सिर्फ नोटिस से काम चला रही सरकार, इस भ्रष्ट प्रोफेसर की नहीं हो रही विजिलेंस जांच

नोटिस जारी, जल्द चलेगी फर्जी प्रोफेसर विमल जायसवाल पर दंड की चाबुक

4पीएम ने छापी थी खबर जागा यूनिवर्सिटी प्रशासन
लखनऊ विश्वविद्यालय के अप्लाइड इकोनॉमिक्स विभाग में फर्जी दस्तावेजों के बल पर हासिल की है प्रो. विमल जायसवाल ने नौकरी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 4पीएम में छपी खबर के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन जागा है और उसने विमल जायसवाल को नोटिस जारी करने की बात कही है। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन के नोटिस जारी करने के टाइम पर सवाल उठ रहे हैं।
क्योंकि 8 जनवरी को कुलपति डॉ. आलोक कुमार राय के नेतृत्व में गठित कमेटी को 23 जनवरी तक रिपोर्ट सौंप देनी थी। लेकिन कुलपति इन दिनों ताजिकिस्तान के दौरे पर हैं, इसलिए जांच समय सीमा में पूरी होने की उम्मीद कम है। शायद यही कारण है कि विधायक ने इस विषय की जांच के लिए किसी आईएएस को जांच सौपने की मांग की चिटठी सीएम येागी आदित्यनाथ को लिखी है।

जांच पर भरोसा कम

यूनिवर्सिर्टी प्रशासन इस दिशा में सुस्त चला चल रहा है। भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे लोग लगातार इस विषय में प्रशासन को सबूत मुहैया करा रहे हैं। हर स्तर पर शिकायत की जा चुकी है। फिर भी प्रशासन बजाए कार्रवाई के नोटिस जारी कर रहा है। हालाकि विषय से जुड़े लोगों का कहना है कि नोटिस जारी होना भी बड़ी जीत है।

हर स्तर पर शिकायत

प्रोफेसर विमल जायसवाल के पिता सियाराम जायसवाल भी उसी विभाग में प्रोफेसर और उत्तरप्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे हैं जिस विभाग में वह प्रोफेसर है। ऐसे में प्रोफेसर विमल नॉन क्रीमी लेयर की परिधि से बाहर हो जाते हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के बल पर नौकरी हासिल की है। उनकी शिकायतें हर स्तर पर हो रही है। यहां तक विधानसभा में इस विषय पर सवाल भी उठ चुका है। विधानसभा में सवाल के बाद ही जांच शुरू हुई लेकिन जांच की सुस्त रफ्तार बता रही है कि विमल जायसवाल की पैठ यूनिवर्सिटी प्रशासन में गहरी है।

क्यों सुस्त है जांच

जानकारों का कहना है कि यदि विमल कुमार जायसवाल पर कार्रवाई होती है तो उन लोगों पर भी कार्रवाई होगी जो इस परिधि में आते हैं। सूत्रों के मुताबिक सिर्फ विमल ही नहीं ऐसे बहुत से दूसरे अन्य लोग भी है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। प्रो विमल पर आरोप है कि उन्होंने अंकों में हेर-फेर और शोध विद्यार्थियों का शोषण किया है। ओबीसी कटेगरी में क्रीमीलेयर की गलत सूचना देकर वर्ष 2005 में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति पा ली।

विधायक अभय सिंह ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

अयोध्या के गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह ने प्रो. विमल की जांच से कुलपति को हटाने के लिए 13 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। 15 जनवरी को प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जल्द ही प्रकरण की जांच कराने के लिए आगे बढ़ा दिया। पत्र में विधायक ने कुलपति की जगह किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से जांच की मांग की है।

26 जनवरी से दिल्ली में पार्टी के लिए प्रचार करेंगी प्रियंका गांधी

दिल्ली विस चुनाव में महत्वपूर्ण सीटों पर रोड शो और रैलियां करेंगी कांग्रेस सांसद
दिल्ली में राहुल गांधी के ज्यादातर प्रोग्राम कैंसिल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा 26 जनवरी से दिल्ली में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकती हैं। कांग्रेस के अभियान प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि प्रियंका गांधी रविवार 26 जनवरी की शाम को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अपनी पहली रैली को संबोधित कर सकती हैं।
उन्होंने बताया कि सभी कांग्रेस उम्मीदवारों ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) से अनुरोध किया है कि प्रियंका उनकी सीट पर प्रचार करें। हालांकि, वह केवल महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करेंगी।

राहुल गांधी की सेहत खराब

गुरुवार को राहुल गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद में अपनी रैली रद्द कर दी, जिससे चुनाव प्रचार में उनकी उपलब्धता को लेकर संशय बरकरार है। राहुल गांधी हाल ही में अस्वस्थ होने के कारण कुछ कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाए थे। इनमें दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में उनका प्रस्तावित कार्यक्रम भी शामिल था। इससे पहले सांसद राहुल गांधी बुधवार को सदर बाजार निर्वाचन क्षेत्र के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर एक रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन खराब सेहत के कारण रैली में शामिल नहीं हो पाए।

तीन गुजराती स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी

इन स्कूलों में पढ़ते हैं वीआईपी बच्चे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बडोदरा। गुजरात के वडोदरा में तीन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। भायली क्षेत्र में स्थित नवरचना स्कूल के प्रिंसिपल को एक ई-मेल भेजकर बम से उड़ाने की धमकी दी गई, जिसमें दावा किया गया कि पाइपलाइन में बम रखे गए हैं। धमकी भरा ईमेल शुक्रवार तडक़े चार बजे आया।
सूचना मिलने पर बम निरोधक दस्ते (बीडीएस), क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। एहतियात के तौर पर छात्रों को आज छुट्टी दे दी गई है। बीडीएस की टीम गहन जांच करने नवरचना स्कूल और विश्वविद्यालय पहुंची। बीडीएस टीम ने विश्वविद्यालय का निरीक्षण करना शुरू कर दिया, जबकि क्राइम ब्रांच और पीसीबी पुलिस की टीमें भी तलाशी अभियान में शामिल हो गईं। सूत्रों के अनुसार, नवरचना स्कूल में वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चे भी पढ़ते हैं। पुलिस ने बम की धमकी देने वाले व्यक्ति का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते गुरुवार को मुंबई के जोगेश्वरी और ओशिवारा इलाकों में एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी भरा एक ईमेल मिलने से हडक़ंप मच गया था। धमकी मिलने के बाद मुंबई पुलिस और बम निरोधक दस्ते की एक टीम स्कूल परिसर पहुंची और जांच शुरू की थी। ईमेल में दावा किया गया था कि बम अफजल के गिरोह ने लगाया था।

डोनाल्ड ट्रंप के सिग्नेचर से खुलेगा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों की हत्या का राज

जॉन एफ कैनेडी, सीनेटर रॉबर्ट एफ कैनेडी और रेवरेंड डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्याओं से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने के कार्यकारी आदेश पर किया हस्ताक्षर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी, सीनेटर रॉबर्ट एफ कैनेडी और रेवरेंड डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्याओं से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों को सच जानने का हक है।
डिटेल्ड डाक्यूमेंट शेयर करते हुए व्हाइट हाउस ने कहा, छह दशकों की गोपनीयता के बाद अमेरिकियों को सच्चाई से रूबरू कराना है।
बयान में कहा गया, कार्यकारी आदेश यह नीति स्थापित करता है कि इन हत्याओं के 50 से अधिक वर्षों के बाद, पीड़ितों के परिवार और अमेरिकी लोग सच्चाई के हकदार हैं।

हत्याओं पर हत्याएं हुई थीं

कार्यकारी आदेश शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक करने की योजना प्रस्तुत करने का निर्देश देता है। राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की 1963 में डलास में हत्या कर दी गई थी। उनके भाई रॉबर्ट एफ कैनेडी की कैलिफोर्निया में 1968 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ते समय हत्या कर दी गई थी। इसके मात्र दो महीने बाद अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध नागरिक अधिकार नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर की मेम्फिस, टेनेसी में हत्या कर दी गई थी।

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