कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर किसान, राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा

  • दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान
  • सदन में विपक्षी सांसदों ने जमकर की नारेबाजी, कई बार स्थगित की गई कार्यवाही
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। एक ओर कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं वहीं आज विपक्षी दलों ने राज्य सभा में जमकर हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आज भी प्रदर्शन जारी है। किसान कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राज्य सभा में किसानों के मुद्दे पर चर्चा को लेकर नोटिस दिया था। सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कल चर्चा होगी। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। थोड़ी देर में विपक्ष वापस लौटा और जमकर नारेबाजी की। इसके कारण राज्य सभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित किया गया। विपक्षी सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर नारेबाजी की। वहीं बसपा सांसद अशोक सिद्धार्थ ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के मद्देनजर यह प्रस्ताव दिया है। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर राज्यसभा में कई सांसदों ने कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। उनमें राजद सांसद मनोज झा, टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा और बसपा सांसद अशोक सिद्धार्थ शामिल हैं। विपक्ष के हंगामे के कारण राज्य सभा की कार्यवाही बाधित रही।
लापता लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पंजाब के 100 से अधिक व्यक्तियों के लापता होने की घटना पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक ‘हेल्पलाइन नंबर 112Ó का ऐलान किया। इस नंबर पर लापता लोगों के बारे में जानकारी दी जा सकती है। साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के एडवोकेट जनरल की तरफ से 70 वकील नियुक्त किए गए हैं, जो राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस केसों का सामना कर रहे किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता मुहैया करवाएंगे। एडवोकेट जनरल अतुल नन्दा ने बताया कि यह जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के 89 लोगों को हिरासत में लिया है और हिंसा के संबंध में 38 एफआईआर दर्ज की है।
ंप्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सड़क पर बिछा दीं कीलें
दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या में इजाफा होने के चलते सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा आज रात 11 बजे तक बंद है। इस बीच पिछले एक सप्ताह से किसान आंदोलन का केंद्र बने यूपी बॉर्डर (गाजीपुर बॉर्डर) पर कड़ी सुरक्षा की गई है। अगर कोई सिंघु बॉर्डर पर जा रहा है तो उसे अपने पास पहचान पत्र भी रखना होगा। इस तरह का आदेश जारी हुआ है और यह तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है। इसी के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर कटीले तारों के साथ नुकीली कीलें भी लगाई गई हैं, जिससे किसान प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके। टीकरी बॉर्डर पर सीसी की दीवार बनाई गई थी। सात लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी मगर अब सड़क खोदकर उसमें लंबी-लंबी कीलें व नुकीले सरिया लगा दिए गए हैं। बॉर्डर पर रोड रोलर भी अब खड़े कर दिए गए हैं ताकि किसान अगर दिल्ली में घुसने का प्रयास करें तो उन्हें रोकने के लिए रोड रोलर को सड़क पर खड़ा किया जा सके। यहां पर कई लेयर की सुरक्षा व्यवस्था बॉर्डर पर है।
दमन का आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर साजिश करके कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन का दमन करने का आरोप लगाया है। मोर्चा ने छह फरवरी को 12 से तीन बजे तक चक्का जाम का ऐलान किया है। इस दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे बंद रहेंगे। किसान नेताओं व मोर्चा के ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है।
दिल्ली हिंसा पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच इसकी सुनवाई करेगी। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में 27 जनवरी को दो याचिकाएं दाखिल की गईं। एक याचिका में जांच के लिए आयोग के गठन का अनुरोध किया गया है जबकि दूसरी याचिका में मीडिया को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह बिना सबूत के किसी किसान को ‘आतंकवादीÓ नहीं करार दे। अधिवक्ता और याचिकाकर्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल याचिका में हिंसा और 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के लिए जिम्मेदार लोगों अथवा संगठनों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

अब पेपरलेस होंगी कैबिनेट बैठकें, मंत्रियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया
  • सीएम के सरकारी आवास पर आयोजित किया गया कार्यक्रम
  • ट्रेनिंग में सभी मंत्रियों को लैपटॉप, आईपैड के साथ किया गया आमंत्रित
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। देश में पहली बार पेपरलेस बजट पेश होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की कैबिनेट बैठकें भी हाईटेक होगी। ई-कैबिनेट की जरिए अब यूपी की कैबिनेट बैठक भी पेपरलेस होगी। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास, 05 कालिदास मार्ग पर ई-कैबिनेट प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू हो जाने के पश्चात मंत्रिपरिषद की कार्यवाही पेपर लेस हो जाएगी। आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंत्रिगण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण सम्मिलित हुए। राज्य सरकार के इस कदम से ई-गवर्नेन्स तथा ई-ऑफिस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मिनिमम गवर्नमेण्ट, मैक्सिमम गवर्नेन्सÓ के संकल्प के अनुरूप कार्यों को सम्पादित करने में सुगमता व तेजी आएगी। ट्रेनिंग में सभी मंत्रियों को लैपटॉप, आईपैड के साथ आमंत्रित किया गया। मंत्रियों को बताया गया कि वे कैसे इन डिजीटल उपकरणों का इस्तेमाल अपने सरकारी काम में करें। वैसे कई मंत्री पहले से इनका उपयोग प्रभावी तरीके से करते रहे हैं। दरअसल, डिजिटल इंडिया अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि अब सरकारी काम पेपरलेस हो। इसकी शुरुआत कैबिनेट की बैठक पेपरलेस कर की जाएगी। इसके तहत मंत्रियों को एजेंडा हार्डकापी में नहीं बल्कि ईमेल या दूसरे सोशल मीडिया के जरिए भेजा जाएगा। सरकार ने सचिवालय में ई-ऑफिस व्यवस्था पहले से लागू कर रखी है।

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