मध्य-पूर्व में जंग का बिगुल? ईरान की स्ट्राइक से कांपा तेल अवीव, अस्पताल तबाह
ईरान ने इजराइल पर बड़ा हमला किया है... ईरान ने तेल अवीव पर मिसाइल दागी है... जिससे कई इमारतें जमींदोज हो गई है... इजराइल ने दावा किया है कि ईरान...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध एक हफ्ते बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है……. 13 जून 2025 से शुरू हुआ यह सैन्य टकराव अब…… और भी खतरनाक रूप ले चुका है……. दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं…… जिससे दोनों ओर भारी जान-माल का नुकसान हो रहा है…… बता दें कि गुरुवार 19 जून 2025 को सुबह-सुबह ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर मिसाइलों की बरसात की……. जिससे शहर में आग और धुएं के गुबार छा गए……. इस हमले में इजरायल के दक्षिणी हिस्से में स्थित प्रमुख सोरोका मेडिकल सेंटर को भी निशाना बनाया गया……. जिससे अस्पताल को भारी नुकसान पहुंचा…… और कई लोग घायल हुए…… इसके अलावा ईरान ने तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज को भी निशाना बनाया……. जिससे इजरायल की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है……..
आपको बता दें कि इजरायल और ईरान के बीच तनाव कोई नया नहीं है……. दोनों देशों के बीच दशकों से वैचारिक और सामरिक मतभेद रहे हैं…….. ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजरायल के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है……. क्योंकि इजरायल को लगता है कि ईरान परमाणु हथियार बना सकता है……. जो उसके अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है……. दूसरी ओर ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है……. लेकिन वह इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों को अपने खिलाफ देखता है…….
बता दें कि 13 जून 2025 को इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” शुरू किया……. जिसमें उसने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए…….. इजरायल का दावा था कि ये हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए जरूरी थे……. इस हमले में ईरान के कई सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए……. जिससे ईरान भड़क उठा…… जवाब में ईरान ने “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस थ्री” के तहत इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे……. तब से दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं……. जिससे मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है……
वहीं 19 जून 2025 को सुबह-सुबह ईरान ने तेल अवीव पर मिसाइलों की बरसात की……. यह हमला इतना भीषण था कि तेल अवीव का आसमान धुएं और आग से भर गया…… जिसको लेकर चश्मदीदों ने बताया कि मिसाइलों की आवाज…… और धमाकों से पूरा शहर दहल उठा…….. लोग अपनी जान बचाने के लिए बंकरों में छिप गए…….. और सायरन की आवाजें हर तरफ गूंज रही थीं…….. इस हमले में तेल अवीव के कई रिहायशी इलाकों, बुनियादी ढांचों और महत्वपूर्ण इमारतों को नुकसान पहुंचा……
वहीं ईरान ने दावा किया कि उसने इजरायल के सैन्य ठिकानों, ऊर्जा संयंत्रों और रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया…….. हालांकि, इजरायल की सेना ने कहा कि उसकी आयरन डोम…… और एरो-3 मिसाइल रक्षा प्रणालियों ने कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया……. फिर भी कुछ मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुंच गईं….. जिससे भारी नुकसान हुआ…….. इजरायल के दक्षिणी शहर बेर्शेबा में स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर इस हमले का प्रमुख निशाना बना……. यह अस्पताल इजरायल के दक्षिणी हिस्से में लगभग 10 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है…… और इसमें 1,000 से ज्यादा बेड हैं….. यह अस्पताल गाजा में घायल हुए इजरायली सैनिकों के इलाज के लिए भी जाना जाता है……
19 जून को सुबह एक बैलिस्टिक मिसाइल ने सोरोका अस्पताल को सीधे निशाना बनाया……. मिसाइल अस्पताल की एक मंजिल पर गिरी……. जिससे इमारत का एक हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया……. फर्श पर कांच, मलबा और धूल बिखर गया……. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि हमले में कई हिस्सों को भारी नुकसान पहुंचा…… और कुछ मरीजों और कर्मचारियों को चोटें आईं…….. डेविड एडम एंबुलेंस सर्विस के प्रमुख एली बिन ने बताया कि मिसाइल के हमले के बाद मरीजों को तुरंत दूसरी मंजिलों या सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया……
भाग्यवश अस्पताल ने पहले ही कई मरीजों को अन्य सुविधाओं में भेज दिया था……. जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान टल गया…… फिर भी “टाइम्स ऑफ इजरायल” के अनुसार…….. इस हमले में 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए…… जबकि 20 लोगों को हल्की चोटें आईं…… मलबे में कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है…… और बचाव कार्य जारी है…… वहीं हमले के बाद सोरोका अस्पताल ने आम लोगों से अनुरोध किया कि वे गैर-आपातकालीन स्थिति में अस्पताल न आएं……. ताकि घायलों का इलाज प्राथमिकता से किया जा सके……. अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है…… हमले ने हमारी सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया है……. लेकिन हमारी टीमें पूरी तरह से काम कर रही हैं…….
वहीं सोरोका अस्पताल पर हमले की इजरायल और उसके सहयोगी देशों ने कड़ी निंदा की है…… इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “ईरान की बर्बरता” करार दिया…. और कहा कि इजरायल इसका “कड़ा जवाब” देगा….. अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने भी इस हमले को “अमानवीय” बताया….. और कहा कि नागरिक सुविधाओं को निशाना बनाना युद्ध अपराध है…… दूसरी ओर ईरान ने दावा किया कि सोरोका अस्पताल सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल हो रहा था……. हालांकि उसने इस दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिए……
ईरान के हमले में तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज को भी निशाना बनाया गया……. यह इजरायल की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है……. जहां रोजाना अरबों डॉलर का लेन-देन होता है……. हमले में स्टॉक एक्सचेंज की इमारत को आंशिक नुकसान पहुंचा…… और कुछ समय के लिए कारोबार रोकना पड़ा…… हालांकि इजरायली अधिकारियों ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज को जल्द ही सामान्य रूप से चालू रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं……. ताकि अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर न पड़े……
इस हमले से इजरायल की अर्थव्यवस्था पर तात्कालिक प्रभाव पड़ा……. स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखी गई…….. और निवेशकों में डर का माहौल बन गया……. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर युद्ध लंबा खिंचा…… तो इजरायल की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है……. इसके अलावा तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल आया है…….. क्योंकि मध्य पूर्व में तनाव से तेल आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है……. ब्रेंट क्रूड की कीमत 75.32 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई…….. जो पिछले छह महीनों में सबसे ज्यादा है…….
आपको बता दें कि इजरायल की रणनीति ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट करने……. और उसकी सैन्य क्षमता को कमजोर करने पर केंद्रित है…….. “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत इजरायल ने ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र, सैन्य ठिकानों और तेल रिफाइनरियों को निशाना बनाया……. इजरायली सेना का दावा है कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई साल पीछे धकेल दिया है…….. जिसको लेकर प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि हम ईरान के हर ठिकाने पर हमला करेंगे……. यह युद्ध हमारे अस्तित्व की रक्षा के लिए है……. इजरायल ने अपनी मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भी मजबूत किया है……. ताकि ईरानी हमलों का मुकाबला किया जा सके……
वहीं ईरान की रणनीति जवाबी हमलों के जरिए इजरायल को अधिकतम नुकसान पहुंचाने की है……. ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस थ्री में ईरान ने फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोनों का इस्तेमाल किया……. जो इजरायल की रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम हैं…… ईरान ने इजरायल के रिहायशी इलाकों, सैन्य ठिकानों और बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया…… बता दें कि ईरान के सबसे बड़े नेता अयातुल्लाह खामेनेई ने कहा कि इजरायल ने इस युद्ध को शुरू किया…… लेकिन हम इसे खत्म करेंगे…… ईरान ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका या अन्य पश्चिमी देश इस युद्ध में हस्तक्षेप करेंगे…… तो उनके ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा……
आपको बता दें कि इस युद्ध में दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है….. इस युद्ध में कम से कम 24 लोग मारे गए…… जिनमें सैनिक और नागरिक शामिल हैं….. और 804 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं…… तेल अवीव, हाइफा, बेर्शेबा, और अन्य शहरों में रिहायशी इमारतें, अस्पताल, और ऊर्जा संयंत्र क्षतिग्रस्त हुए…… लगभग 3,800 लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर गए…… स्टॉक एक्सचेंज को नुकसान और निवेशकों का डर बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा…..
वहीं इस युद्ध में ईरान में 224 लोग मारे गए…… जिनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं…… और 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए…… नतांज परमाणु संयंत्र, सैन्य ठिकाने, तेल रिफाइनरियां और रिहायशी इलाके तबाह हुए…… 6 परमाणु वैज्ञानिक, 20 से ज्यादा सैन्य कमांडर और कई सैन्य अधिकारी मारे गए….. बता दें कि इस युद्ध ने वैश्विक समुदाय को दो खेमों में बांट दिया है……
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल का खुला समर्थन किया…….. और ईरान को “बिना शर्त आत्मसमर्पण” करने की चेतावनी दी……. अमेरिका ने इजरायल को सैन्य सहायता बढ़ाने का वादा किया है….. फ्रांस और ब्रिटेन ने इजरायल के खिलाफ ईरानी हमलों की निंदा की….. और शांति की अपील की……… रूस और चीन ने इजरायल के हमलों को “खतरनाक” बताया और कहा कि यह क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देगा….. सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की…… लेकिन इजरायल के हमलों की निंदा की….. वहीं भारत ने दोनों देशों से शांति और संवाद की अपील की……. भारत इस युद्ध से चिंतित है……. क्योंकि तेल की कीमतों में उछाल से उसकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है…… जॉर्डन ने कहा कि वह किसी भी पक्ष को अपनी जमीन या हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल युद्ध के लिए नहीं करने देगा…….
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध से तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है…….. ईरान ने होर्मूज की खाड़ी को बंद करने की धमकी दी है…….. जो वैश्विक तेल व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है……. इसके चलते ब्रेंट क्रूड की कीमत 75.32 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई……. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर युद्ध जारी रहा……. तो तेल की कीमत 120 डॉलर तक जा सकती है……. जिससे भारत जैसे तेल आयातक देशों में महंगाई बढ़ सकती है…… आपको बता दें कि तेल की कीमतों में उछाल और मध्य पूर्व में अस्थिरता से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा है……. स्टॉक मार्केट में गिरावट, व्यापार में रुकावट….. और निवेशकों का डर बढ़ने से कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है…….
यह युद्ध मध्य पूर्व में और अस्थिरता ला सकता है…….. ईरान से जुड़े मिलिशिया समूह जैसे इराक का कताइब हिजबुल्लाह ने चेतावनी दी है…… कि अगर अमेरिका इस युद्ध में हस्तक्षेप करेगा……… तो उसके ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा…… इससे युद्ध का दायरा बढ़ सकता है….. फिलहाल दोनों देशों के बीच शांति की कोई ठोस संभावना नजर नहीं आ रही है…….. ईरान ने कहा है कि जब तक इजरायल हमले बंद नहीं करता…….. वह सीजफायर पर बात नहीं करेगा……. दूसरी ओर इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म करने की कसम खाई है…… अमेरिका और अन्य देश शांति वार्ता की कोशिश कर रहे हैं…….. लेकिन ईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता रद्द कर दी है……. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है……. लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है……
आपको बता दें कि अगर यह युद्ध लंबा खिंचा……. तो इसका दायरा अन्य देशों तक फैल सकता है……. ईरान के सहयोगी समूह और इजरायल के सहयोगी देश इसमें शामिल हो सकते हैं……. जिससे यह टकराव विश्व युद्ध जैसी स्थिति में बदल सकता है…… इजरायल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध मध्य पूर्व को युद्ध के कगार पर ले आया है……. तेल अवीव पर ईरानी मिसाइल हमले….. और सोरोका मेडिकल सेंटर को नुकसान इस युद्ध की गंभीरता को दर्शाते हैं…… दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर और क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है……



