यूपी बन रहा पत्रकारो के लिये ख़तरनाक ! दिनदहाड़े मार दिया गया पत्रकार

  • खबर छापने पर होती है एफआईआर या पीछे लगा दी जाती है जांच एजेंसी
  • लगातार हो रही है पत्रकारों की हत्याएं, खबर छापने पर कई मीडियाकर्मियों पर दर्ज की जा चुकी है एफआईआर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश अब पत्रकारों के लिए खतरनाक बनता जा रहा है। पिछले तीन महीने में कई पत्रकारों की हत्याएं हो चुकी हैं जबकि खबरों को लेकर करीब एक दर्जन मीडियकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यही नहीं बेबाक खबर लिखने वाले पत्रकारों के पीछे जांच एजेंसी तक को लगाया जा रहा है। पत्रकार और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हो रहे हमले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। विपक्ष ने पत्रकारों के हो रहे उत्पीडऩ और हत्याओं को लेकर सरकार से सवाल पूछा है।
प्रदेश में मीडियाकर्मियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। कल बलिया के फेफना कस्बे में टीवी पत्रकार रतन सिंह की हत्या कर दी गई। हैरानी की बात यह है कि यह घटना फेफना थाने से महज 500मीटर की दूरी पर हुई। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी अरविंद सिंह, दिनेश सिंह और सुनील सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पिछले महीने बदमाशों ने पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या कर दी थी। उन्होंने 16 जुलाई को भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की शिकायत की थी। इस मामले में आम लोगों में गाजियाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर गुस्सा दिखा था। लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया था। दबाव के बाद पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया था लेकिन यदि पुलिस शिकायत के तुरंत बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करती तो शायद विक्रम जोशी की जान बच जाती। इसी तरह जून में पत्रकार शुभममणि त्रिपाठी की हत्या उन्नाव में कर दी गई थी। उनकी हत्या भूमाफिया ने करवाई थी। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यही नहीं खुद प्रशासन भी पत्रकारों का उत्पीडऩ करने से पीछे नहीं है। बेबाक खबर लिखने वाले पत्रकारों के खिलाफ न केवल एफआईआर दर्ज की जा रही है बल्कि उनके पीछे जांच एजेंसियों को भी लगाया जा रहा है। पत्रकारों पर हो रहे हमलों को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे बेहद निंदनीय बताया है। वहीं प्रेस क्लब इटावा ने बलिया के पत्रकार रतन सिंह को श्रद्घांजलि दी और मुख्यमंत्री से उनके परिवार को बीस लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग की।

गुमनाम लेटर लिखवाकर पत्रकारों की करायी जा रही जांच

यूपी सरकार उन पत्रकारों को निशाना बना रही है जो मैनेज नहीं हो पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि गुमनाम खत के आधार पर किसी की जांच नहीं की जा सकती मगर यूपी के अफसर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ताक पर रखकर पत्रकारों की जांच अलग-अलग एजेंसी से करवा रहे हैं जिससे उनका मानसिक उत्पीडऩ हो सके। जो पत्रकार सरकार की आलोचना करते हुए खबर लिख देता है तो उसकी मान्यता खत्म कर दी जाती है। उसको विज्ञापन देना बंद कर दिया जाता है और मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती है। कुछ पत्रकार सारे तथ्य इकट्ठा कर सुप्रीम कोर्ट में इसकी रिट दायर करने की तैयारी करने में जुट गये हैं।

सीएम ने पत्रकार के परिवार को दस लाख की मदद का किया ऐलान

लखनऊ। बलिया जिले में फेफना कस्बे में टीवी पत्रकार रतन सिंह की हत्या मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने मृतक रतन सिंह के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान भी किया है। मुख्यमंत्री ने पत्रकार रतन सिंह की हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया है। साथ आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश भी दिए हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बलिया रवाना

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कई पदाधिकारी के साथ बलिया रवाना हो गए हैं। यहां वे पत्रकार के परिजनों से मिलेंगे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यूपी में गुंडाराज पूरी तरह से हावी है। पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता उनके साथ लड़ाई लडऩे को तैयार हैं।

प्रदेश में अब न तो कानून का डर है और न ही कानून का राज है। बढ़ते अपराध का शिकार पुलिस के साथ ही लोकतंत्र का चौथा खंभा यानी मीडिया भी है। आजमगढ़ मंडल के बलिया में सोमवार को पत्रकार की हत्या बेहद दुखद है। लगता है कि प्रदेश में कानून का अनुचित व द्वेषपूर्ण प्रयोग हो रहा है। जिसके कारण ही अपराधी बेखौफ हो गए हैं।
मायावती, बसपा प्रमुख
देश में अपराध और हत्याओं के मामले में आज यूपी टॉप पर है। सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर फर्जी मुकदमे लगा कर उनको धमकाया जाता है। पत्रकारों की हत्याएं की जा रही हैं, इससे ज्यादा खराब हालात नहीं हो सकते। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है।
वैभव माहेश्वरी, प्रदेश प्रवक्ता, आप

पिछले तीन महीनों में तीन पत्रकारों की हत्या और 11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते एफआईआर दर्ज की गई। यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतन्त्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव

मुख्यमंत्री ने घटना का संज्ञान लिया है। दोषी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जायेगी। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा की मुआवजे की धनराशि बढ़ाएं और उनकी पत्नी के लिए नौकरी की व्यवस्था करें।
आनंद स्वरूप शुक्ल, संसदीय राज्यमंत्री

लखीमपुर खीरी में छात्रा की हत्या से सनसनी, दुष्कर्म की आशंका

  • तालाब के बाहर मिला शव पुलिस कर रही जांच

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 13 वर्ष की मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्या के मामले को अभी एक हफ्ता ही बीता है कि लखीमपुर खीरी में कक्षा 12 की एक छात्रा की हत्या कर दी गई। आशंका जताई जा रही है कि उसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई है।
नीमगांव थाना क्षेत्र के गांव निवासी कक्षा 12 की छात्रा का शव आज सुबह गांव के बाहर तालाब के किनारे पड़ा मिला। छात्रा की धारदार हथियार से हत्या की गई है। उसके शव की हालत देख कर दुराचार के बाद हत्या की आशंका व्यक्त की जा रही है। छात्रा कक्षा बारह की छात्रा थी और सोमवार किसी काम से अपने कॉलेज गई थी। शाम तक घर नहीं लौटी तब घर वालों तलाश किया और सूचना पुलिस को दी। लखीमपुर खीरी के नीम गांव थाना क्षेत्र में छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की सूचना पाकर घटनास्थल पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के साथ एसपी सतेंद्र कुमार भी पहुंचे। नीमगांव पुलिस व सीओ मितौली मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। सीओ मितौली सीतांशु कुमार ने बताया कि छात्रा का शव बरामद हुआ है। छात्रा सोमवार को अपने कॉलेज गई थी। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है। अभी कुछ भी बता पाना संभव नहीं है। सभी पहलुओं पर जांच के बाद ही वारदात के बारे में कुछ कह पाना संभव है। मामले की जांच की जा रही है।

अब सीएमओ आए कोरोना की चपेट में, मचा हडक़ंप

  • एसीएमओ के पॉजिटिव होने के बाद कराई थी जांच
  • कार्यालय को किया गया सील, सेनेटाइजेशन शुरू

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। अब लखनऊ के सीएमओ डॉ. आरपी सिंह कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इससे कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया है। पूरे कार्यालय को बंद कर दिया गया। कार्यालय को सेनेटाइज किया जा रहा है।
सीएमओ डॉ. आरपी सिंह ने एसीएमओ डॉ. अजय राजा के कोरोना संक्रमित निकलने के बाद सोमवार को अपने कार्यालय में ही जांच कराई थी। सीएमओ समेत अन्य स्टॉफ और अधिकारियों की भी जांच हुई थी।
सीएमओ के कोरोना संक्रमित निकलने पर कार्यालय को बंद करने और सेनेटाइज कराने का काम किया जा रहा है। सीएमओ डॉ. सिंह होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे ही एसीएमओ डॉ. आरवी सिंह भी कोरोना संक्रमित निकले हैं। सोमवार को लखनऊ में परिवार कल्याण महानिदेशक और एसीएमओ सहित 749 लोग पॉजिटिव मिले थे।

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