अखिलेश यादव ने वक्फ बोर्ड बिल का किया विरोध, कहा- ये बिल सोची-समझी राजनीति के तहत पेश हुआ
लोकसभा में आज गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश हुआ है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने वक्फ (संशोधन) बिल 2024 को...
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा में आज गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश हुआ है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने वक्फ (संशोधन) बिल 2024 को लोकसभा में पेश कर दिया है। बिल के पेश होने के साथ ही संसद में विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरु कर दिया है। एक-एक करके नेताओं ने सदन में अपनी प्रतिक्रिया दी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने वक्फ बोर्ड बिल का जमकर विरोध किया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि ये बिल सोची-समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है। बीजेपी, हताश, निराश, चंद कट्टर समर्थकों को संतुष्ट करने के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम को शामिल करने का क्या औचित्य बनता है? स्पीकर ओम बिरला को लेकर अखिलेश ने कहा कि मैंने आपसे कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायधीश हैं। मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आप के भी छीने जाने वाले हैं जिनकी रक्षा हमें करनी होगी।
सपा मुखिया ने यह बात बोलने पर भाजपा सदस्यों ने हंगामा कर दिया इसके साथ ही अखिलेश यादव के बयान पर गृहमंत्री अमित शाह ने आपत्ति जताई है। अमित शाह ने कहा कि स्पीकर के अधिकार सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं है, बल्कि पूरे सदन के लिए है। आप इस तरह की गोलमोल बात नहीं कर सकते हैं। आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं। इस दौरान सदन में हंगामा मच गया है और स्पीकर ने कहा कि आसन पर कोई भी टिप्पणी नहीं की जाए।
सरकार मुस्लिमों की दुश्मन है: असदुद्दीन ओवैसी
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार कह रही है कि वक्फ बोर्ड में महिलाओं को सदस्य बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि सरकार बिलकिस बानो और जकिया जाफरी को इसका सदस्य बनाएगी। ये बिल आप जोड़ने के लिए नहीं ला रहे हैं, बल्कि बांटने के लिए ला रहे हैं। ये बिल इस बात का सबूत है कि सरकार मुस्लिमों की दुश्मन है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि ये बिल पूरी तरह से संविधान और नैतिकता के खिलाफ है।
- ये दुर्भावनापूर्ण विधेयक है, ये बिल सिर्फ मुस्लिमों को टारगेट कर रहा है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
- चुनाव से पहले देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश की गई है. मगर लोगों ने इसे खारिज कर दिया है।