अटल के गढ़ बलरामपुर में भाजपा की परीक्षा!
लखनऊ। छठे चरण के चुनाव में कल बलरामपुर जिले में होने वाला मतदान भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बलरामपुर जिला जनसंघ का गढ़ हुआ करता था। भाजपा वर्ष 2017 में यहां सभी चारों सीटों पर चुनाव जीती थी। इस बार भी सभी सीटें जीतना उसके लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। किसी समय बलरामपुर अटल बिहारी वाजपेयी का संसदीय क्षेत्र हुआ करता था। भारतीय जनसंघ के शुरुआती दौर में अटल बलरामपुर संसदीय सीट से तीन बार चुनाव लड़े। वह दो बार जीते और एक बार कांग्रेस की सुभद्रा जोशी से चुनाव हार गए। हालांकि परिसीमन के बाद बलरामपुर संसदीय सीट समाप्त हो गई और श्रावस्ती संसदीय सीट हो गई। बलरामपुर में चार विधानसभा सीटें हैं। अटल के इस गढ़ में भाजपा हमेशा जीत का परचम लहराती रही है।
बलरामपुर जिले में चार विधानसभा सीटें तुलसीपुर, गैंसड़ी, उतरौला और बलरामपुर हैं। भाजपा ने वर्ष 2017 में जहां चारों सीटों पर कब्जा किया था, वहीं सपा ने वर्ष 2012 में सभी चारों सीटें जीती थी। इस बार भी सभी पार्टियां दम लगाए हुए हैं। सभी सियासी दलों के वरिष्ठ नेता चुनावी सभाएं कर अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। भाजपा बलरामपुर में जहां पुराना जलवा दिखाने को बेताब है, वहीं सपा वर्ष 2012 की तरह इस बार भी बलरामपुर की जनता का साथ पाना चाहती है। 2017 में भाजपा के पल्टूराम विजयी हुए थे।
बृजभूषण शरण को जान से मारने की धमकी
गोंडा। सांसद कैसरगंज बृजभूषण शरण सिंह को धमकी भरा पत्र तथा मिर्च पाउडर मिलने के बाद हड़कंप मच गया। करनैलगंज से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ सांसद प्रतिनिधि ने मुकदमा दर्ज कराया है। कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के प्रतिनिधि सुशील कुमार सिंह पुत्र स्व घनश्याम सिंह निवासी साखीपुर ने थाने पर दी गई तहरीर में बताया कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह के नाम एक स्पीड पोस्ट से एक लिफाफा भेजा जो कि 18 फरवरी को सांसद को मिला। लिफाफा खोलने पर उसमें एक धमकी भरा पत्र और 500 ग्राम गल्डी मिर्च का पाउडर मिला। पत्र में लिखा था कि जिस पर मुसलमानों के खिलाफ चुनाव में आपनें बयान बाजी की उसकी मैं निंदा करते हुए चेतावनी देता हूं कि जितना संभना हो संभल जाओ तुमको जान से खत्म करने का मैंने मेरी पार्टी के नेताओं नें अल्पसंख्यकों के साथ मिलकर प्रबंध कर लिया है और जल्द ही इसका अंजाम तुमको दिखाई पड़ेगा।
वैसे तुम काफी पहले से मुस्लिम आतंकवादियों के निशाने पर हो बस उन्हें स्थानीय स्तर पर सहयोग देने वाले लोग नहीं थे इसलिए अब तक तुम बचते रहे अब तुम्हारा बचना मुमकिन नहीं है जितनी चाहो सुरक्षा रखो, हत्या इंदिरा गांधी ओर राजीव गांधी की हो सकती है तो तुम अभी उनसे बड़े नेता नहीं हुए हो तुम्हें तथा तुम्हारे परिवार का नेस्तनाबूद करना हमारे बांए हाथ का खेल है। प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि त्रिलोकीनाथ तिवारी करनैलगंज से कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी रहे हैं। सांसद प्रतिनिधि के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है।