अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में सम्मिलित होने वाले पहले पीएम होंगे मोदी
रामलला का करेंगे दर्शन-पूजन, लोगों से मिलेंगे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपोत्सव का हिस्सा बनेंगे। पीएम मोदी के अयोध्या के दौरे का संभावित कार्यक्रम भी आ गया। प्रधानमंत्री दीपोत्सव में सम्मिलित होने के साथ-साथ रामलला का दर्शन-पूजन भी करेंगे। वह राममंदिर निर्माण की प्रगति भी देखेंगे। यह पहला अवसर होगा, जब प्रधानमंत्री दीपोत्सव में सम्मिलित होंगे। साथ ही वह दीपोत्सव में सम्मिलित होने वाले पहले प्रधानमंत्री के तौर पर इतिहास के पन्नों में अंकित हो जाएंगे। नगरी के 48 विद्यालयों में एक-एक हजार दीपक
जलाए जाएंगे।
बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दूसरा अयोध्या दौरा होगा, जब वह रामनगरी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का अंग बनेंगे। इससे पहले वर्ष 2020 में उन्होंने पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमिपूजन किया था। सांसद लल्लू सिंह ने भी सोमवार को यह संकेत दिया था कि प्रधानमंत्री दीपोत्सव में सम्मिलित हो सकते हैं। प्रधानमंत्री करीब तीन घंटे अयोध्या में बिताएंगे। इससे पहले जनवरी 1992 में वह तत्कालीन भाजपाध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या आए थे और उनके साथ रामलला का दर्शन-पूजन किया था। प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां सभा कर चुके हैं। हालांकि, ये तीनों ही दौरे पूरी तरह से राजनीतिक थे।
अयोध्या में एटीएस कमांडो के साथ स्नाइपर भी होंगे तैनात
अयोध्या। अयोध्या में दीपोत्सव पर इस बार अभूतपूर्व प्रबंध देखने को मिलेगा। सुरक्षा के लिए एटीएस कमांडो के साथ स्नाइपर भी तैनात रहेंगे। अतिरिक्त फोर्स की मांग को लेकर पत्र पुलिस मुख्यालय भेजा जा चुका है। परिक्षेत्र के साथ-साथ जोन से भी अतिरिक्त पुलिस कर्मी रामनगरी को उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि यह मांग पत्र प्रधानमंत्री के आगमन की सूचना से पूर्व भेजा गया है। अब जबकि पीएम के भी दीपोत्सव में आने की संभावना है ऐसे में पुलिस कर्मियों की संख्या में और बढ़ोतरी की कवायद चल रही है। आगामी 23 अक्टूबर को पीएम के अयोध्या आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए रामनगरी में यातायात व्यवस्था को लेकर भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। दीपोत्सव के दिन रामनगरी में सामान्य वाहनों का प्रवेश रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्य मार्ग के साथ-साथ सड़क किनारे पडऩे वाले मकानों पर भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी। भीड़ नियंत्रण के लिए बैरियर के प्रबंध होंगे, जिनके लिए प्वाइंट चिह्नित किये जा रहे हैं।