ब्रिटेन भेदभावपूर्ण रवैये से मोदी सरकार नाराज दी यह चेतावनी
नई दिल्ली। कोरोना संकट से जूझ रही पूरी दुनिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवता और वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत का पाठ पढ़ाया। यह अलग बात है कि कृषि अधिनियम के समय से भारत विरोधी लॉबी के हाथों में खेल रहे ब्रिटेन को यह बात रास नहीं आई और उसने एक बार फिर भारत के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया है। अक्टूबर के पहले सप्ताह से लागू होने वाले नए यात्रा नियमों के संबंध में मोदी सरकार ने अब ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार के खिलाफ कम्युनिकेशन के सिद्धांत को अपनाने का मन बना लिया है. इस बारे में संदेश देते हुए अब ब्रिटिश सरकार को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि स्थिति स्पष्ट नहीं की गई तो भारत आने वाले ब्रिटिश यात्रियों को भी आवश्यक 10-दिवसीय संगरोध सहित दो आरटीपीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा। गौरतलब है कि ब्रिटेन ने भारत को रेड लिस्ट में शामिल किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन 4 अक्टूबर से कोरोना यात्रा के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, लेकिन उसने भारत को कई छूटों से वंचित कर दिया है. जानकारी के मुताबिक जॉनसन सरकार 4 अक्टूबर से अंबर और ग्रीन लिस्ट को खत्म कर रही है. नए नियमों के तहत रेड लिस्ट बरकरार रहेगी यानी इस लिस्ट में शामिल देशों से ब्रिटेन आने वाले यात्रियों को होटल में दस दिन रुकना होगा. अपने स्वयं के खर्च पर दिन संगरोध होना होगा इतना ही नहीं, भारत से आने वाले यात्रियों को दो टेस्ट कराने होंगे। इसके अलावा ब्रिटेन ने एम्बर और ग्रीन लिस्ट वाले देशों से आने वाले यात्रियों के पूर्ण टीकाकरण को मंजूरी दे दी है। यानी उन्हें ब्रिटेन जाने से पहले न तो आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की जरूरत होगी और न ही ब्रिटेन पहुंचने पर उन्हें क्वारंटीन करना होगा।
अब ब्रिटेन के कोरोना यात्रा नियमों को लेकर भारत सरकार ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. इन नए नियमों को भेदभावपूर्ण बताते हुए भारत ने दो टूक कहा है कि ब्रिटेन एक तरफ कोविशील्ड को मान्यता देने की बात कर रहा है तो दूसरी तरफ क्वारंटीन की पाबंदियों को भी जारी रखे हुए है. वहीं, मोदी सरकार ने शीर्ष स्तर पर ब्रिटेन को स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर अगले दिनों में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई तो भारत भी 10 दिन क्वारंटाइन और दो टेस्ट के पारस्परिक नियमों का पालन करेगा। ब्रिटेन के यात्रियों के लिए भारत आगमन पर उन्हे टेस्ट के प्रावधान को लागू करने के लिए बाध्य किया जाएगा।
इस घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के अनुसार यूके की ओर से कहा गया है कि वे कोविशील्ड को मान्यता देते हैं, लेकिन जो लोग भारत सहित कुछ देशों से ब्रिटेन जाते हैं, चाहे उन्होंने कोई भी टीका लिया हो, उन्हें 10 दिन का होम क्वारंटाइन किया जाएगा। दूसरे और आठवें दिन टेस्ट करना होगा। सबसे बड़ी बात ब्रिटेन पहुंचने वाले भारतीय यात्रियों को खुद ही यह खर्च वहन करना होगा। गौरतलब है कि जिन 17 देशों के टीकों को ब्रिटेन ने मंजूरी दी है उनमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, मलेशिया आदि शामिल हैं। भारत इस सूची में शामिल नहीं है।