अधिवक्ता को गाली देने वाले सट्टेबाज को संरक्षण देती है लखनऊ पुलिस, सीएम से शिकायत पर भी कोई असर नहीं
- महिला आर्किटेक्ट का लाखों रुपया नहीं दिया एक अपराधी छवि के व्यक्ति ने
- महिला ने अधिवक्ता से नोटिस दिलाया तो इस गुंडे ने अधिवक्ता को ही दे डाली गाली
- अधिवक्ता ने सीएम और तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को दिया प्रार्थना पत्र पर पीजीआई पुलिस ने नहीं की एफआईआर
लखनऊ। पीजीआई थानाक्षेत्र के वृंदावन टू के एजिया बोटानिका अपार्टमेंट में रहने वाले अपराधी छवि के सट्टेबाज इमरान के हौसले इतने बुलंद हो गए कि उसने अपना फ्लैट तैयार करने वाली महिला आर्किटेक्ट को अपने पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकी देते हुए उससे अमर्यादित व्यवहार किया और घर से भगा दिया। पीड़ित महिला ने अपने अधिवक्ता आशीष से इमरान को जब नोटिस भिजवाया तो इमरान ने अधिवक्ता को ही जमकर गालियां दे डाली। पीड़ित अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत की और खुद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से मिलकर एफआईआर कराने का प्रार्थना पत्र दिया। मगर दस दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पीजीआई पुलिस ने इसकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की। सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष ने सीएम को और पुलिस कमिश्नर को तत्काल इस सट्ïटेबाज को गिरफ्तार करके कानूनी कार्रवाईर् करने का अनुरोध किया है।
दरअसल मामला ये है कि सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट अनुराग दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बताया कि उनके जूनियर के रूप में एडवोकेट आशीष डी राव सत्र न्यायालय लखनऊ में प्रेक्टिस करते हैं। उनकी क्लाइंट एक आर्किटेक्ट महिला हैं, जिसकी लाखों की बकाए फीस से संबंधित प्रकरण को लेकर 28 जुलाई को युवा अधिवक्ता आशीष ने दबंग ठेकेदार इमरान खान को एक लीगल नोटिस भेजी। बताया जाता है कि इमरान खान सट्ïटा व्यापारी है और अपराधी किस्म का है। इस नोटिस से भड़के सट्ïटेबाज इमरान ने अपने मोबाइल नंबर से युवा अधिवक्ता से गाली गलौज व जानमाल की धमकी दी। जिससे सहमे अधिवक्ता आशीष ने तत्कालीन पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर से मुलाकात कर उनको प्रार्थना पत्र देकर आरोपी ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इस पर कमिश्नर ने थाना प्रभारी पीजीआई को मामले की जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। लेकिन आज तक उस मामले में मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया, जिसके चलते आरोपी के हौसले बुलंद हैं और युवा अधिवक्ता इस धमकियों को लेकर डरे सहमे हुए हैं, जिसका असर उनकी प्रेक्टिस पर भी पड़ रहा है।
ये बड़ी हैरानी की बात है कि एक अधिवक्ता को कोई सट्ïटेबाज इस तरह से गाली दे और पुलिस उसकी एफआईआर तक दर्ज न करें। जिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले में लापरवाही की है उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। अधिवक्ता समाज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अनुराग दीक्षित, पूर्व उपाध्यक्ष सेंट्रल बार एसोसिएशन
मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि इस तरह किसी को नोटिस देने पर कोई मुझे जान से मारने की धमकी देकर गालीगलौज कर सकता है। ये गंभीर मामला है। इस अपराधी के खिलाफ कोई कार्रवाई न होना आश्चर्यजनक बात है।
आशीष डी राव, युवा अधिवक्ता
फिर डराने लगा कोरोना, प्रियंका गांधी फिर से संक्रमित
नई दिल्ली। देश में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर बढ़ने लगी है। बीते चौबीस घंटे में कोरोना के 16,047 नए मामले सामने आए हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एक बार फिर से कोरोना संक्रमित हो गई हैं, जिसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी है। कुछ समय पहले भी वह कोरोना से संक्रमित हुई थीं। देश में कोरोना वायरस के मामलों में फिर बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, संक्रमित होने वालों के मुकाबले ठीक होने वाले लोगों की संख्या अधिक रही। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना के 16,047 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 19,539 मरीज ठीक भी हुए हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी संक्रमित हो गयी है। आज सुबह उन्होंने ट्वीट किया, कोरोना पॉजिटिव आई हूं। घर में आइसोलेट हूं और कोरोना के सभी नियमों का पालन कर रही हूं। इससे पहले तीन जून को भी प्रियंका गांधी कोरोना संक्रमित हुई थीं। वहीं मंगलवार को राज्य सभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कोरोना संक्रमित हुए थे। फिलहाल मंगलवार को देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 1 लाख 31 हजार 807 थी। एक्टिव केस कुल मामलों का 0.29 फीसद है।
वैक्सीन लगवाने वाली बहनें ही जेल में बंद भाइयों को बांध पाएंगी राखी
लखनऊ। कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल तक जेलों में बंद भाइयों की कलाइयां रक्षाबंधन पर सूनी रहीं। इस रक्षाबंधन पर बहनें उनको राखी बांधने जा पाएंगी। उनको कोरोना से बचाव का टीका लगा होना चाहिए। टीके का प्रमाणपत्र या आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट होने पर ही उन्हें प्रवेश मिलेगा। वह खुली मिठाई नहीं ले जा सकेंगी। आगरा जिला जेल के अधीक्षक पीडी सलौनिया ने बताया कि 12 अगस्त के त्योहार के लिए जेलों में भी इंतजाम किए गए हैं। जेल में 3300 पुरुष और 160 महिला बंदी निरुद्ध हैं। रक्षाबंधन पर आने वाली बहनों के पास टीके की दोनों डोज लगे होने का प्रमाणपत्र या आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। पुरुषों को प्रवेश नहीं होगा। पैक्ड सोनपपड़ी, गोला और रोली ले जाने की अनुमति होगी। खुली मिठाई नहीं लेकर आएं। दूसरे दिन महिला बंदियों से मिलने के लिए भाई आ सकते हैं। प्रभारी डीआईजी जेल वीके सिंह ने बताया कि रक्षाबंधन पर बहनों को ही प्रवेश दिया जाएगा। उनके पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। कोरोना का टीका लगा होना चाहिए। जेलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।