सीएम और मंत्री के दावे की भ्रष्ट बाबू ने खोली पोल
- भ्रष्टाचार की शिकायत का पत्र 9 महीने तक अधिकारियों ने दबाया
- बाबू गौरव त्रिपाठी पर हर फाइल पर 3 फीसदी कमिशन लेने का आरोप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ और नगर विकास मंत्री एके शर्मा के दावों के बाद भी लखनऊ नगम निगम भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा है। नगर निगम स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत बाबू गौरव त्रिपाठी पर बिल बनाने और उसके बाद बजट पास कराने के नाम पर अलग – अलग पैसा लेने का आरोप लगा है। स्वास्थ्य विभाग में काम करने वालों ठेकेदारों ने मेयर सुषमा खर्कवाल को इसके लिए पत्र लिखा है।
आरोप है गौरव पहले तो काम कराने के बाद बजट फाइल बनाने के नाम पर 1 फीसदी और उसके बाद उसी बिल को पास कराने के लिए 2 फीसदी रिश्वत मांगता है। जो ठेकेदार ऐसा नहीं करते है उनकी फाइल को महीनों लटका दिया जाता है।
ठेकेदारों ने लगाई गुहार
ठेकेदारों का कहना था कि उनके पैसे मांगने की वजह से सभी लोगों कम कर्मचारी लगाकर काम करते है। बड़ी बात यह है कि यह शिकायत अक्टूबर 2023 में की गई थी। 9 महीने बीत गए है लेकिन नगर निगम प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने इस शिकायत को भी दबा दिया। बताया जा रहा है कि इसमें गौरव त्रिपाठी के साथ कुछ आला अधिकारी मिले हुए है। यह वह अधिकारी हैं जिनके पास स्वास्थ्य विभाग का काम है। सूत्रों का कहना है कि एक बड़े अधिकारी को गौरव त्रिपाठी ने पिछले दिनों करीब 5 लाख रुपए रिश्वत दिया है।
करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई
लिखित शिकायत में ठेकेदारों ने कहा है कि गौरव त्रिपाठी ने करोड़ों रुपए की प्रापर्टी बनाई है। उसने सुलतापुर रोड पर फ्लैट , जमीन और मकान ले रखा है। ठेकेदारों ने उसकी आय की जांच कराने का आदेश दिया था। यह भी आरोप है कि गौरव ने कई प्रापर्टी अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लिखा है, जिससे कि अगर जांच होगी तो उसके ऊपर कोई हाथ न डाल पाए। ऐसे में ठेकेदारों ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
आरआर विभाग में भी कर चुका है भ्रष्टाचार
यह पहला मौका नहीं जब गौरव के खिलाफ कोई शिकायत हुई हो। वह पहले भी विवादों में रहा है। उसकी ड्यूटी कोविड से पहले आरआर विभाग में थी। उस समय आरोप लगा था कि उसने तात्कालिक आरआर चीफ राम नगीना त्रिपाठी के हस्ताक्षर खुद कर दिया था। इस दौरान भी बड़े स्तर पर खेल हुआ था। उस मामले में राम नगीना त्रिपाठी भी फंसते नजर आए थे। गौरव को शासन स्तर से भी समर्थन रहता है। यही वजह से नगर आयुक्त कोई भी इसका पोस्टिंग हमेशा मलाईदार जगहों पर रहती है।