उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे से गरमाई सियासत
विपक्ष ने उठाए सवाल, पर्दे के पीछे खेल, भाजपा में भारी तनाव

विपक्ष ने पीएमओ और बीजेपी नेताओं की चुप्पी को संदिग्ध बताया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और बीजेपी नेताओं की चुप्पी को संदिग्ध बताया है और कहा है कि इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि पर्दे के पीछे कुछ बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम चल रहा है।
धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस ही नहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दल भी सवाल उठा चुके हैं। कई नेताओं ने इसे सामान्य इस्तीफा मानने से इनकार करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद से अचानक हटना कोई साधारण बात नहीं हो सकती। उल्लेखनीय है कि जगदीप धनखड़ ने अपना इस्तीफा सोमवार को राष्ट्रपति को सौंप दिया था, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन अब तक न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही किसी वरिष्ठ बीजेपी नेता ने सार्वजनिक रूप से कोई बयान दिया है। न ही उन्हें शुभकामनाएं दी गई हैं और न ही उनके कार्यकाल के लिए धन्यवाद प्रकट किया गया है।

पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल : पवन खेड़ा
पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, देश के उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय और बीजेपी से जुड़े किसी भी व्यक्ति ने अब तक ना उन्हें स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दीं और ना ही उनका धन्यवाद किया। यह चुप्पी इस बात की ओर इशारा करती है कि पर्दे के पीछे कोई बड़ा खेल चल रहा है और बीजेपी भारी तनाव में है।
कुछ बहुत बड़ा होने वाला है : संजय राउत
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने आशंका जताई है कि परदे के पीछे बहुत कुछ हो रहा है। दिल्ली की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है। संजय राउत ने कहा, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा होना कोई सामान्य घटना नहीं है जहां तक मैं उनको जानता हूं, वह ऐसे मैदान छोडऩे वाले आदमी नहीं हैं। वह लडऩे वाले व्यक्ति हैं। उनकी हेल्थ बिल्कुल ठीक है, कल मैंने उनको देखा है। सितंबर में बहुत कुछ होगा देखते जाइए।
नड्डा ने किया चेयर का अपमान : सुखदेव भगत
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने बीएसी मीटिंग में जेपी नड्डा और रिजिजू के शामिल न होने को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर कहा कि इस्तीफे की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। भगत ने कहा, सदन में जेपी नड्डा ने कहा था कि मेरे शब्द रिकॉर्ड में दर्ज होंगे, यह सीधे तौर पर चेयर का अपमान है।
उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर सरकार स्पष्टीकरण दे : गौरव गोगोई
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को ‘चौंकाने वाला’ घटनाक्रम करार देते हुए मंगलवार को केंद्र से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या उसे इस बारे में पहले से कोई जानकारी थी। गोगोई ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नयी नियुक्ति के संबंध में भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, माननीय उपराष्ट्रपति का इस्तीफा चौंकाने वाला है। मैं आदरणीय धनखड़ जी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। उन्होंने कहा, लेकिन केंद्र सरकार यह स्पष्ट करे कि क्या उसे पहले से इसकी सूचना थी और क्या उसने नया उपराष्ट्रपति चुनने के लिए योजना बनाई थी।
स्वास्थ्य कारण नहीं कुछ और और वजह से दिया इस्तीफा: जयराम रेमश
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश, जो अक्सर राज्यसभा में धनखड़ से बहस करते रहे हैं, ने खुलासा किया कि इस्तीफे की खबर आने से दो घंटे पहले उन्होंने धनखड़ से फोन पर बात की थी। रमेश ने कहा कि धनखड़ अपने परिवार के साथ थे और उन्हें तत्काल कोई चिंता नहीं है, और अगले दिन बातचीत जारी रखने की योजना है। कांग्रेस ने दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे उनके द्वारा बताए गए स्वास्थ्य कारणों के अलावा कोई और अधिक गहरे कारण हैं। कांग्रेस ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है और साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया। कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ ने सोमवार को अपराह्न साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी। कांग्रेस ने कहा कि सोमवार अपराह्न एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बहुत गंभीर घटित हुआ था कि केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में नहीं पहुंचे थे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि धनखड़ मानदंडों, मर्यादाओं एवं नियमों के प्रति बेहद सजग थे और उनका मानना था कि उनके कार्यकाल में इन नियमों की लगातार अवहेलना की जा रही थी।
संसदीय कार्यों में व्यस्त था : नड्डा
इस मामले पर भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष नड्डा की प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने बैठक में शामिल न होने का कारण बताते हुए कहा कि संसदीय कार्यों में व्यस्त थे। जेपी नड्डा ने कहा, किरेन रिजिजू और मैं उपराष्ट्रपति की बुलाई गई 4.30 बजे वाली बैठक में हिस्सा नहीं ले पाए, क्यों कि हम किसी अन्य महत्वपूर्ण संसदीय कार्य में व्यस्त हो गए थे। इसको लेकर माननीय उपराष्ट्रपति के दफ्तर को सूचना दे दी गई थी। इसके अलावा मैंने राज्य सभा में जो बात कही कि, जो मैं बोल रहा हूं, वही ऑन रिकॉर्ड जाएगा। यह विपक्ष की टोका-टोकी करने वाले सांसदों के लिए थी, न कि चेयर के लिए।
नड्डा और रीजीजू के बैठक में ना आने से नाराजगी!
कांग्रेस नेता के इस दावे पर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कल जगदीप धनखड़ ने अपराह्न साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की। इसमें सदन के नेता जे पी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू सहित अधिकतर सदस्य उपस्थित थे। कुछ चर्चा के बाद, कार्य मंत्रणा समिति ने शाम साढ़े चार बजे पुन: बैठक करने का निर्णय लिया।’’ उन्होंने कहा, शाम साढ़े चार बजे कार्य मंत्रणा समिति जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में पुन: एकत्रित हुई। बैठक में नड्डा और रीजीजू के आने का इंतज़ार हो रहा था। वे नहीं आए। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से यह सूचित नहीं किया गया था कि दोनों वरिष्ठ मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो रहे और धनखड़ को इसका बुरा लगा तथा फिर उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक मंगलवार दोपहर एक बजे के लिए पुनर्निर्धारित कर दी। रमेश ने दावा किया कि सोमवार अपराह्न एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बहुत गंभीर घटना हुई जिसके कारण नड्डा और रीजीजू दूसरी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जानबूझकर अनुपस्थित रहे।
यूपी से लेकर छत्तीसगढ़ तक कांग्रेस का हल्ला बोल
राज्य में बिजली कटौती, निजीकरण और यूरिया खाद की किल्लत को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी
छत्तीसगढ़ में आर्थिक नाकेबंदी कर भाजपा का करेंगे प्रतिकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। यूपी से लकर छत्तीसगढ़ तक भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस सडक़ों पर उतरी है। जहां यूपी में बिजली काटौती, निजीकरण और यूरिया खाद की किल्लत के विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं छत्तीगढ़ में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के यहां ईडी की छापेमारी के खिलाफ हल्ला बोल किया जा रहा है। यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किया गया।
यह प्रदर्शन सभी जिला /तहसील/ब्लाक मुख्यायलों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी की ओर से गिरफ्तार करने के विरोध में छतीसगढ़ कांग्रेस 22 जुलाई को पूरे राज्य में आर्थिक नाकेबंदी की। कांग्रेसी राज्य सरकार, उद्योगपति अडानी और केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ 22 जुलाई को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी करते हुए चक्का जामकिया। इस संबंध में पिछले दिनों पार्टी की बड़ी बैठक में फैसला लिया जा चुका है।
पार्टी का लक्ष्य 2027 का विस चुनाव : अविनाश पांडेय
इससे पहले बैठक में मौजूद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि संगठन सृजन सिर्फ कार्यकारिणी गठित करने के लिए नहीं हो रहा है बल्कि यह एक ऐसा प्रदेश व्यापी अभियान है जिसका लक्ष्य 2027 का विधानसभा चुनाव है। हम आगामी पंचायत चुनाव में अपने दम पर लड़ेंगे और इन्हीं चुनावों में 2027 के रण का बिगुल फूंक देंगे।
छत्तीसगढ़ के संसाधनों को लूट रही भाजपा सरकार : दीपक बैज
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेसी दो घंटे (दोपहर 12 से 2 बजे) तक पांच संभागों के सभी प्रमुख मार्गों राष्टï्रीय राजमार्गों एवं राजकीय राजमार्गो पर चक्काजाम कर आर्थिक नाकेबंदी की। यह आर्थिक नाकेबंदी प्रदेश की जनता की ओर से छत्तीसगढ़ के संसाधनों की लूट का प्रतिकार होगा। उन्होंने कहा कि इस नाकेबंदी से एम्बुलेंस और स्कूल वाहनों को अलग रखा गया है। हमारा उद्देश्य छत्तीसग? की संपदा को बचाना है। रायपुर में मुंबई, कोलकाता नेशनल हाईवे पर वीआईपी चौक तेलीबांधा, बिलासपुर, रायपुर हाईवे पर सांकरा, आरंग, अभनपुर, तिल्दा, खरोरा में नाकेबंदी की जायेगी। इसी प्रकार प्रदेश के सभी शहरों में चक्का जाम नाकेबंदी होगी।बैजे ने आरोप लगाते हुए कहा कि कारोबारी अडानी छत्तीसगढ़ की संपदा को लूट रहे हैं। उसका विरोध करने वालों के यहां ईडी की छापेमारी करवाया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र की गिरफ्तारी अडानी और भाजपा की साजिश है।आर्थिक नाकाबंदी कर भाजपा सरकार के संरक्षण में अडानी की ओर से यहां की खनिज संपदा को लूटा जा रहा है उसका विरोध होगा।
बांग्लादेश सैन्य विमान दुर्घटना में अब तक 27 लोगों की मौत
मृतकों में 25 बच्चे शामिल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक स्कूल और कॉलेज परिसर में बांग्लादेश वायु सेना के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 160 से ज़्यादा घायल हो गए। यह दुर्घटना ढाका के उत्तरी उत्तरा इलाके में माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज में हुई। सेना ने एक बयान में कहा कि प्रशिक्षण विमान ने स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:06 बजे उड़ान भरी थी और फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
रॉयटर्स के हवाले से सेना के जनसंपर्क विभाग ने कहा, बांग्लादेश वायु सेना का प्रशिक्षण विमान उत्तरा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। चीन में निर्मित प्रशिक्षण लड़ाकू विमान एफ-7 बीजीआई में उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद तकनीकी खराबी आ गई और सोमवार को यह ढाका के उत्तरा क्षेत्र के दियाबारी में स्थित माइलस्टोन स्कूल एवं कॉलेज की दो मंजिला इमारत से टकरा गया। मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद युनुस के विशेष सलाहकार सैदुर रहमान ने संवाददाताओं से कहा, अब मृतकों की संख्या 27 हो गई है और उनमें से 25 बच्चे हैं।लगभग 170 लोग घायल हुए है जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। शुरूआत में 20 लोगों की मौत की सूचना दी गई थी और सात लोगों की सोमवार रात में मौत हो गई।
दुर्घटना में मारे गए लोगों में पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहम्मद तौकीर इस्लाम भी शामिल थे।सरकार ने दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों की याद में मंगलवार को राजकीय शोक दिवस घोषित किया है। सोमवार को मुख्य सलाहकार कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में घोषणा की गई कि देश भर के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्वायत्त संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।



