अहमदाबाद प्लेन क्रैश: ब्लैक बॉक्स की तलाश जारी, जानें क्या है राज?
ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल हमेशा उड़ान से जुड़ी किसी दुर्घटना का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह विमान की उड़ान के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। हादसे के कारणों की गहराई से जांच के लिए ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) की तलाश की जा रही है। यह उपकरण विमान की उड़ान संबंधी सभी तकनीकी और परिचालन जानकारियाँ रिकॉर्ड करता है।
अहमदाबाद में गुरुवार को एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. इस विमान में 242 यात्री सवार थे. एयर इंडिया का विमान लंदन के लिए उड़ान भरा ही थी. उसी दौरान टेकऑफ के कुछ क्षण बाद ही एयरपोर्ट की बाउंड्री के पास वह क्रैश कर गया. मिली जानकारी के अनुसार घोड़ा कैंप के पास हुए विमान हादसे की सूचना पर दमकल विभाग की तीन टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और राहत और बचाव कार्य जारी है. बचाव दल ब्लैक बॉक्स की तलाश कर रही है. ब्लैक बॉक्स से विमान दुर्घटना का राज खुलेगा.
ब्लैक बॉक्स से खुलेगा विमान हादसे का राज
ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल हमेशा उड़ान से जुड़ी किसी दुर्घटना का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह विमान की उड़ान के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है. इसी वजह से इसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) भी कहा जाता है. ब्लैक बॉक्स का निर्माण टाइटेनियम मेटल से किया जाता है, ताकि यह सुरक्षित रहे. साथ ही, अंदर की दीवारें इस तरह से बनाई गई हैं कि अगर कोई दुर्घटना हो भी जाए तो भी ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रहता है और दुर्घटना के बाद इससे सारी जानकारियां मिलती है.
ब्लैक बॉक्स क्या है?
इसका नाम सुनकर ऐसा लगता है कि ब्लैक बॉक्स एक ब्लैक बॉक्स है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. ब्लैक बॉक्स अपने नाम से बिल्कुल अलग है, यह नारंगी रंग का होता है और इसे फ्लाइट रिकॉर्डर भी कहा जाता है. ब्लैक बॉक्स बहुत मजबूत होता है. ब्लैक बॉक्स के प्लेन के पिछले हिस्से में सुरक्षित रखा जाता है.
कैसे काम करता है ब्लैक बॉक्स?
यह एक ऐसा उपकरण है जो उड़ान के दौरान विमान का पूरा डेटा एकत्र करता है. इसका मुख्य कार्य यह पता लगाना है कि विमान दुर्घटना या किसी गंभीर घटना के दौरान क्या हुआ था? डेटा एकत्र करना. हर विमान में दो डेटा रिकॉर्डर होते हैं, जो एक दूसरे से जुड़े होते हैं. ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रहता है क्योंकि यह टाइटेनियम से बना होता है और इसमें कई परतें होती हैं. अगर विमान में आग लग भी जाए तो इसके नष्ट होने की संभावना लगभग नगण्य होती है क्योंकि यह करीब 1 घंटे तक 10,000 डिग्री सेल्सियस का तापमान झेल सकता है. इसके बाद भी यह बॉक्स अगले 2 घंटे तक करीब 260 डिग्री का तापमान झेल सकता है. इसकी एक खासियत यह है कि यह करीब एक महीने तक बिना लाइट के काम करता है, यानी अगर दुर्घटनाग्रस्त विमान को खोजने में समय भी लग जाए तो भी बॉक्स में डेटा सुरक्षित रहता है.



