फिर आग लगायी संगीत सोम ने, कोई काबू क्यों नहीं करता इनको!
- पहले भी हिंदुओं को भड़काने के लिए आग उगलते रहते हैं सोम
- भड़काऊ बयानों को लेकर पहले भी दर्ज हुए हैं कई मुकदमे
- अपने इन्हीं बयानों के चलते पश्चिमी यूपी में बन गए हिंदुत्व का बड़ा चेहरा
लखनऊ। भाजपा के फायर ब्रांड नेता व पूर्व विधायक संगीत सोम ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है, जिसका वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल है। पूर्व विधायक ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि एक वर्ग विशेष की लगातार आबादी बढ़ती जा रही है, आतंक बढ़ता जा रहा है, लोगों को टारगेट किया जा रहा है, सिर तन से जुदा का नारा दिया जा रहा है, ऐसे में राजपूत समाज को एक बार फिर से शस्त्र उठाना पड़ेगा। तब कोई इस तरह की बातें नहीं कर पाएगा। दरअसल, पूर्व विधायक संगीत सोम ने मुस्लिम समाज को लेकर यह बयान दिया है, जिसकी चौतरफा चर्चा हो रही है। एक तरफ जहां फायर ब्रांड हिंदू नेता के रूप में उनकी छवि लगातार मजबूत होती जा रही है वहीं विपक्षी दलों ने एक बार फिर संगीत सोम की आड़ में बीजेपी को निशाने पर लिया है। विजयदशमी पर राजपूत उत्थान सभा के शस्त्र पूजन कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम ने कहा कि आने वाले समय में राजपूत को फिर से शस्त्र उठाना होगा। सोम ने कहा कि लोग डरते हैं। अपनी परंपरा भूलते जा रहे हैं, जिसकी वजह से शस्त्रों की पूजन नहीं करते। सोम ने कहा कि आने वाला समय एक बार फिर राजपूतों का होगा।
सार्वजनिक मंच से समाज की बुराई नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंच से सिर्फ समाज की अच्छाई बतानी चाहिए। समाज के अंदर की बुराई घर के अंदर बैठकर करनी चाहिए। युवा पीढ़ी में जो भटकाव देखने को मिल रहा है, उसे रोकना होगा। कांग्रेस की यात्रा पर कटाक्ष करते हुए संगीत सोम ने कहा कि यात्रा केरल में निकल रही है। वहां झंडे देखिए कैसे लगाए जा रहे हैं। हरा ही हरा दिखाई दे रहा है। राष्टï्रीय झंडा दिखाई नहीं दे रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वह दिन दूर नहीं जब यहां भी हरा हरा झंडा दिखाई देगा। साल 2013 में संगीत सोम पर मुजफ्फरनगर में विवादित बयान देने के बाद दंगा भड़क गया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।
राजभर मेरे स्थायी मित्र: बृजेश पाठक
लखनऊ। समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद ओमप्रकाश राजभर की भाजपा से नजदीकियों की खबरों के बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष को अपना स्थायी मित्र करार दिया है। हालांकि 2024 के चुनाव में साथ आने के सवाल को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि ‘अब राजनीति के बात काहें पूछत हउवÓ। सुभासपा के प्रदेश महासचिव शिवेंद्र बहादुर सिंह के मेडिकल कॉलेज व रिसर्च सेंटर का उद्घाटन करने रसड़ा पहुंचे बृजेश पाठक ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। कहा कि उनके पास न तो कोई नीति है और न ही एजेंडा। उनका लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। कई बार सत्ता को उन्होंने कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया है। पूरी पार्टी एक परिवार की गिरवी बन गयी है। हालत यह है कि वे राष्टï्रीय अध्यक्ष नहीं खोज पा रहे हैं। देश की जनता कांग्रेस और राहुल गांधी को पूरी तरह नकार चुकी है।
भविष्य में उनका और बुरा हश्र होने वाला है। सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर के साथ मंच साझा करने के सवाल पर बृजेश पाठक ने कहा कि ओमप्रकाश जी मेरे स्थायी मित्र है और इस पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। हालांकि 2024 में साथ आने के सवाल को यह कहते हुए हंसकर टाल दिया। वहीं फिल्म आदिपुरुष को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि हिंदू सभ्यता और भारत की संस्कृति में भगवान राम जन-जन में बसे हुए हैं। उनका अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाठक ने कहा कि लगातार हमारी संस्कृति को नष्ट करने और बदलने का प्रयास हो रहा है। हमारी संस्कृति और विरासत पर हमें गर्व है।
कर्नाटक में भी योगी मॉडल! मदरसों का सर्वे कराएगी बोम्मई की सरकार
लखनऊ। कर्नाटक शिक्षा विभाग के द्वारा इस महीने राज्य के सभी मदरसों का सर्वेक्षण करने की संभावना है। इस मामले से परिचित एक अधिकारी ने बताया कि सर्वे यह सत्यापित करने के लिए कराया जाएगा कि इन संस्थानों में जाने वाले बच्चे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी तरह का एक आदेश दिया था। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने शिक्षा विभाग को राज्य के सभी 960 मदरसों में गतिविधियों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों में से एक ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि सर्वेक्षण करने के लिए शिक्षा विभाग के आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। कमेटी अक्टूबर में ही सर्वे का काम शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट जमा करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। जैसे ही निरीक्षण पूरा होगा हम इसे जमा कर देंगे। अधिकारियों के अनुसार शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने 23 अगस्त इसको लेकर एक दिशा-निर्देश जारी किया था। मदरसों में जाने वाले छात्रों को प्रदान की जाने वाली औपचारिक शिक्षा के संबंध में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था।
राज्य से बाहर पार्टी का विस्तार करने के लिए देश यात्रा पर निकलेंगे चंद्रशेखर
हैदराबाद। तेलंगाना से बाहर पार्टी का विस्तार करने की महत्वाकांक्षा के तहत प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्टï्र समिति (टीआरएस) ने अपना नाम बदलकर भारत राष्टï्र समिति (बीआरएस) कर लिया। पार्टी की आम सभा में इस संबंध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। आंध्र प्रदेश को विभाजित कर अलग तेलंगाना राज्य के गठन की मांग के साथ लगभग दो दशक पहले टीआरएस का गठन किया गया था। अब उसका लक्ष्य भाजपा को टक्कर देना और समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाकर राष्टï्र्रीय ताकत के रूप में उभरना है। जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी और तमिलनाडु की वीसीके पार्टी के नेता व सांसद टी. तिरुमावालावन की उपस्थिति में टीआरएस के अध्यक्ष व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पार्टी का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया और बैठक में इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
राव की घोषणा का पार्टी के पदाधिकारियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। इस दौरान केसीआर जिंदाबाद, टीआरएस जिंदाबाद, देश का नेता केसीआर, प्रिय भारत वह आ रहा है, केसीआर रास्ते में है… जैसे नारे भी लगाए गए। इस मौके पर राव ने कहा कि पार्टी की गतिविधियों का देशभर में विस्तार करने के लिए नाम में परिवर्तन किया गया है और इसके अनुसार पार्टी के संविधान में भी बदलाव किया गया है। उन्होंने एलान किया कि अब वह देश की यात्रा पर निकलेंगे। सूत्रों का कहना है कि नियमों के मुताबिक पार्टी के नाम में बदलाव की सूचना निर्वाचन आयोग को दे दी जाएगी। बता दें कि टीआरएस ने नाम में परिवर्तन ऐसे समय किया है जब अगले साल राज्य में विधानसभा और 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। उधर इस मामले पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, पार्टी को नई शुरुआत करने के लिए मेरी शुभकामनाएं।