ज्यादा वोटिंग से बीजेपी को मिला पैगाम
मुफ्ती बोलीं- हमारी जमीन नौकरियों को लेकर जितने भी फैसले हुए कबूल नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। पीडीपी अध्यक्ष और अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मतदान बहुत अच्छा हुआ। लोग दिल्ली वालों को पैगाम देना चाहते हैं कि 2019 में आप ने जो फैसला किया। उसके बाद हमारी ज़मीन, नौकरियों को लेकर जितने भी फैसले किए वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को कबूल नहीं हैं। पीडीपी नेता ने आरोप लगाया कि मैं चुनाव आयोग से पूछना चाहता हूं कि उन जगहों पर मतदान धीमा कर दिया गया जहां लोग जाहिर तौर पर पीडीपी को वोट देने के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे।
श्रीनगर में रिकॉर्ड मतदान पर उन्होंने कहा कि जिस तरह के हालात श्रीनगर, पुलवामा में हैं, वैसे ही हालात अनंतनाग, कुलगाम में भी हैं। वे अपनी आवाज संसद तक पहुंचाना चाहते हैं। श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सोमवार को 36 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो 1998 के बाद से सबसे अधिक है जब जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद अपने चरम पर था, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद घाटी में पहली बड़ी चुनावी कवायद हुई थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पांडुरंग के पोल ने कहा लगभग पिछले तीन दशकों में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत रहा। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण रहा। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मतदाताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। अनुच्छेद 370 हटने और जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के लगभग पांच साल बाद हो रहे लोकसभा चुनाव में कश्मीर में जम्हूरियत का चटख रंग दिखा। इस वजह से लोगों ने निडर होकर वोट किया और सर्वाधिक मतदान का 28 वर्ष का रिकॉर्ड बना दिया।
1989 में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद हुए चुनाव में 1996 (40.94 प्रतिशत) को छोडक़र सबसे अधिक 37.98 फीसदी मतदान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में श्रीनगर में 14.43 फीसदी मतदान हुआ था।
एक देश-एक चुनाव जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं किए : फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी तैयार है। साथ ही उन्होंने फिर दोहराया कि मोदी सरकार एक देश-एक चुनाव की बात कर रही है तो इसे जम्मू कश्मीर से लागू क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा, हम लोग हर वक्त तैयार थे। ये एक देश-एक चुनाव की बात कर रहे हैं। हमने गुजारिश की थी कि शुरूआत जम्मू-कश्मीर से कीजिए। इन्होंने नहीं किया। हम आज भी तैयार हैं, कल भी तैयार हैं, हर वक्त तैयार हैं।