सवालों के घेरे में अजित पवार, पवार ने कमिश्नर को किया था फोन
विधायक सुनील टिंगरे पर सबूतों के साथ छेड़खानी का आरोप लगाने के बाद. IAC अंजलि दमानिया ने अजीत पवार पर आरोपी को बचाने में मदद करने का गंभीर आरोप लगाया.
4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव को लेकर जारी सियासत कम होने का नाम नहीं ले रही है… इस बीच महाराष्ट्र में पुणे पोर्श मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है…. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार ने एक कार्यकर्ता के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी…. जिसमें कार्यकर्ता ने कहा था कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने फोन करके पुलिस पर दबाव बनाया…. अजित पवार ने इस दावे पर पलटवार करते हुए कहा कि वह खुद को बेकसूर साबित करने के लिए नार्को परीक्षण कराने के लिए तैयार हैं… वहीं उन्होंने आगे कहा कि निर्दोष साबित होने के बाद क्या वह (कार्यकर्ता) संन्यास ले लेंगी…. आपको बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने अजित पवार पर आरोप लगाया कि पुणे सड़क दुर्घटना के बाद अजित पवार ने पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार को फोन किया था…. डिप्टी सीएम ने सोमवार को कहा कि उन्होंने ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया था कि पुलिसकर्मी किसी दबाव में न आएं…
जिसको लेकर राकांपा नेता ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि के तौर पर हमारे पास इन घटनाओं को लेकर फोन कॉल आते रहते हैं…. मैंने पुलिस कमिश्नर को फोन किया था।…. मैंने उनसे कहा कि नबालिग आरोपी अमीर घर से ताल्लुक रखता है…. ऐसे में पुलिस पर दबाव बनाने की संभावनाएं हैं… मैंने उनके कहा कि वे किसी भी राजनीतिक दबाव के आगे न झुकें…. वहीं कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने यह दावा किया था कि आरोपी को बचाने के लिए फोन कॉल किया गया था…. इसी के साथ उन्होंने अजित पवार के फोन रिकॉर्ड की जांच करने की भी मांग की थी….
वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि मैं नार्को परीक्षण के लिए तैयार हूं…. लेकिन अगर मैं इसमें निर्दोष साबित होता हूं…. तो आपको संन्यास लेना होगा…. क्या आप इसके लिए तैयार हैं…. अजित पवार का बयान तब आया है… जब ससून अस्पताल के डीन ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक और मंत्री ने चिट्ठी लिखकर आरोपी डॉक्टरों में से एक को फॉरेंसिक विभाग का प्रमुख बनाने की मांग की थी…. दरअसल, ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी के खून के नमूनों के साथ छेड़छाड़… और सबूत नष्ट करने की कोशिश की थी…. इस आरोप में दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया है… गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान डॉ. अजय तावरे… और डॉ. श्रीहरि हार्लोर के तौर पर की गई है…. डॉक्टर विनायक काले ने दावा किया कि महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ… और विधायक सुनील टिंगरे ने डॉ अजय तावरे को फॉरेंसिक विभाग का प्रमुख बनाने के लिए चट्ठी लिखी थी….
आपको बता दें कि पुणे शहर में अट्ठारह-उन्नीस मई की रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में सत्रह साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी…. गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई…. जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी…. मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी…. जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया…
वहीं इस घटना के चौदह घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी…. कोर्ट ने उसे पंद्रह दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने… और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर तीन सौ शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था…. बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी थी…. इसके बाद उसे पांच जून तक एक निरीक्षण गृह भेज दिया गया था…. इसके अलावा इस मामले में अबतक नाबलिग के पिता… और दादा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है…