यूपीपीसीएल के चेयरमैन और एमवीवीएनएल के एमडी की अहम की भेंट चढ़ी ई-सुविधा

  • एमवीवीएनएल ने नोटिस देकर ई-सुविधा के साथ करार किया खत्म, 24 से नयी व्यवस्था शुरू
  • ई-सुविधा केंद्रों पर मिलती थी ग्राहकों को मूलभूत सुविधाएं

चेतन गुप्ता
लखनऊ। ब्यूरोक्रेट्स की हनक और सनक का अंदाजा आप यहीं से लगा सकते हैं कि एक अच्छी खासी व्यवस्था जो आम जनता को राहत देने वाली है खत्म होने की कगार पर है। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड यूपीपीसीएल के चेयरमैन आईएएस अफसर एम देवराज और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी भवानी सिंह खंगारौत की। इन अफसरों के अहम की वजह से राजस्व संग्रह करने वाली ई-सुविधा के काउंटर हमेशा-हमेशा के लिए बंद होने जा रहे हैं। भवानी सिंह खंगारौत ने पत्र जारी कर साफ कर दिया है कि 24 अक्टूबर से ई-सुविधा केंद्रों की जगह निगम के कर्मचारी बिलिंग का काम करेंगे। ई-सुविधा परियोजना 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ की गई थी। एक कार्यदायी संस्था को 7(5+2) वर्ष की अवधि के लिए ई-सुविधा द्वारा फरवरी 2019 में 19 रूपए प्रति ट्रांजेक्ïशन की दर चयनित की गई थी। इस संस्था का कार्य मंध्यान्चल विद्युत वितरण निगम के बिजली केंद्रों पर बिलिंग का था। जिसके बदले उनको कमीशन मिलता था। लेकिन अचानक यूपीपीसीएल चेयरमैन एम देवराज और एमवीवीएनएल के एमडी भवानी सिंह द्वारा नियमों को दरकिनार करते हुए यह निर्देशित किया गया है कि सारे बिलिंग एजेंसियों ई-सुविधा, सीएससी, वीएलई को दिए गए कार्य एकत्रित राजस्व का 0.5 फीसदी मूल्य पर संचालित किए जाए, जोकि संभव नहीं है। क्योंकि अन्य एजेंसियों द्वारा दी जा रही सुविधाओं और ई-सुविधा द्वारा आवंटित संस्था में बहुत अंतर है और साथ ही यह पारदर्शी प्रतिस्पर्धा निविदा की शर्तों का उल्लंघन भी है। ई-सुविधा को अन्य एजेंसियों सीएससी, वीएलई की दरों पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है। जबकि ई-सुविधा का चयन पारदर्शी प्रतिस्पर्धा निविदा के माध्यम से किया गया था, जिसके दरों के निर्धारण में कई महत्वपूर्ण लागतों को सम्मिलित किया गया था यानी की ई-सुविधा की दरों का एक आधार है जबकि अन्य एजेंसियों सीएससी, वीएलई के रेट का कोई विशेष आधार नहीं है।

ई-सुविधा के परियोजना निदेशक की भी न सुनी
उत्तर प्रदेश सरकार की आईटी विभाग की सरकारी एजेंसी के रूप में ई-सुविधा कई विभागों में काम कर रही है। उनमें से एक विद्युत विभाग भी है। ई-सुविधा का मंध्यान्चल विद्युत वितरण निगम से एक फरवरी 2019 को पांच वर्षों के लिए करार हुआ था और ये सेवाएं दो साल आगे के लिए बढ़ाई भी जा सकती थी। ई-सुविधा ने एमवीवीएनएल के बिजली केंद्रों पर अपना पूरा सेटअप तैयार कर रखा था, जिसके तहत बिजली के बिलों का कलेक्ïïशन किया जाता था। ग्राहकों की सहूलियत के लिए उचित बैठने की व्यवस्था, हवा, पानी आदि की सुविधाएं थी। लेकिन अन्य एजेंसियां सीएससी, वीएलई इस तरह की कोई सुविधाएं ग्राहकों को नहीं देती है। जबकि दोनों को प्रति ट्रांजेक्ïशन कमीशन के तौर पर अचानक एक रेट तय कर दिया गया। जिसका ई-सुविधा द्वारा विरोध किया गया। और कहा गया कि जो भी दरें तय की गई है। उस पर काम करने के लिए ई-सुविधा तैयार है। लेकिन अन्य एजेंसियों की तरह ग्राहक सुविधाओं में कुछ कटौती की जाएगी। लेकिन इस पर भी एमडी राजी नहीं हुए। ई-सुविधा के परियोजना निदेशक अक्षय त्रिपाठी ने यूपीपीसीएल के चेयरमैन और एमवीवीएनएल के एमडी भवानी सिंह खंगारौत को पत्र लिखकर करार खत्म न करने का अनुरोध किया। जिसका भी कोई असर नहीं हुआ। ई-सुविधा के द्वारा लगभग 250 सौ से 300 करोड़ रूपए राजस्व के रुप में प्रति माह एकत्रित किया जाता था जिसके सापेक्ष ई-सुविधा लगभग एक करोड़ की सुविधा शुल्क लेती थी, अब इसमें 4 से 5 गुना बढ़ोतरी की संभावना है। क्योंकि एमवीवीएनएल सारा खर्च और हार्डवेयर की जिम्मेदारी लेगा। जो कार्य 10-15 हजार वेतन वाले लोग करते थे वही कार्य एमवीवीएनएल अपने टीजीटी 2 ग्रेड के कर्मचारियों से करवाएगा, जिनका वेतन निश्चित तौर पर वर्तमान कार्य करने वाले लोगों से ज्यादा ही होगा यानी की कार्य वही पर लागत बढ़ जाएगी।

सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करने की जरूरत: राजनाथ

अहमदाबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले दो दशक में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के बीच खाई तेजी से कम हो रही है। परंतु उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि स्वतंत्र मीडिया, न्यायपालिका, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और गतिशील लोकतंत्र का दुरुपयोग देश की सुरक्षा व्यवस्था को खत्म करने के लिए किया जा सकता है। रक्षा मंत्री ने गांधीनगर में कहा कि हाइब्रिड युद्ध में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के बीच की लकीर लगभग खत्म हो जाती है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर एकीकृत रूप से काम करने की जरूरत है। आतंकवाद, साइबर युद्ध, मानव तस्करी, मनी लांड्रिंग, मादक पदार्थों से जुड़े अपराध इत्यादि भले ही अलग-अलग नजर आते हों, लेकिन ये सभी आंतरिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हैं और सुरक्षा के लिए चुनौती बने हुए हैं। बदलते समय के साथ सुरक्षा आयामों में तेजी से परिवर्तन आया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आम तौर पर हम सुरक्षा को दो पहलुओं से देखते हैं-आंतरिक और बाहरी। पिछले दो दशकों में यह देखा गया है कि आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के बीच की खाई कम हो रही है। युद्ध के दौरान आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के बीच की रेखा लगभग गायब हो जाती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी देश की सुरक्षा को नष्ट करने के लिए काम करने वाली ताकतें इंटरनेट मीडिया, गैर सरकारी संगठनों, न्यायपालिका और लोकतंत्र का दुरुपयोग कर सकती हैं।

गोंडा में दर्दनाक सड़क हादसा, दो सगी बहनों समेत तीन छात्रों की मौत

लखनऊ। गोंडा-लखनऊ फोरलेन पर कर्नलगंज के चौरी चौराहे पर अज्ञात वाहन की ठोकर से दो सगी बहनों समेत तीन छात्रों की मौत हो गई। जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। वाहन चालक फरार होने में सफल हो गया। उधर परिवारजन को सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया। अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। मृतकों में सत्यम शुक्ला, शिवांजलि व तनवी शामिल हैं। शिवांशी का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। चिकित्सक ने उसकी हालत को नाजुक बताया है। बताया जाता है कि सूबेदारपुरवा के रहने वाले रामसागर का बेटा सत्यम शुक्ला, विजय शुक्ला की बेटी शिवांजलि, तनवी व शिवांशी मंगलवार की सुबह करीब पौने नौ बजे चौरी प्राथमिक विद्यालय पढ़ने के लिए घर से निकली थी। सड़क के किनारे लगे प्लांट के पास पहुंचते ही अज्ञात वाहन ने चारों को अपनी चपेट में ले लिया। इसमें मौके पर सत्यम, शिवांजलि व तनवी की मौत हो गई। शिवांजलि व तनवी दोनों सगी बहनें बताई जा रही है। इनकी एक बहन शिवांशी घायल हैं। ग्रामीण व आसपास के लोग एकत्र हो गए। स्कूल के शिक्षक भी भाग कर मौके पर पहुंचे। घटना से आक्रोशित लोगों ने मार्ग पर प्रदर्शन किया। किस वाहन से हादसा हुआ है। इसकी पड़ताल पुलिस ने शुरू कर दी है।

सात दिन के अंदर स्ट्रीट लाइटें ठीक न हुईं तो बर्खास्त होंगे मुख्य अभियंता

लखनऊ। राजधानी में लगातार निर्देशों के बाद भी स्ट्रीट लाइटों में कोई सुधार न दिखने पर मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब नाराज दिखी। उन्होंने कहा कि अगर इस सप्ताह अगर शहर की सभी स्ट्रीट लाइट सही नहीं हुई तो एजेंसी ईईएसएल कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर सबंधित को जेल भेजा जाएगा। दीपावली में सभी स्ट्रीट लाइटें जलनी चाहिए। शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने नगर निगम के केंद्रीय कार्यशाला और मार्ग प्रकाश विभाग के मुख्य अभियंता संजय कटियार को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि अगर किसी प्रकार की लापरवाही हुई तो उन्हें (मुख्य अभियंता) बर्खास्त करने की कार्यवाही की जाएगी। मंडलायुक्त ने कहा कि नगर निगम में जो गाड़ियां कंडम हैं, उसकी नीलामी तत्काल करें।

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