हिंदू पक्ष का दावा, मिल गए ‘बाबा’, कोर्ट बोला, शिवलिंग मिलने वाले स्थान को करें सील

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे पर मचा तूफान

  • सील स्थल पर किसी के आने-जाने पर पाबंदी, कोर्ट ने शासन-प्रशासन को दिया आदेश
    ज्ञानवापी सर्वे का काम पूरा, कल कोर्ट कमिश्नर पेश करेंगे रिपोर्ट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। अदालत के आदेश पर आज ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में तीन दिन से चल रहा सर्वे का काम पूरा हो गया। सर्वे के बाद बाहर आए हिंदू पक्ष के सोहनलाल आर्य ने दावा किया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए। इतिहास कालखंड में जो भी लिखा था वह मिल गया है। सर्वे पूरा होने के तत्काल बाद वादी पक्ष अदालत पहुंचा और शिवलिंग मिलने वाले स्थान को संरक्षित करने की मांग की। सुनवाई के बाद वाराणसी कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाले स्थान को सील करने का आदेश दिया है। वहीं कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र कल कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इसके बाद कोर्ट तय करेगा कि ज्ञानवापी का सच क्या है?
सोहनलाल आर्य ने बताया कि जो भी सोचा या माना गया था उसकी उम्मीद से कहीं अधिक परिणाम इस सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष को हासिल हुए हैं। हिंदू पक्ष के लिए आज का दिन बहुत बड़ा है। सोहनलाल आर्य 52 लोगों की उस टीम में शामिल हैं जो एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही ज्ञानवापी मस्जिद में कर रही थी। वहीं हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने दावा किया कि पानी हटते ही विशाल शिवलिंग सामने प्रकट हुआ। यह 12.8 फीट व्यास का है। सर्वे के दौरान साक्ष्य के तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद अधिवक्ताओं की ओर से अदालत में इस बाबत एक प्रार्थना पत्र देकर इसकी सुरक्षा को लेकर आदेश जारी करने की मांग की गई। अधिवक्ता हरिशंकर जैन की ओर से प्रस्तुत कार्रवाई की रिपोर्ट को प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि 16 मई को शिवलिंग, मस्जिद कांप्लेक्स के अंदर एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन कार्यवाही के दौरान पाया गया है। यह बेहद महत्वपूर्ण साक्ष्य है इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें।

वहां 20 मुस्लिमों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए। शिवलिंग को संरक्षित किया जाना अति आवश्यक है, न्याय हित में प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने योग्य है। इस पत्र के बाद अदालत ने आदेश जारी कर दिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी, पुलिस कमिश्नर वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए। उस स्थान को संरक्षित व सुरक्षित रखने की पूर्णतया व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की मानी जाएगी। सील की कार्यवाही के बाबत निरीक्षण प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है, इसके सुपर विजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की होगी। आदेश रवि कुमार दिवाकर सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी की ओर से जारी किया गया है। इसके बाद डीएम ने यहां वजू पर भी पाबंदी लगा दी है।

मुस्लिम पक्ष ने दावे को नकारा

मुस्लिम पक्ष का दावा है कि अंदर ऐसा कुछ नहीं मिला, जिसका दावा हिंदू पक्ष कर रहे हैं। वहीं दावे प्रति दावे के बीच कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने अदालती गाइडलाइंस का हवाला देते हुए शिवलिंग मामले पर चुप्पी साध ली तो काशी के डीएम कौशल राज शर्मा ने ऐसे दावे को निजी बताकर पल्ला झाड़ लिया है।

क्या है मामला

ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के रोजाना दर्शन-पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं की ओर से दायर वाद पर बीते आठ अप्रैल को सुनवाई हुई। कोर्ट ने अजय कुमार मिश्र को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर 10 मई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। छह मई को कमीशन की ओर से सर्वे शुरू हुआ लेकिन पूरा नहीं हो सका। सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग की थी। इस पर वादी पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर तहखाने समेत अन्य उल्लिखित स्थलों का निरीक्षण करने का स्पष्ट आदेश देने की अपील की गई। इस मामले पर तीन दिन तक अदालत में सुनवाई चली। अदालत के आदेश के बाद कमीशन ने शनिवार से सर्वे का काम शुरू किया था।

सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार यानी कल सुनवाई करेगा। निचली कोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहे मस्जिद के सर्वे को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस अर्जी को कल सुनेगी। याचिका में वाराणसी कोर्ट के आदेश पर शुरू हुए सर्वे पर रोक लगाने और यथास्थिति कायम रखने की मांग की गई है। जस्टिस चंद्रचूड़ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध करने का आदेश सीजेआई एनवी रमन ने पिछले शुक्रवार को दिया था। पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी की निचली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी लेकिन 21 अप्रैल को हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने सीजेआई के समक्ष मामले का उल्लेख किया था। तब पीठ ने मामले में यथास्थिति प्रदान करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उसे इस मुद्दे की जानकारी नहीं है क्योंकि पीठ ने तब कागजात नहीं देखे थे।

सत्य को कितना भी छुपाएं वह सामने आ ही जाता है: केशव प्रसाद मौर्य

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवलिंग मिलने के दावे पर कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है। सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि सत्य ही शिव है। बाबा की जय, हर हर महादेव।

वहां ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत तक रहेगी। हमसे बाबरी मस्जिद को छीन लिया गया। अब दूसरी मस्जिद नहीं खोएंगे।
असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय अध्यक्ष एआईएमआईएम

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