लोस में फिर उठाएंगे जातिगत जनगणना का मुद्दा
अजय राय बोले- कांग्रेस प्रत्याशियों की हार का अंतर बहुत कम रहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जातिगत जनगणना का मुद्दा पूरी तरह सही है। यह देश के कमजोर तबकों की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वे इससे कभी पीछे नहीं हट सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसी मुद्दे के साथ उतरेगी और भाजपा को हराने का काम करेगी।
चार राज्यों के चुनाव परिणाम पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव परिणामों का बारीकी से विश्लेषण करने से यह समझ आती है कि जनता ने कांग्रेस के मुद्दे पर अपनी सहमति जताई है। यहां तक कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जहां हर चुनाव में सरकार बदलने जैसी परंपरा रही है, वहां भी कांग्रेस प्रत्याशियों की हार का अंतर बहुत कम रहा है। यह साबित करता है कि जातिगत जनगणना का दांव बिल्कुल सही है और जनता ने इस पर अपना समर्थन भी व्यक्त किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर यह चुनाव जीता है। चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस नेताओं के घर पर छापे डालकर उनका मनोबल तोडऩे की कोशिश की गई। लेकिन वे यूपी में इस मुद्दे के सहारे भाजपा को घेरेंगे और उसे हराने का काम करेंगे। गौरतलब हो कि पांच विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया था। माना जा रहा था कि कांग्रेस इसी मुद्दे के सहारे लोकसभा चुनाव में भी उतरेगी और मोदी के सामने बड़ी चुनौती पेश करेगी। लेकिन चुनाव परिणाम बताते हैं कि कांग्रेस का यह दांव बहुत कारगर नहीं रहा और पार्टी को मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। भाजपा ने दावा किया है कि कांग्रेस का जातिगत जनगणना का दांव पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ है। यह भी कहा जा रहा है कि इस मुद्दे की असफलता देखते हुए विपक्ष को अपनी रणनीति में बदलाव करने की आवश्यकता है।
यूपी-बिहार में चलेगा मुद्दा
इस चुनाव परिणाम के बाद भी कई लोगों का मानना है कि यूपी-बिहार में सबसे ज्यादा आर्थिक-सामाजिक पिछड़ापन है। इसे दूर करने के लिए जातिगत भागीदारी बढ़ाने का काम किया जाना जरूरी है। यह जातिगत जनगणना के बाद ही किया जा सकता है। ऐसे में इस मुद्दे में दम है और इसके सहारे विपक्ष लोकसभा चुनावों में भाजपा को घेर सकती है।