अपनी विश्वसनीयता खो चुका है चुनाव आयोग : बृंदा करात

  • मोदी के एक बयान को चौंकाने वाला बताया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
तिरुवनंतपुरम। माक्र्सवादी की नेता बृंदा करात ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान को चौंकाने वाला बताते हुए भारतीय चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। बृंदा करात के अनुसार, प्रधानमंत्री के शब्दों ने सांप्रदायिक शत्रुता और घृणा फैलाने वाले भाषण को भडक़ाने के खिलाफ भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है, फिर भी चुनाव आयोग उचित कार्रवाई करने में विफल रहा है। प्रधानमंत्री भारत के नागरिक हैं। प्रधानमंत्री भारत के नागरिकों से ऊपर नहीं हैं।
प्रधानमंत्री भारत के कानून से ऊपर नहीं हैं। प्रधानमंत्री को भारत के कानूनों को स्वीकार करना होगा। जब पीएम कानूनों का उल्लंघन करते हैं भारत के जो लोग समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाने के खिलाफ हैं, एक समुदाय के बीच नफरत फैलाने के खिलाफ हैं, उन्हें कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। करात ने प्रधानमंत्री के भाषण को भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के नेता के लिए अविश्वसनीय बताया। उन्होंने आगे कहा, इसमें चुनाव आयोग की भूमिका पूरी तरह से चौंकाने वाली है। अगर वे प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता क्या है? यह प्रधानमंत्री की ओर से आने वाला एक बिल्कुल चौंकाने वाला बयान है। यह लगभग अविश्वसनीय है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के प्रधानमंत्री को मर्यादा में बोलना चाहिए, बिल्कुल स्पष्ट रूप से वह अपने भाषण में एक सांप्रदायिक कट्टरपंथी की तरह बोलते हैं।

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