बीजेपी ने धांधली न की होती तो सभी सीटें जीतते: अखिलेश यादव
- 2024 में भाजपा को करारा सबक सिखाएंगे
- सपा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग पर भी उठाया सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने छलकपट, सत्ताबल और धनबल का दुरुपयोग करते हुए धांधली की। निष्पक्ष चुनाव हुआ होता तो पार्टी सभी सीटों पर जीतने में कामयाब रहती। जारी बयान में सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि निकाय चुनाव में शासन प्रशासन ने भाजपा एजेंट के तौर पर काम किया। यह चुनाव भाजपा ने नहीं, प्रदेश की सरकार ने लड़ा। यह पूरी तरह से सरकार के प्रबंधन का चुनाव था। भाजपा के पक्ष में नतीजों के लिए हर तरह के षड्यंत्र किए गए। मुख्यमंत्री लोगों को गुमराह करने में सत्ता का दुरुपयोग करने में लगे रहे।
उन्होंने नगर निकाय चुनाव में जीते सपा के सभी प्रत्याशियों एवं भाजपा के खिलाफ लडक़र जीतने वाले सभी अन्य प्रत्याशियों को भी जीत पर बधाई दी है। कहा कि नगरों से थोड़ा बाहर आते ही हर हथकंडेे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है। भाजपा ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए मतदाता सूची से वोट कटवाने से लेकर, फर्जी वोट डलवाए, मतगणना धीमी कराई। खेद की बात है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का दायित्व निभाने की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग की होते हुए भी उसकी भूमिका संदिग्ध बनी रही। जनता के मतों की लूट और निकायों पर जबरन कब्जा भाजपा को बहुत मंहगा पड़ेगा। प्रदेश के लाखों लाख मतदाता अब सन् 2024 का इंतजार कर रहे हैं जब वे भाजपा को करारा सबक सिखाएंगे। समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव के पहले चरण में हुई धांधलियों की शिकायत करते हुए दूसरे चरण के चुनावों में भयमुक्त वातावरण में मतदान के लिए पुख्ता इंतजाम करने की मांग की थी। मतगणना के समय विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग तक किया गया। लेकिन चुनाव आयोग मूकदर्शक बन गया। सच तो यह है कि नगर निकाय चुनावों में भाजपा फरेबी मतगणना से जीती है, मतदान से नहीं। भाजपा की यह तथाकथित चुनावी जीत लोकतंत्र के साथ छल, संविधान की शपथ की अवहेलना और जनमत का अपमान है। लोकतंत्र का इससे बड़ा उपहास हो ही नहीं सकता है।
बैलेट पेपर से चुनाव होता तो बसपा आगे होती : मायावती
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अगर मेयर पद का चुनाव बैलेट पेपर से होता तो बसपा को भी जीत मिलती। उन्होंने भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। नगर निकाय चुनाव के परिणामों पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल खड़े कर दिए हैं । उन्होंने कहा है कि इस चुनाव में भाजपा के साम दाम दंड भेद आदि अनेक हथकंडों के इस्तेमाल के साथ ही सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बीएसपी चुप होकर बैठने वाली नहीं है। वक्त आने पर इसका जवाब बीजेपी को जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर यह चुनाव भी फ्री एंड फेयर होता तो नतीजों की तस्वीर कुछ और होती। बैलेट पेपर से चुनाव होने पर बसपा मेयर चुनाव भी जरूर जीतती। उन्होंने कहा कि वैसे चाहे भाजपा हो या सपा दोनों ही पार्टियां सत्ता का दुरुपयोग करके चुनाव जीतने में कम नहीं है। इस कारण सत्ताधारी पार्टी ही अधिकतर ऐसे चुनाव जीतने में सफल हो जाती है और इस बार भी यही हुआ है।
निष्क्रिय नेताओं को बाहर करेगी कांग्रेस
लखनऊ। निकाय चुनाव में कांग्रेस शीघ्र ही अपनी करारी हार के कारणों की समीक्षा करेगी। साथ ही जहां भितरघात और स्थानीय नेताओं की निष्क्रियता के कारण यह स्थिति पैदा हुई होगी, वहां ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। लोकसभा और विधानसभा के बाद अब निकाय चुनाव में भी करारी हार कांग्रेस के लिए चिंता का सबब है। प्रदेश के 760 नगर निकायों में कांग्रेस के हाथ सिर्फ चार नगर पालिका परिषद और 14 नगर पंचायतें ही लगीं। यहां उसके अध्यक्ष बने हैं। जबकि, चुनाव से पहले उसके नेता परिणाम चौंकाने वाले होने का दावा कर रहे थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृज लाल खाबरी शीघ्र ही समीक्षा बैठक करेंगे। अलग-अलग क्षेत्रों में भी इसी तरह की बैठकें की जाएंगी, ताकि हार के कारणों की पड़ताल करते हुए आगे की रणनीति बन सके। इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि इस चुनाव से सबक लेते हुए लोकसभा की तैयारी में जुटेंगे।