69,000 सहायक शिक्षक भर्ती: चयन से वंचित अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप

पटेल ने कहा कि अगर जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई में ढिलाई बरतते हैं, तो यह अभ्यर्थी कोर्ट का रुख करेंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में चयन से वंचित रहे अभ्यर्थियों ने अब भर्ती प्रकिया में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए आंदोलन तेज कर दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस प्रक्रिया में कई ऐसे उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया, जिन्होंने आवश्यक शौक्षिक योग्यताएं पूरी नहीं की थीं।

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने जानकारी दी कि उनकी टीम ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रही है जो बिना BTC (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) या अन्य आवश्यक योग्यताओं को पूरा किए, बीते पाँच वर्षों से शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। उनका आरोप है कि यह सब कुछ संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से संभव हुआ।

पटेल ने कहा कि अगर जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई में ढिलाई बरतते हैं, तो यह अभ्यर्थी कोर्ट का रुख करेंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे. उनका कहना है कि सुधार की प्रक्रिया अधूरी नहीं होनी चाहिए और सभी गड़बड़ियों को पूरी तरह से दुरुस्त किया जाना चाहिए.

हाईकोर्ट ने सूची रद्द की थी
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षण विवाद को लेकर पूरी चयन सूची रद्द कर नई सूची बनाने का आदेश दिया था, लेकिन मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए पहल कर. आंदोलनरत अभ्यर्थियों का दावा है कि जहां एक ओर करीब 19000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले 5 साल से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया है जो BTC फेल हैं. वे न केवल नौकरी कर रहे हैं, बल्कि नियमित वेतन भी पा रहे हैं. हाल ही में विभाग ने ऐसे लोगों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन वेतन की वसूली को लेकर अभी कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.

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