ओल्ड पेंशन स्कीम बन सकता है चुनावी दांव
कर्मचारियों के वोटों पर सबकी है नजर
- बीजेपी सरकार लागू कर सकती है योजना
- कांग्रेस, टीएमसी, झामुओ व आप का पुराना मुद्दा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जैसे-जैसे 2024 लोक सभा चुनाव नजदीक आते जाएंगे राजनैतिक पार्टियों के वादे के पिटारे खुलते जाएंगे। जिस राज्य जिस पार्टी की सरकार होगी वह अपने मतदाताओं को प्रसन्न व अपनी ओर जोडऩे का कोई मौका नही छोडऩा चाहेगी। विपक्ष की कुछ पार्टियों जैसे आप, टीएमसी, झामुओ व कांग्रेस ने वोटों के लिहाज से बहुत बड़े वर्ग सरकारी कर्मचारियों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर चुकीं हैं। इसका फायदा कांग्रेस ने हाल की चुनावों में उठाया भी।
हिमाचल प्रदेश में सरकार बनने में इस योजना के लागू करने के वादे का बहुत बड़ा हाथ हैं। अब लगता है केेंद्र की भाजपा सरकार भांप गई है कि इस योजना को नजरअंदाज करना उसे कहीं आगामी चुनाव में भारी न पड़ जाए इसलिए मोदी सरकार कुछ शर्तों के साथ इस योजना को लागू करने का विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने जा रही है। वाकई अगर यह योजना आ गई तो भाजपा को चुनावों में लाभ मिल सकता है। हालांकि, ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ सभी कर्मचारियों को नहीं मिलने वाला है, क्योंकि सरकार की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को ही ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) चुनने का मौका दिया जा रहा है।
2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों को मिलेगा लाभ
ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों के मन में यह सवाल है कि वे पुरानी पेंशन के तहत मिलने वाले लाभ के लिए पात्र हैं या नहीं। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस को अधिसूचित किये जाने की तारीख 22 दिसंबर, 2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के तहत केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के पात्र हैं, इसे आसान शब्दों में समझें तो यदि कोई कर्मचारी 22 दिसंबर 2003 के पहले निकली भर्ती के जरिये सरकारी नौकरी में शामिल हुआ है तो उसे पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। वहीं, जिन कर्मचारियों को 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती के जरिए नौकरी मिली है उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें नेशनल पेंशन स्कीम के तहत पेंशन कवर दिया जाएगा। जो सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना चुनने के पात्र हैं वह 31 अगस्त, 2023 तक इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही सरकार ने यह भी बताया है कि यदि योग्य कर्मचारी 31 अगस्त, 2023 तक पुरानी पेंशन योजना का विकल्प नहीं चुनते हैं तो उन्हें नई पेंशन योजना के तहत पेंशन दिया जाएगा। वहीं, अगर कोई कर्मचारी नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में जाने क विकल्प चुन लेते हैं तो वह अंतिम विकल्प माना लिया जाएगा। इसका मतलब है कि वह फिर नई पेंशन योजना में स्विच नहीं कर पाएगें। आपको बता दें कि पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी, इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था, हालांकि, केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का फैसला किया था। जिसके बाद साल 2004 में पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की गई थी। केंद्रीय कर्मचारी पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग कर रहे थे, उनका मामना है कि नई पेंशन स्कीम में पुरानी पेंशन स्कीम की अपेक्षा कम सुविधाएं एवं लाभ मिलते हैं, इसके साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के अनुसार, नई पेंशन स्कीम में उनको कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ रह था।