यूपी कैबिनेट विस्तार की चर्चा फिर तेज

  •  कई मंत्रियों पर लटकी तलवार

लखनऊ। योगी मंत्रिमंडल के विस्तार और कुछ फेरबदल की पहले से चल रही चर्चाओं ने अब और जोर पकड़ लिया है। यदि मोदी मंत्रिमंडल के फेरबदल में उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव का ख्याल रखा गया है तो यहां सीएम योगी की टीम में भी केंद्र से छूटे जाति-वर्ग या क्षेत्र का संतुलन और बेहतर बनाया जा सकता है। सात सीटें पहले से रिक्त हैं और केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल में चला सत्तर वर्ष से अधिक उम्र और कमजोर प्रदर्शन का मोदी मॉडल भी कुछ सीटों की गुंजाइश बना सकता है। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मानकों के हिसाब से कुल 60 सदस्य हो सकते हैं, जबकि अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 53 ही हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। इस तरह अभी सात मंत्रियों की जगह तो सीधे-सीधे खाली है। अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले इन सात सीटों पर नए मंत्री बनाकर किसी जाति वर्ग या क्षेत्र को प्रतिनिधित्व सरकार बिना किसी नुकसान की आशंका के, चुनावी रणनीति के तहत दे सकती है। साथ ही दूसरी संभावनाओं की चर्चा भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मोदी ने सत्तर वर्ष की उम्र वाले या काम में कमजोर पाए गए ऐसे मंत्रियों का भी इस्तीफा ले लिया, जो चर्चित और दिग्गज नेता हैं। इसी लाइन पर चलते हुए चाहे तो योगी आदित्यनाथ सरकार भी सत्तर वर्ष वाले या कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है।

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