शासनादेश ताक पर : नगर आयुक्त ने कर अधीक्षकों को बना दिया जोनल अफसर

  • पहले दे दिया था सफाई अधिकारी दिलीप डे को जोनल का चार्ज
  • मेयर संयुक्ता भाटिया और विपक्षी दलों के पार्षदों ने उठाए सवाल
  • कर्मचारियों के मूल पद को छोड़कर उच्च पद पर कर दी तैनाती
  • नगर आयुक्त ने अपने चहेतों को दे दिया चार्ज आदेशों की उड़ी धज्जियां
  • सीएम योगी से शिकायत के बाद निदेशक ने जारी किए थे आदेश
सत्य प्रकाश. लखनऊ। लखनऊ नगर निगम में शासनादेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आदेश के बावजूद नगर आयुक्त ने अपने चहेते चार कर अधीक्षकों को जोनल अफसर बना दिया है। इसके पहले वे सफाई अधिकारी दिलीप कुमार डे पर भी अपनी मेहरबानी दिखा चुके हैं। नगर आयुक्त ने उन्हें भी जोनल अफसर बना दिया था। हैरानी की बात यह है कि स्थानीय नगर निकाय उत्तर प्रदेश की तत्कालीन निदेशक डॉ. काजल के आदेशों का भी पालन नहीं किया गया। इस मामले में विपक्षी दलों के पार्षदों और मेयर ने भी नगर आयुक्त की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। पिछले साल सितम्बर में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने नियमों को ताक पर रखकर जोनल सफाई अधिकारी दिलीप कुमार डे को जोन एक का अफसर बना दिया था। नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सफाई से जुड़े किसी अधिकारी को जोनल प्रभारी बनाया गया। जोन एक में तैनात सुभाष कुमार को कंट्रोल रूम का प्रभारी बनाया गया था। अक्टूबर में गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी में कंप्यूटर प्रोग्रामर के पद पर तैनात सुजीत श्रीवास्तव को लखनऊ नगर निगम में जोनल अधिकारी बना दिया गया। यह पद पीसीएस रैंक का है। बताया जा रहा है कि नगर निगम जोन चार में जोनल अधिकारी के पद पर तैनात सुजीत की सर्विस बुक निगम में नहीं है। जोन छह में कर अधीक्षक पद पर तैनात चन्द्रशेखर यादव को जोन सात का अधिकारी बनाया गया। जोन छह और चार में कर अधीक्षक पद पर रह चुके राजेश सिंह को जोन तीन का अधिकारी बनाया गया जबकि जोन पांच में कर अधीक्षक पद पर तैनात रह चुके सुभाष त्रिपाठी को जोनल अधिकारी पांच बना दिया गया। हालांकि अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी द्वारा एफआई कराने का आदेश न मानने पर दिलीप कुमार डे को हटा दिया गया है। आदेश के बावजूद नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी अपने चहेतों पर मेहरबानी कर रहे हैं।
यह जारी किया गया था आदेश
5 अप्रैल 2018 को सीएम योगी आदित्यनाथ से सीएम पोर्टल पर नगर निकायों में मूलपद पर तैनात कर्मचारियों से उच्च पद पर काम लिए जाने की शिकायत की गई थी। शिकायत का संज्ञान लेते हुए स्थानीय नगर निकाय यूपी की तत्कालीन निदेशक डॉ. काजल ने मामले को संज्ञान लेते हुए 16 जनवरी 2019 को सभी नगर निकायों के आयुक्तों और विभाग के प्रबंधकों को निर्देश जारी किये थे। इसके मुताबिक किसी भी कर्मचारी को मूलपद छोड़कर उच्च पद पर तैनात न किया जाए।
जोनल अफसर सुजीत श्रीवास्तव हैं प्रोग्रामर
जोनल अधिकारी जोन 4 सुजीत श्रीवास्तव एक प्रोग्रामर हैं और यूपीएसआईडीसी गोरखपुर में तैनात थे। सरकार के मानदंडों का घोर उल्लंघन कर उन्हें यहां तैनात किया गया है। वह उद्योग विभाग से संबंधित हैं और एक कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं। पिछले पांच वर्षों से वे नगर निकाय विभाग के नगर निगम में तैनात हैं।
सभी प्रशासनिक निर्णय नगर आयुक्त द्वारा लिए जाते हैं। यदि ऐसा कोई शासनादेश जारी हुआ है तो संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी।
संयुक्ता भाटिया, महापौर
नगर निगम में सभी कार्य और नियुक्तियां नियमानुसार ही किये जा रहे हैं।
अजय द्विवेदी, नगर आयुक्त लखनऊ
सरकार मनमाने तरीके से अपने चहेते अफसरों की नियुक्ति कर रही है। नगर निगम में भी ऐसा ही हो रहा है। अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर कार्य कर रहे हैं।
शीबा चांद सिद्दीकी, पार्षद, सपा
नगर निगम अधिनियम के तहत सभी निर्णय लेने का अधिकार नगर आयुक्त को है लेकिन यदि कोई भी आदेश शासन स्तर से आया है तो उसका पालन होना चाहिए।
अमित चौधरी, पार्षद, कांग्रेस

जिस पर विपक्ष ने उठाया था सवाल, वही कोवैक्सीन लगवाई पीएम ने
  • एम्स में ली पहली डोज, बिना डर लोगों से टीका लगवाने की अपील
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई कोवैक्सीन की पहली डोज दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में लगवाई। यह वही वैक्सीन है, जिस पर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए थे। इस वैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान ही इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी, जिस पर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया था। विपक्ष का कहना था कि कोवैक्सीन को फेज-3 के ट्रायल के बिना ही आपात मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इसका टीका लगवाने को कहा था जिससे इसकी सुरक्षा को लेकर भ्रम दूर हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज पुडुचेरी की नर्स पी निवेदा ने कोरोना का टीका लगवाया। उन्होंने गले में असम का गमछा डाला हुआ था तो उनकी वेशभूषा पश्चिम बंगाल की थी। नर्स पी निवेदा ने कहा, पीएम को भारत बायोटेक के को-वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है। दूसरी खुराक 28 दिनों में दी जाएगी। पीएम ने लोगों से बिना डर टीका लगवाने की अपील भी की।

पुलिस कमिश्नर के जाल में फंसे शातिर, जेवर व चालीस लाख की नगदी समेत दो गिरफ्तार

  • जुगल किशोर ज्वैलर्स में करोड़ों की चोरी का मामला
  • पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने गठित की थी दस टीमें, तीन दिन में किया खुलासा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। राजधानी स्थित अमीनाबाद में जुगल किशोर ज्वैलर्स के यहां हुई करोड़ों की चोरी के मामले में तीन दिन बाद पुलिस को सफलता हासिल हुई। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने ऐसा जाल बिछाया कि दो आरोपी पकड़े गए। इनके पास से करोड़ों के जेवर, 40 लाख नकद और चोरी हुई पिस्टल बरामद की गई है। चोरी के राजफाश को 10 टीमें गठित की गई थीं। लखनऊ पुलिस ने जुगल किशोर ज्वैलर्स की दुकान में हुई करोड़ों की चोरी मामले में शबरूद्दीन अंसारी उर्फ शेरा और शोएब को गिरफ्तार किया है। शातिरों ने घटना को अंजाम देने के लिए नाबालिग रिक्शा चालक का इस्तेमाल किया था। इनके पास से करोड़ों के जेवर, 40 लाख नगद और चोरी हुई पिस्टल बरामद की है। आरोपी शबरूद्दीन पार्षदी का चुनाव भी लड़ चुका है।
ई-रिक्शा के नंबर से चोरों तक पहुंची पुलिस : डीके ठाकुर
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि बीते 25 फरवरी की रात चोरों ने जुगल किशोर ज्वैलर्स की दुकान से सप्ताहिक बंदी के दिन चोरी की घटना को अंजाम दिया। घटना के खुलासे के लिए 10 टीमें गठित की गई थीं। पुलिस ने चोरों की तलाश में कई होटलों में छापेमारी भी की। इसके साथ ही पुलिस की तीन टीमों ने गैर जनपद में दबिश दी थी। विभिन्न स्थानों से मिले सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध बोरी में सामान भरकर ई-रिक्शा से जाते दिखे। पुलिस ई-रिक्शा के नंबर से चोरों तक पहुंच गई।

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