भाजपा के सहयोगी पार्टी के विधायक पर FIR, अवैध कब्जा- रंगदारी मांगने का आरोप
अनुप्रिया पटेल की पार्टी के विधायक वाचस्पति के साथ ही माफिया अतीक के गिरोह के लिए काम करने वाले फहीम समेत कई गुर्गों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के धूमनगंज थाना क्षेत्र में एक बड़ी घटना सामने आई है…… जिसमें माफिया अतीक अहमद के गुर्गों….. और अपना दल विधायक वाचस्पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है…… यह एफआईआर एक जमीन कब्जाने के मामले में दर्ज की गई है…… जिसमें एक पीड़ित व्यक्ति शाह फैसल ने आरोप लगाए हैं कि उनकी 1.8720 हेक्टेयर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है…… यह मामला पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बना हुआ है….. और अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है…..
आपको बता दें कि अपना दल सोनेवाल बीजेपी की सहयोगी पार्टी है…. और उसके विधायक गलत गतिविधियों में संलिप्त है…. और प्रदेश में जमीन कब्जानें और माफियागीरी करने का काम कर रहें है…. वहीं प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है…. लेकिन समय समय पर उनके सहयोगियों के कारनामें उजागर होते रहते हैं…. बता दें कि पिछने आठ सालों से योगी बाबा सत्ता में काबिज है…. और इनके शासनकाल में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुए हैं…. लेकिन योगी बाबा सभी मंचों से प्रदेश में सुशासन की बात करते हैं…. वहीं अब जमीन कब्जाने और रंगदारी मांगने के आरोप में इनके सहयोगी दल के विधायक का नाम सामने आय़ा है….. ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब जब जनता के द्वारा चुने गए लोग ही जनता की जमीन कब्जा कर रहे है…. और रंगदारी मांग रहे हैं…. तो ऐसे में गरीब जनता की सुनवाई कौन करेगा…..
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल के चर्चित विधायक वाचस्पति पर माफिया अतीक अहमद गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर मनमाने तरीके से लोगों की जमीन खरीदने-बेचने, गरीबों व ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा करने, पुलिस में शिकायत करने पर लोगों के घरों पर बमबाजी कराने, रंगदारी मांगने….. और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोपों में नामजद एफआईआर दर्ज की गई है….. प्रयागराज की बारा सुरक्षित सीट से अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) के विधायक वाचस्पति के खिलाफ एफआईआर कोर्ट के आदेश पर प्रयागराज कमिश्नरेट के धूमनगंज थाने में दर्ज की गई है…… विधायक पर पहले भी माफिया अतीक अहमद और उसके गिरोह के लोगों के साथ मिलकर काम करने के आरोप लगते रहे हैं…… केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के करीबी कहे जाने वाले वाचस्पति….. और माफिया अतीक के गिरोह के करीबियों के खिलाफ यह एफआईआर प्रयागराज के ही पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के रसूलपुर मरियाडीह निवासी शाह फैसल ने दर्ज कराई है…..
फैसल का आरोप है कि माफिया अतीक अहमद के गिरोह से जुड़े फहीम….. और उदय यादव ने साल 2017 में उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया…… बाद में धोखे से उनसे कुछ कागजातों पर दस्तखत करा लिए…… इसे लेकर वह लगातार संबंधित अधिकारियों से शिकायत करते रहे…… लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई…… शिकायत करने पर उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी दी गई…… और 28 जुलाई, 2022 को उनके घर पर बम से हमला भी कराया गया…… शाह फैसल की शिकायत के मुताबिक उनकी जमीन कब्जा करने…… मनमाने तरीके से खरीदने-बेचने….. और उन्हें जान से मारने की नीयत से उनके घर पर बम से हमला कराने…… धमकी देने जैसे मामलों में फहीम….. और उदय यादव के साथ विधायक वाचस्पति व कुछ अन्य लोग भी शामिल थे…..
वहीं इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज नहीं होने पर शाह फैसल ने इलाहाबाद जिला अदालत की ACJM कोर्ट में अर्जी दाखिल की……. कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद प्रयागराज पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया…… कोर्ट के आदेश पर अनुप्रिया पटेल की पार्टी के विधायक वाचस्पति के साथ ही माफिया अतीक के गिरोह के लिए काम करने वाले फहीम…… और उदय यादव, अरविंद कुमार केसरवानी, प्रमोद कुमार केसरवानी, जैद, जसीम अहमद, अमित कुमार शुक्ला, विकास सिंह…… और एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है…… इस एफआईआर में विधायक वाचस्पति समेत 9 लोगों को नामजद किया गया है…… जबकि एक को अज्ञात में रखा गया है…… सभी आरोपियों के खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज थाने में बीएनएस की धाराओं 191(2),192,193, 308(3), 319(2), 318(4),316(2), 329(3), 332(c),115(2), 352, 351(3) के तहत मामला दर्ज हुआ है……
विपक्षी दलों ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है….. और उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष के लोग अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इस प्रकार के अपराधों को बढ़ावा दे रहे हैं…… विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि अगर विधायक वाचस्पति…… और अतीक अहमद जैसे लोग इस प्रकार के अपराधों में शामिल हैं……. तो यह पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है…… उनका कहना है कि राज्य सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए….. और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए……. इस मामले के उजागर होने के बाद, उत्तर प्रदेश में माफियागिरी…… और जमीन कब्ज़ा करने की घटनाओं को लेकर नई बहस शुरू हो गई है……. यह घटना यह दर्शाती है कि राज्य में माफिया संगठनों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है…… और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कई बार राजनीतिक दबाव आ जाता है…… शाह फैसल जैसे पीड़ितों को न्याय मिलने में बाधाएं आती हैं……. और यही कारण है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए जाते हैं…..