सिद्धारमैया की गृहमंत्री शाह को चेतावनी, ऐसा हुआ तो CM पद से दे दूंगा इस्तीफा

बेंगलुरु। लोकसभा चुनाव से पहले सियासी नेताओं के बीच बयानबाजियां तेज हो गई हैं। इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर यह साबित हो जाता है कि सूखा राहत राशि की मांग को लेकर केंद्र को प्रस्ताव सौंपने में उनकी सरकार की तरफ से देरी हुई तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

सिद्धारमैया ने शाह पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और हैरानी जताते हुए कहा कि अगर यह (झूठ) साबित हो गया तो क्या वह केंद्रीय गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि सितंबर में हमने पहला ज्ञापन दिया था। अक्टूबर में केंद्र की टीम (राज्य में) आई थी। उन्होंने भी 20 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी थी। अगर यह झूठ निकला तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन अमित शाह झूठ निकले तो क्या वह पद से इस्तीफा देंगे? सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि अक्टूबर में ही हमने तीन ज्ञान दिए थे। उसके बाद केंद्र की टीम आई और निरीक्षण किया और रिपोर्ट दी। 19 दिसंबर को मैं प्रधानमंत्री से मिला और 20 दिसंबर को अमित शाह से मिला। मैंने उन्हें रिपोर्ट के बारे में बताया और उनसे एक बैठक आयोजित करने और हमें राहत देने का आग्रह किया।

दिसंबर के बाद से चार महीने हो गए हैं। फिर वह कैसे कह सकते हैं कि हमने ज्ञापन में देरी की? हमने पांच महीने पहले ज्ञापन दिया था। अब लगभग छह महीने हो गए हैं। फिर भी उन्होंने कोई राहत नहीं दी है। अगर देश के गृह मंत्री सरासर झूठ बोलते हैं तो उन्हें क्या नैतिक अधिकार है? उन्होंने कहा, क्या यह सच नहीं है कि मैंने और राज्य के राजस्व मंत्री ने 20 दिसंबर को उनसे (अमित शाह) मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया था? क्या यह सच नहीं है कि उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने 23 दिसंबर को एक बैठक बुलाई है और वहां इसका फैसला किया जाएगा? मैं इसे साबित करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि ये सभी दस्तावेज सर्वोच्च न्यायालय में जमा कर दिए गए हैं। अमित शाह को इतना झूठ नहीं बोलना चाहिए।

बता दें कि शाह ने मंगलवार को बंगलूरू में भाजपा कार्यकर्ताओं को नेताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होने आरोप लगाया कि कर्नाटक में सूखा है और राज्य सरकार एक प्रस्ताव को भेजने में तीन महीने की देरी कर रही है। आज केंद्र से सूखा राहत के लिए आवेदन चुनाव आयोग के पास हैं। वे (कांग्रेस सरकार) अब इस पर राजनीति कर रहे हैं।

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