जमानत तक नहीं बचा पाए कांग्रेस, बसपा और आप के प्रत्याशी
लखनऊ। भाजपा की आंधी में सपा को छोड़कर बाकी सभी प्रतिद्वंद्वी हवा हो गए। सभी नौ विधानसभा सीटों पर सपा को छोड़कर कांग्रेस, आप और बसपा के प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। कांग्रेस की हालत तो बेहद खराब रही। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी राजधानी की किसी भी विधानसभा सीट पर कुछ खास नहीं कर सके। सभी सातों विधानसभा सीटों पर पार्टी जमानत तक नहीं बचा सकी। मतों का प्रतिशत बढ़ाने उतरी आप मोहनलालगंज विधानसभा सीट को छोड़कर किसी भी विधानसभा क्षेत्र में चार हजार वोट भी नहीं ला सकी। कई बूथों पर उसके प्रत्याशियों को एक वोट भी नहीं मिला। हालांकि इन सबके बावजूद पूर्वी विधानसभा से प्रत्याशी आलोक सिंह 31 राउंड तक मतगणना स्थल पर डटे रहे। वहीं आप के अन्य प्रत्याशी चंद घंटे बाद ही अपनी स्थिति देख मतगणना स्थल से जाते रहे। राजधानी की नौ विधानसभा सीटों से आम आदमी पार्टी को अपने प्रत्याशी उतारने थे।
बीकेटी के प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था, जबकि मलिहाबाद में कोई प्रत्याशी मिला नहीं था। इस तरह पार्टी ने सात विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों को लड़ाया था। आप की ओर से स्टार प्रचारकों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ एक सभा पुराने लखनऊ स्थित रफे आम क्लब में की थी। इसी मैदान से सभी प्रत्याशियों को जिताने की अपील करने के बाद प्रचार थम गया था। वहीं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने जरूर कई विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क किया, लेकिन आम आदमी पर पार्टी कोई जादू नहीं कर सकी। मोहल्ला क्लीनिक, सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और तीन सौ यूनिट फ्री बिजली लेने में मतदाताओं ने रुचि नहीं दिखाई। सरोजनीनगर से रुद्रदमन सिंह बबलू को 19,711 वोट मिले। वह कांग्रेस की ओर से सबसे अधिक मत पाने वाले प्रत्याशी रहे। लखनऊ पश्चिम की उम्मीदवार शहाना को 2796, मलिहाबाद से इंदल रावत को 2142, मध्य से सदफ जाफर को 2927, कैंट से दिलप्रीत सिंह को 6510, लखनऊ पूर्वी से मनोज तिवारी को 4485, मोहनलालगंज से ममता चौधरी को 2990, उत्तर से अजय श्रीवास्तव को 3236 और बख्शी का तालाब में ललन कुमार को 9050 वोट मिले। इस तरह कोई भी कांग्रेसी अपनी जमानत नहीं बचा सका।
2024 में आएंगे असली नतीजे : प्रशांत किशोर
नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने चार में शानदार प्रदर्शन किया। पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत को छोड़ दें तो बीजेपी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने जा रही है। इस पर बिहार के रहने वाले व देश के जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि भारत की असली लड़ाई के नतीजे तो साल 2024 के लोकसभा चुनाव में आएंगे। अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर ने लिखा है कि देश के लिए लड़ाई साल 2024 के लोकसभा चुनाव में लड़ी जाएगी। यह लड़ाई राज्यों के विधानसभा चुनावों में नहीं लड़ी जानी है। तभी इसके नतीजे आएंगे। प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर प्रशांत किशोर आगे लिखते हैं कि साहेब यह बात जानते हैं, इसलिए विधानसभा चुनाव को परिणामों के जरिए विपक्ष के खिलाफ मनोवैज्ञानिक धारणा बनाने की चाल चल रहे हैं। इसलिए न तो इस झूठ में फंसे और न हीं इसका हिस्सा बनें। बता दें कि विधानसभा चुनावों में से चार में मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री ने पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इन चुनावों ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे तय कर दिए हैं। प्रशांत किशोर मोदी के इसी बयान को लेकर हमलावर थे।