विधानसभा चुनाव से पहले मोदी की बढ़ी मुश्किलें, दलित और आदिवासी संगठनों ने किया भारत बंद

अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित.... और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को भारत बंद बुलाया....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित…. और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को भारत बंद बुलाया…. वहीं बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिला…. वहीं कुछ राज्यों में इसका मिलाजुला असर रहा…. आपको बता दें कि राजस्थान में बुधवार सुबह से ही भारत बंद का असर देखने को मिला…. सड़कों पर अमूमन दिनों में नज़र आने वाली चहल-पहल नहीं दिखी….. जबकि, स्कूल-कॉलेज बंद होने और प्रशासन के साथ प्रदर्शनकरियों की पूर्व में हुई बैठकों का नतीजा रहा कि बंद से आमजन को कोई असुविधा देखने को नहीं मिली…. जयपुर, बाड़मेर, जालोर, जोधपुर समेत सभी ज़िला मुख्यालयों पर एसटी-एससी संगठनों ने रैलियां निकाल कर आरक्षण में वर्गीकरण का विरोध किया…. इस दौरान प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए गए…. प्रशासन ने एहतियातन सोलह ज़िलों में शिक्षण संस्थान बंद किए और करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर और डीग-कुम्हेर ज़िले में इंटरनेट भी बंद रखा गया…. और सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पुलिस निगरानी रही…. जयपुर, जोधपुर, सीकर, बाड़मेर सहित कई ज़िलों में बाजार भी बंद रहे…. और लोगों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे…. कुछ जगह जबरन बंद कराने की खबरें भी आईं…. बता दें कि राजस्थान पुलिस के डीजीपी यूआर साहू ने बयान दिया कि राजस्थान में बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा है…. एक दो जगह छुट-पुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो कहीं से उपद्रव की कोई सूचना नहीं है…. राजस्थान में भारत बंद को भारत आदिवासी पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और कांग्रेस के कई सांसद और विधायकों ने समर्थन किया…. एससी-एसटी संगठन बंद को सफल बता रहे हैं, जबकि भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने बंद को बेतुका बताया था….

भारत बंद को लेकर केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि जो लोग भारत बंद का आह्वान किए हैं वो स्वार्थी तत्व हैं…. स्वार्थी तत्व मैं इसलिए कह रहा हूं…. क्योंकि वो मेरे बड़े भाई हैं…. और उन्होंने कहा कि भारत बंद करने वालें स्वार्थी तत्व हैं…. वैसे तो वो हमारे बड़े भाई हैं पर वो नहीं चाहते हैं कि छोटे भाई की भलाई हो, हम सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने वर्गीकरण की बात की…. जैसे किसी घर में चार भाई होते हैं…. उनकी आपस में नहीं बनने पर संसाधनों का बंटवारा कर लिया जाता है…. आज उसी प्रकार से हम चाहते हैं… और सुप्रीम कोर्ट ने

भी कहा कि जो समाज 76 वर्ष आजादी के बाद भी आज उसका विकास नहीं हो सका है, उसके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए….. मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति को मिलने वाले आरक्षण का 90 प्रतिशत लाभ कुछ जातियों ने ही लिया है…. बाकी जातियां आज भी हाशिए पर हैं….. और उन्होंने कहा कि ये न्याय नहीं अन्याय है…. ऐसे तत्व जिन्होंने बंद का नारा दिया है वो स्वार्थी हैं…. आज के आंदोलन को हम अनैतिक और स्वार्थी करार देते हैं…. महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक और कांग्रेस के एससी विभाग के पूर्व अध्यक्ष नितिन राउत ने कहा कि देश में संविधान में बदलाव की भाषा बोली जा रही है…. केंद्र सरकार, भाजपा और आरएसएस ने एससी-एसटी समुदाय के लिए ‘फूट डालो और राज करो’ की भूमिका निभाई है…..यह आरएसएस का छिपा हुआ एजेंडा था और यह सरकार उस एजेंडे को सामने लाने का प्रयास कर रही है…. इसलिए यह भारत बंद बुलाया गया है….. वहीं राजस्थान से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि मुझे सूचना मिली की भारत बंद है…. लेकिन मुझे कहीं रास्ते में लगा नहीं कि भारत बंद है…. कुछ चीजें समय पर छोड़ दीजिए, समय अनुरूप परिणाम आएंगे…. ग़ौरतलब है कि इससे पहले दो अप्रैल 2018 को दलित संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद में कई जगह हिंसा हुई थी… और मध्य प्रदेश में छह लोगों की मौत हो गई थी….

आपको बता दें कि बिहार में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला…. बंद का ज्यादातर असर विभिन्न शहरों के मुख्य इलाकों खासतौर पर बाज़ार, नेशनल और स्टेट हाईवे पर दिखा….. राजधानी पटना के डाक बंगला चौराहे पर पुलिस ने प्रदर्शनतकारियों पर लाठियां चलाईं… जिसमें कई प्रदर्शनकारी चोटिल हो गए…. वहीं मौके पर मौजूद डिप्टी एसपी अशोक कुमार सिंह ने एएनआई से कहा कि बंद समर्थकों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं था…. वो कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले रहे थे… और उन्होंने कहा कि आम लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही थी….. हम लोगों ने एक घंटे तक समझाने की कोशिश की…. लेकिन जब वो नहीं माने तो हमें लाठीचार्ज करना पड़ा….. वहीं राजधानी पटना से सटे फुलवारी शरीफ़ के पास भी भारत बंद समर्थक सड़क पर उतरे… और उन्होंने सड़क पर टायर जलाकर यातायात को बाधित किया….. फुलवारी शरीफ से सीपीआई एमएल के विधायक गोपाल रविदास ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ बिहटा सरमेरा पथ को घंटों बाधित रखा…. वहीं पटना के अलावा बंद समर्थकों ने आरा रेलवे स्टेशन पर चक्का जाम किया…. समर्थकों ने रानी कमलापति सहरसा ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया…. इस दौरान समर्थक रेलवे ट्रैक पर ही बैठ गए…. बता दें कि आरा की स्थानीय पत्रकार नेहा गुप्ता बताती हैं…. बंद का मिलाजुला असर रहा…. प्रदर्शनकारियों ने 10 मिनट तक ट्रेन को रोके रखा…. लेकिन उसके बाद ट्रेन परिचालन सामान्य हो गया…. और उन्होंने बताया कि शहर के बस स्टैंड पर भाकपा माले, बसपा, लोजपा (आर) और राजद कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया…. अंबेडकर चौक पर भी भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जाम कर दिया था….

बता दें कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में आरक्षण वर्गीकरण की बहस को सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतिम फैसले से खत्म कर दिया है…. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एससी-एसटी सगंठन खफा हैं… और इसलिए बुधवार को भारत बंद का आवाह्न किया गया…. इसका भारी असर राजस्थान में भी देखने को मिला…. राजधानी जयपुर सहित राजस्थान के लगभग सभी जिलों में एससी-एसटी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में बंदी जारी है…. इसी बीच पुलिस प्रशासन में हाई अलर्ट पर है…. पिछली बार बंद के दौरान हुई हिंसा… और हंगामे से सीख लेकर पुलिसकर्मी इस बार सक्रिय हैं…. वहीं राजस्थान के ज्यादातर जिलों में डीएम ने स्कूल-कॉलेज की छुट्टी कर दी है…. इसके अलावा, कई जगह इंटरनेट पर भी बैन लगाया गया है…. बंद के चलते जयपुर, जयपुर ग्रामीण, झुंझुनूं, बाड़मेर, धौलपुर, अनूपगढ़, खैरथल-तिजारा, जोधपुर, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, डीग, बीकानेर, टोंक, भीलवाड़ा, सीकर, नीमकाथाना, कोटा, श्रीगंगानगर,  जैसलमेर, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़ और भरतपुर में स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी का ऐलान किया गया है…. इसके अलावा, कोचिंग, लाइब्रेरी, हॉस्टल और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी अवकाश घोषित है…. बंद के चलते कोटा, शेखावाटी और मत्स्य यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की तारीख भी आगे बढ़ा दी गई है…. जानकारी के अनुसार, भारत बंद के चलते बुधवार को राजस्थान के कई जिलों में इंटरनेट पर बैन रहा… मालूम हो, सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के रिजर्वेशन को लेकर एक फैसला दिया…. जिसका सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हुआ…. एससी-एसटी कोटा के अंदर कोटा वाले आदेश के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया गया है…. आपको बता दें कि भारत बंद बुधवार सुबह 6.00 बजे से शुरू हुआ जो रात 8.00 बजे तक चला…. इस दौरान दुकानें, मार्केट, और स्कूल-कॉलेज बंद रहीं…. सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात रही…

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