निकाय चुनाव में एकजुट हों दलित और मुस्लिम: मायावती

  • भाजपा को हर हाल में रोकना है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा के शीर्ष नेतृत्व ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि शहरी निकाय चुनाव में बसपा दलित-मुस्लिम समीकरण बनाने की कोशिश करें। हालांकि यह उसके लिए आसान नजर नहीं आ रहा है। गांव चलो अभियान में बसपा ने इसी समीकरण पर मुख्य फोकस किया था, पर इसका ऐसा सार्थक परिणाम नहीं निकल पाया जिसकी बसपा सुप्रीमो मायावती को उम्मीद थी। हालांकि इससे गांवों में बसपा ने अपना आधार मजबूत करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी और इसमें कुछ लोगों को जोड़ा भी गया। ऐसे में सभी कोऑर्डिनेटरों से कहा गया है कि जिन सीटों पर दलित और मुस्लिम मिलकर जीत हासिल कर सकते हों, वहां दोनों को ही बसपा से जोडऩे के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया जाए। इसी समीकरण के साधने वाले उम्मीदवार चुने जाएं। दरअसल बसपा के लिए विधानसभा चुनाव 2022 बेहद खराब रहा। इस चुनाव में बसपा से मुस्लिम वोटर तो कटे ही, दलित भी छिटके। यह स्थिति तब थी जब इस चुनाव में बसपा ने 60 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा था। इनमें से एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया। इसका मुख्य कारण मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा हिस्सा सपा की ओर जाना माना गया।

भाजपा को सिर्फ रोक सकती है बसपा

प्रदेश में कुल 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों में चुनाव हो रहा है। इसके लिए बसपा ने फिर से मुस्लिमों को जोडऩे की आस लगाई है। कोआर्डिनेटरों से कहा गया है कि मुस्लिमों को यह समझाया जाए कि दलित मुस्लिम मिलकर ही भाजपा की राह रोक सकते हैं। इसके लिए गांव चलो अभियान शुरू किया गया था, जिसमें मुस्लिमों को जोडऩे के लिए कैडर कैंप लगाए गए। लगातार कैंप लगे, पर उसका बड़ा लाभ बसपा को मिल जाएगा, इसे लेकर अभी बसपा थिंक टैंक ही मुतमइन नहीं हैं। बसपा चाह रही है कि इस बार यह ग्राफ बढ़ाया जाए। हालांकि इसे बचाकर रखना ही बसपा के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है।

बसपा को बदनाम कर रही है सपा

लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर मुकदमा दर्ज होने के बाद मायावती ने ट्वीट के माध्यम से सपा पर निशाना साधा है। बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा प्रमुख की मौजूदगी में मिले मुलायम कांशीराम हवा में उड़ गए जय श्री राम नारे को लेकर रामचरितमानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज प्रमुख है। वास्तव में यूपी के विकास व जनहित की बजाय जातिवादी द्वेष अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है । इसी के तहत उस दौरान अयोध्या श्री राम मंदिर व अपरकास्ट समाज आदि से संबंधित जिम्मेदारों को प्रचारित किया गया वह बसपा को बदनाम करने की सपा की साजिश थी। आज सपा की ऐसी हरकतों से ही खासकर दलितों अन्य पिछड़ों , मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत है।

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