले। इसके अलावा मेरी गाड़ी जब्त कर ली, एडीएम ने कहा ये मेरे पैसों से खरीदी गई है।

खनन के पट्ïटे के नाम पर भी एडीएम और तहसीलदार की पार्टनरशिप

व्यापारी दीपक बताते हैं कि खनन के नाम पर मुझे एक पट्ïटा भी दिलाया। इसके लिए दस लाख रुपए की रिश्वत ली मुझसे खुद एडीएम अरविंद कुमार सिंह ने। एडीएम खनन के नाम पर जो भी पट्ïटे कराते थे, उनमें हिस्सेदारी लेते थे। पहले भी एडीएम पर ऐसे आरोप हैं। पट्ïटे के नाम पर कमीशन और हिस्सेदारी रखते हैं। पट्ïटे के नाम पर एडीएम ने एनओसी का खेल भी किया जबकि सही काम का भी खुद तमगा भी हमें दिया।

लोकायुक्त से करेंगे शिकायत: नूतन

शामली के डीएम, एडीएम तथा तहसीलदार सब मामले में लिप्त हैं। क्योंकि मामला बहुत अधिक गंभीर है। इस संबंध में लोकायुक्त को शिकायत करेंगे तथा इन अफसरों को तत्काल शामली से हटाए जाने की मांग करेंगे।

एडीएम का फोन बंद

4पीएम ने जब एडीएम अरविंद कुमार सिंह से संपर्क साधा तो उनका फोन स्विच ऑफ था। नंबर कल से बंद होने के चलते उन्हें टेक्सट मैसेज किया कि आप पर गंभीर आरोप है। आपसे जुड़ा मामला है, बात करनी है। पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

डीएम के सहायक ने उठाया फोन

डीएम शामली ९४५४४१६९९६ को जब फोन लगाया तो पहले तो दो बार फोन काट दिया गया। इसके बाद उनके अधीनस्थ सहायक दीपक नाम के शख्स ने ९४५४४१६९९7 फोन पर काल करते हुए कहा जिलाधिकारी पंचायत चुनाव में व्यस्त हैं। अभी बात नहीं कर पाएगी। मैं उनको मामले से संबंधित जानकारी दे दूंगा, जो आपने बताया है।

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