एमपी में भ्रष्टाचार से भाजपा कार्यकर्ता ही बेजार

  • जमीनी कार्यकर्ताओं को मनाने की जिम्मेदारी बड़े नेताओं को मिली

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 40 परसेंट सरकार के नारे का मध्य प्रदेश में भी असर दिखने लगा है। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के बीच, कर्नाटक की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ते गुस्से की वजह से पार्टी को ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
साथ ही चुनाव नजदीक आने के साथ ऊपर से लेकर जमीनी स्तर के कैडर तक असंतोष भाजपा के लिए चुनौतियां पैदा कर रहा है। पार्टी का प्रदेश नेतृत्व संभावित विद्रोहों को शांत करने का प्रयास कर रहा है। इसमें आ रही मुश्किलों को देखते हुए अब संगठन के नेताओं को इस काम में लगाया गया है। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महासचिव अजय जंबार और राज्य प्रभारी मुरलीधर राव को असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को शांत करने का जिम्मा सौंपा गया है। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संगठन के नेता निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं ताकि उन्हें पार्टी के साथ रखा जा सके और स्थानीय नेताओं की समीक्षा की जा सके। समीक्षाओं के आधार पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को उन लोगों तक पहुंचने का काम सौंपा जा रहा है जो विपक्ष को अपना समर्थन दे सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि असंतोष केवल कुछ प्रमुख क्षेत्रीय नेताओं के कारण ही नहीं, बल्कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ती लहर के कारण भी बढ़ रहा है। रीवा में एक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने स्थानीय कार्यकर्ताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है। अब जब चुनाव नजदीक आ रहा है तो हमारे नेता जाग गए हैं और स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं।

बागियों की संख्या तेजी से बढ़ी

भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों से पूर्व विधायकों और मंत्रियों को दरकिनार करने से बागियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पार्टी के लिए इससे ज्यादा परेशानी निचले स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं में बढ़ता असंतोष है। इससे घबराई बीजेपी सरकार और प्रदेश संगठन बूथ स्तर पर तीसरे दौर का अभियान शुरू किया। स्थिति का जायजा लेने के लिए संगठन के नेताओं का एक समूह बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बंद कमरे में बैठक कर रहा है।

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