जलते मणिपुर में सियासी घमासान, राहुल ने लगाया पीड़ितों पर मरहम

गांधी के दौरे पर भडक़ी भाजपा, कांग्रेस ने कहा-डर गई है मोदी सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस नेता राहुल गंाधी ने वहां पहुंच कर लोगों का हाल जाना और शांति की अपील की। शिविरों का दौैरा करने के बाद वह राज्यपाल से भी मिले। राहुल गांधी की यात्रा के बाद भाजपा आगबबूला हो गई। वह कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है तो विपक्ष कह रहा है कि भाजपा डर गई है इसलिए राहुल गांधी की यात्रा को रोकने का प्रयास कर रही है।

वहीं मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राज्य के नौ विधायकों ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। विधायकों ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुके हैं। एन बीरेन सिंह पर आदिवासी विरोधी एजेंडे को बढ़ाने के आरोप लग रहे हैं। बीते दिनों जब केंद्र सरकार ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए शांति समिति गठित की थी तो उसमें भी शामिल किए गए कई लोगों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जाहिर किया था और मुख्यमंत्री को शांति समिति में शामिल करने का विरोध किया था।

शांति बनाए रखें लोग : राहुल

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा किया और इसके बाद राज्यपाल से भी मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मणिपुर को शांति की जरूरत है। मैं राहत शिविर में गया और हर समुदाय के लोगों से मिला। राहत शिविरों में दवाई, खाने की कमी है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। मेरी मणिपुर के हर व्यक्ति से अपील है कि शांति बनाए रखें। मैं यहां मौजूद हूं और जो शांति कि लिए कर सकता हूं वह करूंगा।

राज्यपाल से मिलेंगे सीएम बीरेन

मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पद से इस्तीफा देने की अटकलें चल रही हैं। दरअसल सीएम एन बीरेन सिंह थोड़ी देर में राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, एन बीरेन सिंह सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं। एन बीरेन सिंह शाम तीन बजे के करीब राज्यपाल अनुसुइया उइके से राजभवन में मुलाकात करेंगे।

अगर सॉल्यूशन नहीं ला सकते तो दूर रहें राहुल : सीएम हिमंता

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि अगर राहुल मणिपुर की समस्या के लिए कोई सॉल्यूशन नहीं ला सकते तो उन्हें इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा- राज्य और केंद्र सरकार स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में किसी नेता को वहां नहीं जाना चाहिए।

योगी ने लाभार्थियों को सौंपी चाबी

अतीक की छुड़ाई भूमि पर बने आवासों का लोकार्पण

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी ने प्रयागराज जिले के लूकरगंज में अतीक अहमद के कब्जे से खाली कराई गई भूमि पर बने पीएम आवास का लोकार्पण किया।
शुक्रवार को निर्धारित समय से कुछ विलंब से पहुंचे सीएम ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर आवास का लोकार्पण किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल लीडर रोड पर औपचारिक रूप से लाभार्थियों को चाबी सौंपी। सुबह से ही बारिश होने के कारण कार्यक्रम में काफी अव्यवस्था रही। सीएम के आगमन के मद्देनजर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। लूकरगंज आवास से लेकर लीडर रोड तक पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

हाईकोर्ट ने दिया ट्विटर को झटका

केंद्र के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज
50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ लगाई गई ट्विटर की याचिका खारिज कर दी है। ट्विटर ने कुछ लोगों के अकाउंट, ट्वीट और यूआरएल ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी।
कोर्ट ने केंद्र के आदेश न मानने के चलते ट्विटर पर 50 लाख रुपए का फाइन भी लगाया। केंद्र सरकार ने फरवरी 2021 से 2022 के बीच ट्विटर को किसान आंदोलन और कोरोना वायरस से जुड़े कुछ अकाउंट्स, ट्वीट और यूआरएल ब्लॉक करने का आदेश दिया था। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने पिछले साल जून में ट्विटर को नोटिस भेजा था कि केंद्र सरकार के आदेश न मानने पर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ट्विटर ने इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 26 जुलाई, 2022 को जस्टिस कृष्णा सिन्हा की सिंगल जज बेंच ने इस पर पहली बार सुनवाई की। इसके बाद केंद्र सरकार और ट्विटर दोनों ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा।
हाईकोर्ट ने इस साल 21 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 30 जून को फैसला सुनाया और 45 दिन के अंदर जुर्माना जमा करने के लिए कहा। फरवरी 2021 में किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार के आदेश पर ट्विटर ने किसान एकता मोर्चा समेत कई अकाउंट ब्लॉक भी किए थे।

अकाउंट ब्लॉक करने की वजह बतानी थी : ट्विटर

ट्विटर ने कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार के पास सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए सामान्य आदेश जारी करने का अधिकार नहीं था। सरकार को इसके लिए अकाउंट ब्लॉक करने की वजह बतानी थी, जिससे कंपनी यूजर को बता सके कि उसका अकाउंट किस वजह से ब्लॉक किया गया है। वहीं, सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए ट्विटर को ब्लॉक करने के आदेश दिए गए थे, जिससे लिंचिंग और मॉब वॉयलेंस की घटनाओं को रोका जा सके।

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