बीजेपी ने एक और चुनावी जुमला उछाला: उमर
बोले- हालात सामान्य हैं तो तुरंत हटाएं अफस्पा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर से आम्र्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) को हटाने संबंधी पर राज्य के दो पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है। दोनों ने कहा कि यह बातेे अन्य की तरह जुमला साबित न हो जाए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बडगाम में अफस्पा को हटाने पर विचार करने के गृह मंत्री अमित शाह के बयान को चुनावी जुमला करार दिया है।
उमर ने कहा कि पिछले चुनाव के दौरान लद्दाख के लोगों से भी प्रदेश को छठी सूची में शामिल करने का वादा किया गया, लेकिन इसे अबतक पूरा नहीं किया गया। इसी तरह अब जम्मू कश्मीर में ठीक चुनाव से पहले अफस्पा हटाने का बयान दिया गया है। उमर ने कहा प्रदेश में अगर हालात सामान्य हैं तो अफस्पा को तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,जब केंद्र सरकार घोषणा करती है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है और आतंकवाद और अलगाववाद समाप्त हो गया है, तो उनके पास अफस्पा को हटाने में देरी करने का कोई कारण नहीं है। उनका मानना है कि और देरी की कोई जरूरत नहीं है। मैं 2011 से इस दिन का इंतजार कर रहा हूं। हमने अफस्पा हटाने के लिए बहुत प्रयास किए।
गृहमंत्री की घोषणा खोखली न साबित हो : महबूबा मुफ्ती
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर से आम्र्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) को हटाने पर विचार करने के गृह मंत्री अमित शाह के बयान का स्वागत किया। महबूबा ने कहा कि देर आए दुरस्त आए। उम्मीद है कि यह देश में हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के भाजपा के वादे की तरह चुनावी जुमला नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पहले कदम के रूप में केंद्र सरकार जेल में बंद पत्रकारों और कश्मीरी युवाओं को रिहा कर सकती है, जिन्हें बिना किसी आरोप या ट्रायल के जेलों में बंद किया गया है। पीडीपी ने सैनिकों को क्रमिक रूप से हटाने के साथ-साथ कठोर अफस्पा को हटाने की लगातार मांग की है। अफस्पा को हटाना गठबंधन के एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी रहा है, जिस पर भाजपा ने पूरी तरह से सहमति व्यक्त की है। देर आए दुरुस्त आए, लेकिन यह हर साल दो करोड़ नौकरियां देने और बैंक खातों में 15 लाख जमा करने के खोखले वादे जैसी जुमलेबाजी न हो।