संकष्टी के दिन भगवान गणेश का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती

By fasting Lord Ganesha on the day of Sankashti, every wish of a person is fulfilled.

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

दिल्ली। इस दिन गणेश भगवान के लिए व्रत रखा जाता है और विधिवत पूजा की जाती है, भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है। संकष्टी के दिन भगवान गणेश का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन इसकी कथा सुनने से गणपति की कृपा प्राप्त होती है।

संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त

पूजा मुहूर्त- रात्रि 08 बजकर 15 मिनट से, रात्रि 09 बजकर 15 मिनट तक (अमृत काल) चंद्र दर्शन मुहूर्त- रात्रि 08 बजकर 30 मिनट से, रात्रि 09 बजकर 30 मिनट तक

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धूप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रखें. गणेश जी को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें। संकष्टी को भगवान गणेश को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं, पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें. रात को चांद देखने के बाद व्रत खोलें।

कष्टी चतुर्थी की व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता पार्वती और भगवान शिव नदी के पास बैठे हुए थे तभी अचानक माता पार्वती की चौपड़ खेलने की इच्छा हुई लेकिन वहां उन दोनों के अलावा तीसरा कोई नहीं था जो इस खेल में निर्णायक भूमिका निभाए। समस्या का समाधान करते हुए शिव और पार्वती ने मिलकर एक मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसमें जान डाल दी. शिव-पार्वती ने मिट्टी से बने बालक को खेल देखकर सही फैसला लेने का आदेश दिया, खेल में माता पार्वती बार-बार भगवान शिव को मात दे रही थीं।

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