राज्यपाल बागड़े ने दिए सख्त निर्देश, कहा- जनजातियों के विकास के लिए ईमानदारी से हो काम 

हमारे देश में कई जाति और धर्म के लोग निवास करते हैं... इनमें से कुछ जंगली क्षेत्रों मे निवास करते हैं... इस लोगों की अपनी जीवन शैली, बोली, भाषा, संस्कृति होती है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः हमारे देश में कई जाति और धर्म के लोग निवास करते हैं… इनमें से कुछ जंगली क्षेत्रों मे निवास करते हैं… इस लोगों की अपनी जीवन शैली, बोली, भाषा, संस्कृति होती है… और नगरीय समाज से इनका मिलान बहुत सीमित होता है… बता दें कि सुदूर जंगलों में निवास होने के कारण इन्हें आदिवासी, जनजाति आदि कई नामों से जाना जाता है… इनको लेकर संविधान में एक स्वतंत्र राज्य बनाने की कल्पना की गई थी… वहीं स्वतंत्र राज्य बनाने से आशय था कि इन आदिवासियों के जीवन स्तर को सुधारा जा सके… समाज में आदिवासी और जनजाति समाज के लोगों के स्तर में सुधार किया जा सके… लेकिन संविधान की यह कल्पना अभी तक सच साबित नहीं हो पाई है… और जनजाति समाज के लोग अपनी मांगो को लेकर संघर्ष भी करते रहें है… जब भी हम जनजातीय समाज की बात करते हैं तो, बिरसा मुंडा के बलिदान को याद करना स्वाभाविक है…. बिरसा मुंडा के द्वारा जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध शुरू किये गए विद्रोह का ही नतीजा था… कि जनजातीय समाज एकजुट होकर आज़ादी… और हक़ की लड़ाई के लिए आगे आया…. बिरसा मुंडा की जनजातीय समाज के कल्याण की भावना… और इसके प्रति पूर्ण समर्पण ने उन्हें सिर्फ जनजातीय समुदाय ही नहीं…. अपितु सभी भारतियों के ह्रदय में एक भगवान का दर्ज़ा प्राप्त हुआ…. और सभी देशवासी आज भी उनको ‘भगवान बिरसा मुंडा’ के नाम से स्मरण करते हैं….

आपको बता दें कि राजस्थान, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आदि ऐसे जनजातीय बाहुल्य राज्य हैं… जहां की राज्य सरकारें जनजातियों के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रहीं हैं…. लेकिन वास्तव में जनजातियों के विकास और कल्याण की योजनाएं धरातल पर ना के बराबर हैं…. शायद यह इच्छाशक्ति कमी ही है… जिसके कारण जनजातियों का विकास अधर में है…. इन सबके बीच भारत सरकार जहां जनजातियों के विकास और कल्याण के लिए राज्य सरकार वर्ष 2003 से ही कार्य कर रही है…. जनजातियों की समस्याओं को नज़दीक से समझते हुए उनके निराकरण के लिए योजनाएं बनाना…. और फिर उनका सफलता पूर्वक पालन करना, अपने आप में किसी ‘आदर्श कार्य’ से कम नहीं है…. बता दें कि राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के निर्देश दिए…. और उन्होंने जनजाति क्षेत्र विकास विभाग के अधिकारियों को आदिवासी क्षेत्रों के सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा…. और अन्य विकास योजनाओं से जुड़े विभागों की स्वयं मॉनिटरिंग करने की बात कही है….

बता दें कि राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने स्पष्ट कहा कि जनजाति क्षेत्र विकास विभाग का दायित्व सिर्फ योजनाओं पर अमल करना ही नहीं…. बल्कि जनजातीय क्षेत्र के समग्र विकास की जवाबदेही भी उनकी जिम्मेदारी है…. और उन्होने केंद्र और राज्य सरकार के विकास लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने के साथ जनजातीय क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने पर जोर दिया…. आपको बता दें कि हरिभाऊ बागड़े ने आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों की पढ़ाई, उनकी स्कॉलरशिप, आवास योजनाएं…. और वहां पर काश्तकारों के बारे में बिंदुवार जानकारी ली है…. बैठक में जनजाति विकास विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी…. राज्यपाल ने जन-धन योजना के अंतर्गत खोले गए खातों, ‘हर घर जल’ के तहत लाभान्वित परिवारों, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत कृषि विकास के लिए किए कार्यों, हर गांव में पक्की सड़क निर्माण की प्रगति, गांवों में आरोग्य सेवाओं की स्थिति, आयुष्मान भारत योजना आदि के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी ली…

आपको बता दें कि बागड़े ने निर्देश दिए कि इन सभी योजनाओं का व्यावहारिक रूप में प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए…. और उन्होंने कहा कि केवल लक्ष्य पूर्ति के लिए ही कार्य नहीं हो बल्कि ये भी देखा जाए कि आदिवासी क्षेत्र के लोगों को वास्तविक रूप में विकास योजनाओं का लाभ मिले… और आदिवासी समाज का उत्थान हो सके… और आदिवासी समाज के लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ सके… और समाज में उनको भी सम्मान मिले… लोग उन्हें हीन भावना से न देखे… वहीं राज्यपाल ने जनजाति क्षेत्र विकास विभाग को आदिवासी गांवों में सामुदायिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ वहां पर जांच शिविर आयोजित कर टीबी और कैंसर मुक्त जनजातीय क्षेत्र पर कार्य करने का आह्वान किया….

आपको बता दें कि जनजाति क्षेत्र विभाग के सचिव जोगाराम ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में 53 आश्रम आवासीय विद्यालय खोले गए हैं…. और उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में खोले गए छात्रावास…. और एकलव्य आवासीय विद्यालयों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न स्तरों पर राज्य सरकार निरंतर यह प्रयास कर रही है…. कि आदिवासी क्षेत्रों का प्रभावी विकास हो सके…. जोगाराम ने जनजातियों के विकास के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी…

 

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