बीजेपी मुझे डराने की कोशिश कर रही है: बघेल

बोले- सवाल पूछने की वजह से हुई छापेमारी

  • मुझे चुनाव न हारने का डर है और न मरने का

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य के घर पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दबिश दी। ईडी के अधिकारी सुबह से दस्तावेज खंगाल रहे थे। कार्रवाई के बीच नोट गिनने और सोना जांचने की मशीनें भी मंगाई गई है। 11 घंटे की पूछताछ खत्म होने के बाद भूपेश बघेल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी उनको डराने की कोशिश कर रही है। पूर्व सीएम ने आगे कहा कि भूपेश बघेल मौत से भी नहीं डरते। मुझे ना हारने का डर है ना मरने का। भूपेश बघेल ने कहा कि उनके परिसरों पर ईडी की छापेमारी भाजपा की हताशा का नतीजा है। बघेल ने दावा किया कि ईडी को उनके घर में 32-33 लाख रुपये नकद मिले हैं।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 33 लाख रुपये मिलना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि मेरा परिवार बड़ा है और हम 140 एकड़ में खेती करते हैं और आय के तमाम साधन हैं। बघेल ने दावा किया कि ईडी को भाजपा नेताओं से संबंधित मामलों के दस्तावेजों के अलावा कुछ नहीं मिला है। पूर्व सीएम ने कहा कि पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने के बाद उनको परेशान और निराश करना छापे का मकसद है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाला मामले में उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत दुर्ग जिले के भिलाई शहर में बघेल के परिसरों पर छापेमारी की। चैतन्य के करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है।

पूर्व सीएम बोले- ईडी के पास कोई तलाशी वारंट नहीं था

बघेल ने कहा कि ईडी के पास कोई प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) संख्या नहीं है। जब हमने इसके लिए पूछा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। सात साल पहले मेरे खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाया गया था। उस मामले में कुछ नहीं मिला क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया। इस मामले में भी उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। बघेल ने आरोप लगाया कि उन्हें न तो विस में जाने दिया गया और न ही फोन इस्तेमाल करने दिया गया। मेरी बेटी, मेरा बेटा, बहू और पोते-पोतियां यहीं रहते हैं। हम मुख्य रूप से 140 एकड़ जमीन पर खेती करके कमाते हैं। इससे पहले आज, केंद्रीय जांच एजेंसी ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की।

छापेमारी सरकार का ध्यान भटकाने वाली रणनीति : वेणुगोपाल

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि यह छापेमारी संसद में प्रमुख मुद्दों पर जवाब से बचने के लिए सरकार द्वारा ध्यान भटकाने वाली रणनीति हैं। जब भी संसद सत्र चल रहा होता है, तो लोगों के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन वे इन मुद्दों से भागना चाहते हैं… सरकार जन केंद्रित मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती है।

‘आरएसएस के खिलाफ न बोलें, हिंदू नाराज हो जाएंगे’

  • राहुल गांधी के बयान के बाद दिग्विजय सिंह का खुलासा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान पर लगातार चर्चा हो रही है। इन सबके बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान आरएसएस के खिलाफ बोलने से मना किया गया था, क्योंकि इससे हिंदुओं के नाराज होने का डर था। उन्होंने राहुल गांधी द्वारा एक दिन पहले राज्य में उन लोगों पर की गई सख्त टिप्पणी की सराहना की, जो पार्टी में सत्तारूढ़ भाजपा की मदद कर रहे हैं।
बता दें शनिवार को अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा था कि पार्टी का पहला काम कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के दो समूहों को अलग करना है – एक जो पार्टी की विचारधारा को अपने दिल में रखते हैं और जनता के साथ खड़े होते हैं और दूसरे जो जनता से कटे हुए हैं, जिनमें से आधे भाजपा के साथ हैं। उन्होंने ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं को छांटने की जरूरत पर जोर दिया था और सख्त कार्रवाई, यहां तक कि निष्कासन की चेतावनी भी दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा, हिंदू धार्मिक गुरु शंकराचार्य जी की हजारों सालों से चली आ रही परंपरा है और वह आज भी चलन में है।

राहुल को उनके बयान के लिए दी बधाई

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सिंह ने गांधी को उनके बयान के लिए बधाई दी। 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश के सीएम रहे राज्यसभा सांसद ने कहा कि आरएसएस के नेतृत्व वाला संघ परिवार हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने कहा कि यह केवल धर्म के नाम पर समुदाय को गुमराह करता है और उनका शोषण करता है।

पंजाब में बवाल! पुलिस से झड़प में कई किसान हुए घायल

  • जम्मू-कटरा हाईवे अधिग्रहण को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीहरगोबिंदपुर (गुरदासपुर)। पंजाब के गुरदासरपुर जिले के श्रीहरगोबिंदपुर साहिब के पास गांव नंगलझोर में किसान और पुलिस प्रशासन आमने-सामने हो गए। टकराव की स्थिति उत्पन्न होने के बाद किसानों की पगडिय़ां भी उतर गई। हालांकि, इस टकराव के दौरान आठ किसान भी घायल हो गए। किसानों ने सरकार और पंजाब पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
किसान नेताओं ने बताया कि श्रीहरगोबिंदपुर साहिब में गुजर रहे हाईवे को लेकर सरकार कब्जा लेना चाहती है, जबकि किसान नेता इसे नहीं देना चाहते है। इसी को लेकर किसानों-पुलिस प्रशासन के बीच टकराव हो गया। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।

रास नेता सदन को है प्रशिक्षण की जरूरत : कांग्रेस अध्यक्ष

  • खरगे ने जेपी नड्डा को दी सलाह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जेपी नड्डा ने एक दिन पहले विपक्षी सांसदों को नियम पढऩे की बात पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को प्रशिक्षण की नसीहत देने वाले नेता सदन को ही इसकी जरूरत है क्योंकि उनके ही सदस्य और मंत्री ही समय पर सदन में नहीं आते हैं।
राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवा रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने राष्टï्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान की परिषद के लिए निर्वाचन का प्रस्ताव पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का नाम पुकारा, लेकिन वह सदन में उपस्थित नहीं थे।

कांग्रेस विपक्ष की टिप्पणियों को देती है महत्व : डीके शिवकुमार

  • डिप्टी सीएम बोले- हम खरगे के मार्गदर्शन में काम करते हैं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के बीच पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार से एकजुट होकर काम करने और राज्य के विकास को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यदि वे अलग-अलग रहेंगे और अलग-अलग दिशाओं में आगे बढ़ेंगे तो यह ‘‘कठिनाई’’ भरा होगा। खरगे ने एक समारोह को संबोधित करते हुए जब यह टिप्पणी की थी तब उनके साथ मंच साझा कर रहे शिवकुमार मुस्कुराते रहे। खरगे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा,‘‘मैं मंच पर था। हम उनकी बात सुनेंगे और उनके मार्गदर्शन में चलेंगे। उन्होंने कहा हमारी विपक्षी पार्टी भी हमारा मार्गदर्शन करती है। हम उनकी बात पर भी गौर करते हैं।
वे हम पर बहुत टिप्पणी करते हैं, लेकिन हमें कभी बुरा नहीं लगता। जनता की भलाई के लिए जो भी करना होगा, हम वह करेंगे। राज्य के गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष ने यह टिप्पणी क्यों की। परमेश्वर ने कहा, हम सभी एकजुट हैं। हम एकजुट होकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, सभी मंत्री और पूरी सरकार केवल लोगों के लिए काम कर रही है। इस बीच केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता प्रल्हाद जोशी ने हुबली में कहा कि खरगे द्वारा सिद्धरमैया और शिवकुमार को साथ चलने के लिए कहने का मतलब है कि वे एकजुट नहीं हैं। जोशी ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार किया है कि वे साथ नहीं हैं और कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। उनकी स्थिति अब बहुत स्पष्ट रूप से समझी जा सकती है।

खतरे की जद में एक और बैंक, लगेगा झटका

  • इंडसइंड बैंक के शेयर में 20 प्रतिशत का आज लगा लोअर सर्किट
    डेरिवेटिव पोर्टफोलियों में गड़बड़ी के साथ निकली कई अन्य खामियां

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। भारत के एक और निजी बैंक पर खतरे के बादल मंडराना शुरू हो गये हैं। बैंक का नाम इंडसइंड है और इसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियों में ढाई प्रतिशत तक की गड़बडिय़ां पाई गयी है। इस खबर के पब्लिक डोमेने में आते ही आज इसके शेयरों में हाहाकार मच गया और 20 फीसदी का लोअर सर्किट लगा। जिससे बैंक की मार्केट वैल्यू में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
बैंक का शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर 720.35 रुपये पर पहुंच गया है जो एनएसई पर लोअर बैंड से नीचे चला गया। डेरिवेटिव एकाउट कम पूंजी के साथ बड़े निवेश करने की अनुमति देते हैं। और बैंक के इन्ही एकाउंट में गड़बड़ी पायी गयी है। यानि कि खतरा बड़ा है और बैंक के रास्ते में जोखिम ज्यादा है। बता दें कि इंडसइंड बैंक को बचाने के लिए बैंक के प्रमोटर हिंदुजा प्रमोटेड लेंडर ने अपनी चौथी तिमाही की आय या अगले फाइनेशियल ईयर की पहली तिमाही में इस नुकसान की भरपाई करने की योजना बनाई हैं।

41 मिलियन ग्राहकों का है विशाल नेटवर्क

इंडसइंड बैंक के पास देश में 41 मिलियन ग्राहक है और 3,040 से ज्यादा ब्रांचेज के साथ करोबार कर रहा है। बैंक के पास 3,011 एटीएम हैं। यह एमसीएक्स के लिए एक सूचीबद्ध बैंकर है। इसके शेयर 1 अप्रैल 2013 से निफ्टी में 50 इंडेक्स का हिस्सा रहे हैं। यानि की इंडसइंड बैंक कोई मामूली बैंक नहीं है। यदि बैंक पर खतरा बड़ता है तो भारत के वित्तीय बजार में इसका असर व्यापक होगा। इंटरनल रिव्यू के दौरान बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 2.35 प्रतिशत की विसंगतियां पाए जाने के बाद बैंक की कुल संपत्ति में लगभग 2,100 करोड़ रुपये की गिरावट आने की उम्मीद है।

करना पड़ेगा बैंक को लिटमस टेस्ट का सामना

सूत्रों के मुताबिक इंडसइंड बैंक को लिटमस टेस्ट का सामना करना पड़ेगा। गौरतलब है कि लिटमस टेस्ट उच्च पद के लिए संभावित उम्मीदवार से पूछा जाने वाला एक प्रश्न है, जिसका उत्तर यह निर्धारित करेगा कि नामांकन करने वाला अधिकारी नियुक्ति या नामांकन के साथ आगे बढ़ेगा या नहीं।

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