सर्वाइकल की समस्या में ये योगासन देंगे राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
डिजिटल युग आने के बाद से लोगों के जीवन में कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ गया है। वहीं कोविड काल और लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम कल्चर बढऩे से भी ऑफिस कर्मचारी लगातार कंप्यूटर पर काम करने लगे। ऐसे में लोगों में सर्वाइकल की समस्याएं बढऩे लगी है। लगातार घंटों तक डेस्क वर्क करनेे या कंप्यूटर पर काम करने से गर्दन और बैक में दर्द होने लगता है। वहीं जीवनशैली से जुड़ी कुछ आदतों के कारण सर्वाइकल की समस्या से कम उम्र के लोग भी ग्रसित होने लगे हैं। सर्वाइकल की समस्या में गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द होता है। कंप्यूटर पर काम करने वाले लोग झुककर बैठते हैं या लगातार गर्दन झुकाए रहते हैं। जिसके कारण गर्दन दर्द होने के साथ ही हाथ पैर और पीठ व कमर में भी दर्द बढ़ जाता है, जो सामान्य जीवन के कामकाज में बाधा बनता है। सर्वाइकल की समस्या से राहत पाने के लिए योगासन एक लाभकारी उपाय है। कुछ योगासन के नियमित अभ्यास से सर्वाइकल से समस्या कम हो सकती है।

धनुरासन

गर्दन और शरीर दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए धनुरासन लाभकारी है। खासकर महिलाओं को धनुरासन का अभ्यास करना चाहिए। महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी विकृतियों को भी धनुरासन दूर करता है। इस योगासन से मांसपेशियों का अच्छा खिंचाव होता है, जिससे पेट की चर्बी भी कम होती है। धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट कर अपने घुटनों को मोड़े। टखनों को हथेलियों से पकड़ते हुए अपने पैरों और बाह को अपनी क्षमता के अनुसार ऊपर उठाएं। ऊपर देखते हुए कुछ देर इसी अवस्था में रहें। बाद में सामान्य अवस्था में आ जाएं। धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर मुंह के बल या पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों को बगल से सटाकर पूरे शरीर के स्नायुओं को बिल्कुल ढीला छोड़ दें। इसके बाद अपनी दोनों एड़ी व पंजों को आपस में मिलाते हुए व घुटनों के बीच फासला रखते हुए पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाते हुए सिर की तरफ मोड़ें तथा दोनों पैरों को एड़ी के पास से दोनों हाथों से पकड़ लें। हाथों पर जोर देकर पैरों को खींचते हुए अपने सिर, छाती तथा जांघों को जितना सम्भव हो उतना ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें।

मत्स्यासन योग

सर्वाइकल की समस्या में मत्स्यासन योगाभ्यास काफी असरदार होता है। मत्स्यासन का अभ्यास गर्दन और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद माना जाता है। थायराइड होने पर भी मत्स्यासन लाभदायक है। मत्स्यासन योगाभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेटकर बाहों को शरीर के नीचे मोड़ें। फिर सिर और छाती को ऊपर उठाते हुए सांस लें। अब पीठ को झुकाते हुए सिर को जमीन पर रखें और कोहनियों से पूरे शरीर का संतुलन बनाएं। सांस अंदर बाहर छोड़ें। बाद में उसी स्थिति में आ जाएं।

भुजंगासन योग

भुजंगासन का अभ्य़ास गर्दन और रीढ़ के लिए फायदेमंद होता है। हार्मोनल असंतुलन की समस्या होने पर भी नियमित रूप से भुजंगासन योग या कोबरा पोज का अभ्यास करना चाहिए है। पीठ और कमर दर्द की समस्याओं के साथ फ्रोजन शोल्डर और छाती की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए भी भुजंगासन फायदेमंद है। इस योगासन को करने के लिए पेट के बल लेटकर हथेली को कंधों के नीचे रखते हुए सांस लें। फिर शरीर के अगले हिस्सों को ऊपर की ओर उठाते हुए 10-20 सेकंड्स तक इसी स्थिति में रहें। बाद में सामान्य अवस्था में आ जाएं।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार का अर्थ ऐसे आसन से है, जिसमें सूर्य को नमस्कार करना हो। सूर्य नमस्कार में 12 अलग अलग योगासनों का अभ्यास किया जाता है। जितने अधिक सूर्य नमस्कार के आसन बिना रुके कर सकते हैं, उतना शरीर को लाभ मिलता है। सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास गर्दन की अकडऩ और रीढ़ के दर्द की समस्या को कम कर सकता है। सूर्य नमस्कार से वजन नियंत्रित रहता है और शरीर को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से रोज करीब 13-17 कैलोरी बर्न की जा सकती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है। सूर्य नमस्कार के साथ अच्छी डाइट और बेहतर लाइफस्टाइल को फॉलो किया जाए, तो आपको मनमुताबिक रिजल्ट मिल सकता है। अगर आप योगाभ्यास की शुरुआत कर रहे हैं, तो शुरू में प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के 5-10 चक्रका अभ्यास करना चाहिए। धीरे-धीरे आप इस प्रैक्टिस को बढ़ाते जाएं और इससे आपको फायदे मिलना शुरू हो जाएंगे। कई स्टडी में भी सूर्य नमस्कार के फायदों पर मुहर लग चुकी है। हालांकि सूर्य नमस्कार करने पर किसी तरह की दिक्कत हो, तो अभ्यास नहीं करना चाहिए।

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