महाराष्ट्र के लोग हिंदी विरोधी नहीं लेकिन इसे थोपा न जाए: पवार

  • भाषा विवाद पर एनसीपी (पवार) ने साफ किया अपना स्टैंड

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। एनसीपी (सपा) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग हिंदी विरोधी नहीं हैं, लेकिन कक्षा 1-4 तक के युवा छात्रों पर हिंदी भाषा थोपना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की 55 प्रतिशत आबादी हिंदी बोलती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। महाराष्ट्र में भाषा विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह एक संशोधित आदेश जारी किया।
जिसमें कहा गया कि कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में छात्रों को हिंदी आम तौर पर तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी। यदि किसी स्कूल में प्रति कक्षा 20 छात्र किसी अन्य भारतीय भाषा का अध्ययन करना चाहते हैं, तो वे हिंदी से बाहर रह सकते हैं। यदि ऐसी मांग उठती है, तो या तो शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी या भाषा को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा।

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