नवजात बच्चों का सर्दियों में ऐसे रखें खास ख्याल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नवजात बच्चे अपनी नाजुक शारीरिक संरचना के कारण सर्दियों में विशेष देखभाल के हकदार होते हैं। सर्दी का मौसम नवजात शिशुओं के लिए कठिन हो सकता है, क्योंकि उनका शरीर तापमान नियंत्रण में सक्षम नहीं होता और वे आसानी से ठंड से प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए, सर्दियों में नवजात बच्चों की देखभाल करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही तरीके से देखभाल करने पर शिशु स्वस्थ रह सकते हैं। क्योंकि उनकी त्वचा, शारीरिक संरचना और इम्यून सिस्टम पहले से ही बहुत कमजोर होते हैं। जिससे वे जल्दी सर्दी और बुखार से प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए, उनका तापमान सही रखने के लिए कुछ विशेष उपायों की आवश्यकता होती है। साथ ही, शिशु के टीकाकरण और नियमित चेकअप की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अधिक स्नान से बचाएं
सर्दियों में नवजात को ज्यादा स्नान कराना जरूरी नहीं है। सप्ताह में दो-तीन बार ही स्नान कराना काफी होता है। अगर शिशु को बार-बार स्नान कराना आवश्यक हो, तो गुनगुने पानी का प्रयोग करें। सर्दियों में शिशु की देखभाल करते वक्त उसकी समग्र सेहत को बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। इसमें सही आहार, इम्यूनिटी और अन्य शारीरिक देखभाल शामिल होती है। वहीं शिशु को ठंड से बचाने के लिए कमरे का तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस के बीच रखना चाहिए। कमरे में हल्का हीटर लगा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि यह अत्यधिक गर्मी न दे, क्योंकि इससे शिशु का तापमान असंतुलित हो सकता है।
नियमित चेकअप और टीकाकरण
सर्दी और ठंड में शिशु को बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण और नियमित चेकअप की जरूरत होती है। यदि शिशु को सर्दी, बुखार, खांसी या कोई अन्य बीमारी का संकेत मिलता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शिशु की रोग प्रतिकारक क्षमता कम होती है, और सर्दियों में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है। नवजात शिशु का सही समय पर टीकाकरण करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। शिशु की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए, सर्दियों में भी डॉक्टर के पास समय-समय पर चेकअप और वैक्सीनेशन के लिए जाएं। सर्दी में शिशु के नथुनों में नमी का बनना आम बात है, जिससे श्वसन समस्याएं हो सकती हैं।
गर्म कपड़े पहनाएं
नवजात शिशु के लिए गर्म और मुलायम कपड़े पहनाना बहुत जरूरी है। ऊनी या फ्लीस सामग्री के कपड़े नवजात शिशु के लिए आदर्श होते हैं, क्योंकि यह उनकी त्वचा के लिए आरामदायक होते हैं और शरीर की गर्मी को बनाए रखते हैं। नवजात शिशु को सर्दी से बचाने के लिए बंडलिंग (स्वेटर या कंबल से लपेटना) की तकनीक बहुत प्रभावी हो सकती है। सुनिश्चित करें कि बच्चा न तो ज्यादा गर्म हो और न ही ज्यादा ठंडा। बंडलिंग करते समय बच्चे के सिर और चेहरे को ढकने से बचें, ताकि वह आसानी से सांस ले सके।
पर्याप्त पानी दें
सर्दियों में पानी की प्यास कम लगती है, लेकिन यह शिशु के लिए जरूरी है कि उसे पर्याप्त मात्रा में पानी मिले। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान शिशु को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन अगर आप उसे पाउडर मिल्क से फीड कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसे पर्याप्त पानी मिले।
त्वचा का ख्याल रखें
सर्दी में नवजात शिशु की त्वचा अधिक नाजुक हो जाती है। ठंडी हवाएं और कम आर्द्रता त्वचा को सूखा और खुरदुरा बना सकती हैं। ऐसे में त्वचा की देखभाल करना जरूरी हो जाता है। नवजात शिशु की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है, इसलिए स्नान के बाद मुलायम तौलिये से धीरे-धीरे पोंछें। कठोर तौलिए से त्वचा पर रगडऩे से जलन या सूजन हो सकती है। वहीं नवजात शिशु के पैर और हाथ ठंडे होते हैं, और यही शरीर का वह हिस्सा है जहां से ठंड प्रवेश करती है। इसलिए बच्चों के पैरों में सॉक्स और हाथों में दस्ताने पहनाना जरूरी है, ताकि वे गर्म रहें।
सही आहार का चयन करें
शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम होता है, खासकर सर्दियों में। मां का दूध नवजात शिशु को पोषण और इम्यूनिटी प्रदान करता है, जिससे वह सर्दी और अन्य संक्रमणों से बचा रहता है। यदि शिशु को सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो शिशु को ज्यादा से ज्यादा मां का दूध पिलाएं, क्योंकि इससे शिशु का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।