अधीर रंजन चौधरी की फिसली जुबान, प्रधानमंत्री के खिलाफ दिया अपमानजनक बयान
नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया। कांग्रेस इस फैसले पर सरकार को घेरे हुए है। कई तरह के सवाल उठा रही है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने इस फैसले को लेकर कहा है कि देश की अर्थ व्यवस्था अभी ठीक नहीं है। ऐसे में 2000 का नोट बंद करने का फैसला बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि ये मोदी नहीं है लेकिन पगला मोदी हैं।
संसद के अंदर आपने गई बार अधीर रंजन चौधरी को सरकार पर हमला करते सुना होगा। वो विपक्ष के नेता हैं। अधीर कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर बुरी तरह फंस चुके हैं। उनके ताजा बयानों पर आगे सियासत तेज होना तय है। उन्होंने कहा कि 2 हजार का नोट बंद करने का फैसला नासमझी भरा है। उनको ये फैसला नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही लोकसभा चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही विपक्षी पार्टियों का चेहरा होगी।
विपक्षी बैठकों और लोकसभा चुनाव से पहले थर्ड फ्रंट की संभावनाओं पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बिना कांग्रेस के विपक्ष हो ही नहीं सकता। बिहार सीएम नीतीश कुमार विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। पटना में इसकी एक बैठक भी तय हुई थी। मगर अब जानकारी आई है कि वो बैठक दिल्ली में होगी। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केजरीवाल और ममता बनर्जी की मीटिंग से कुछ नहीं होगा। हम लोग प्रयास करेंगे कि वो भी हमारे ही साथ आ जाएं। कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस के हौंसले सातवें आसमान पर हैं। उनको अब लग रहा है कि 2024 में कुछ बदलाव हो सकते हैं। इसको लेकर विपक्षी पार्टियों में विचार विमर्श का दौर भी शुरू हो चुका है।
28 मई को संसद भवन की नई इमारत का उद्घाटन होने वाला है। विपक्षी पार्टियों ने इसी तारीख को शक्ति प्रदर्शन के लिए उचित माना है। सूत्रों के मुताबिक जानकारी है कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां नई इमारत के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे। इसी दिन विपक्षी पार्टियों के नेता एक होकर बीजेपी के खिलाफ थर्ड फ्रंट बनाएंगे। बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कई विपक्षी नेताओं से बातचीत की है। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली आकर खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी।