पता होता राजनीति इतनी गंदी होगी, तो इसमें कभी नहीं आती : ममता बनर्जी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों पर सवाल उठा दिए हैं। खास बात है कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से मंगलवार को अभिषेक बनर्जी को समन भेजा गया है। उन्हें कोयला घोटाला मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया है। सीएम बनर्जी ने एजेंसियों की तरफ से मिल रहे समन को खुली हिंसा बताया है। हाल ही में उन्होंने 2024 चुनाव को अपनी आखिरी जंग बताया था। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने कहा कि एजेंसी के समन केवल प्रतिशोध की राजनीति नहीं है, यह खुली हिंसा है… अगर मुझे पता होता कि राजनीति इतनी गंदी हो जाएगी, तो मैं कभी राजनीति में नहीं आती। उन्होंने दोबारा आरोप लगाए कि पशु और कोयला तस्करी के मुद्दे केंद्रीय गृहमंत्रालय और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी हैं। उन्होंने कहा कि आप हर समय सभी को बेवकूफ नहीं बना सकते… जिस तरह आप मीडिया में हमें बगैर सबूत के बदनाम कर रहे हैं, जिस तरह की भाषा का आप इस्तेमाल करते हैं और सूत्रों का हवाला देते हैं… आपको सोचना चाहिए कि अगर आपके साथ भी ऐसा ही किया जाए, तो क्या होगा…।
इधर, टीएमसी के नेताओं का कहना है कि ईडी और सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी सीबीआई पार्टी कार्यक्रमों के आसपास उनके खिलाफ काम कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि पशु तस्करी और कोयला घोटाला से मिला पैसा कोलकाता के कालीघाट जाता है। खास बात है कि यहां ममता बनर्जी रहती हैं और जगह काली मंदिर के लिए मशहूर है। इसपर टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, आप आरोप लगाते हैं कि भ्रष्टाचार की कमाई कालीघाट पहुंच रही है। मैं पूछती हूं, कालीघाट में किसके पास? क्या मां काली? क्या आप कोई नाम बता सकते हैं? वाम दलों और कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि बनर्जी और भाजपा के बीच सेटिंग है। इसे लेकर उन्होंने कहा, मैं सैटिंग की राजनीति में शामिल नहीं हूं… मैं इसमें अच्छी नहीं हूं… मैं यह कभी नहीं कर पाऊंगा… अगर मैं सैटिंग करने में अच्छी होती, तो अपने पूरे शरीर पर चोट के निशान लेकर मैं वाम राजनीति में चीजे मिलने वाले हिस्से में नहीं होती। कांग्रेस नेताओं की तरह नहीं, जिन्होंने खुद को बेच दिया है।
अन्ना हजारे है समाजद्रोही : उदित राज
लखनऊ। दिल्ली की शराब नीति को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे को जहां अब आम आदमी पार्टी (आप) के नेता परोक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मिले हुए बता रहे हैं तो कांग्रेस नेता उदित राज के भी बोल बिगड़ गए हैं। यूपीए-2 सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले अन्ना हजारे को पूर्व सांसद ने समाजद्रोही, महाधूर्त और बेईमान तक कह डाला है। उदित राज ने अपने ट्विटर हैंडल पर अन्ना पर अपना गुस्सा निकाला है। उन्होंने यहां तक कहा कि वह समाजसेवी नहीं बल्कि समाज द्रोही हैं और बेईमान हैं। उदित राज ने ट्वीट किया कि अन्ना हजारे महाधूर्त आदमी है। पहले के उठाए भृष्ठाचार एक न साबित हुए। क्या हुआ लोकपाल का? इससे पहले एक अन्य ट्वीट में लिखा, अन्ना हजारे समाज सेवी नहीं समाज द्रोही हैं। बीजेपी के कहने पर यूपीए सरकार पर 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जो गलत साबित हुआ। इस बेईमान इंसान को माफी मांगनी चाहिए। उदित राज ने अन्ना हजारे पर ऐसे समय पर हमला किया है जब सामाजिक कार्यकर्ता ने हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखकर उनकी शराब नीति की आलोचना की है और उनसे शराब की दुकानों को बंद कराने की अपील की है। गौरतलब है कि यूपीए-2 सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामले उछले थे और इसी दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान और जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे की अगुआई में लोकपाल की मांग को लेकर आंदोलन हुआ था। आम आदमी पार्टी भी इसी आंदोलन की उपज है।