मुरादाबाद में प्रभारी मंत्री जितिन प्रसाद के सामने ही भिड़े विधायक और बीजेपी नेता
- मारपीट होते देख बैठक छोड़कर चले गए मंत्रीजी
लखनऊ। मुरादाबाद में कल शाम सर्किट हाउस में उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद समीक्षा बैठक कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मौजूदगी में ही कुछ हमलावरों ने भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनमोहन सैनी की लात घूसों से पिटाई कर दी। भाजपा नेता पर इस हमले से कुछ देर पहले ही सर्किट हाउस में मंत्री जितिन प्रसाद के सामने ही मनमोहन सैनी और नगर विधायक रितेश कुमार गुप्ता के बीच कहासुनी हो गई थी। उस समय तो दोनों के बीच लोगों ने बीच बचाव करा दिया था, लेकिन उसके बाद भाजपा नेता के बाहर निकलते ही 12 से 13 अज्ञात लोगों ने घेर कर पिटाई कर दी। बता दें कि योगी सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद देर शाम मुरादाबाद पहुंचे थे। रात में उन्होंने सर्किट हाउस में मुरादाबाद के भाजपा के सभी जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई थी। समीक्षा बैठक के दौरान जितिन प्रसाद सभी से उनके क्षेत्रों की समस्याएं पूछ रहे थे। इसी दौरान बैठक में मौजूद भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनमोहन सैनी ने लाइनपार इलाके में विकास ना होने का मुद्ïदा उठाया। मनमोहन ने कहा कि विधायक अपनी पार्टी का होते हुए भी प्रकाश नगर चौराहा और लाइनपार एरिया में विकास नहीं हो पा रहा है। इतना सुनते ही बैठक में जितिन प्रसाद के ठीक बगल में बैठे शहर भाजपा विधायक रितेश कुमार गुप्ता का पारा हाई हो गया और दोनों में लड़ाई हो गयी। बैठक में मौजूद लोगों का कहना है कि विधायक ने गुस्से में कहा कि तेरी इतनी औकात है कि तू मेरे बारे में बोलेगा, तूने मेरा नाम लिया कैसे? विधायक रितेश कुमार और मनमोहन के बीच जब गर्मा गर्मी शुरू हुई तो इस दौरान मंत्री जितिन प्रसाद अपनी कुर्सी पर खामोश बैठे रहे। शुरू में उन्होंने दोनों से शांत रहने को कहा लेकिन जब मंत्रीजी की बात अनसुनी कर दी गई तो वह बैठक छोड़कर चले गए।
नहीं रहे वरिष्ठ प्रचारक एवं संस्कार भारती के संरक्षक बाबा योगेंद्र
लखनऊ। राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व संस्कार भारती के संरक्षक पद्ïमश्री बाबा योगेंद्र 99 वर्ष की आयु में आज सुबह आठ बजे देवलोक गमन कर गए। 7 जनवरी, 1924 को बस्ती जिले में जन्मे बाबा योगेंद्र पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे तथा उनका लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उपचार चल रहा था। बाबा योगेंद्र कला तथा साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाली अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के संस्थापक थे तथा अनेक वर्षों तक राष्टï्रीय संगठन मंत्री रहे। कला क्षेत्र में आपके योगदान को देखते हुए वर्ष 2018 में भारत सरकार ने पद्म श्री सम्मान से अलंकृत किया था। इसके अतिरिक्त भाऊराव देवरस सेवा सम्मान तथा अहिल्या बाई होलकर राष्टï्रीय पुरस्कार तथा अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित हुए थे। बाबा योगेंद्र गोरखपुर, प्रयाग, बरेली, बदायूं और सीतापुर में प्रचारक रहे।
वरिष्ठ पत्रकार विश्वदीप घोष का हार्ट अटैक से निधन
लखनऊ। वरिष्ठ पत्रकार विश्वदीप घोष का हार्ट अटैक से मेदांता लखनऊ में निधन हो गया है। विश्वदीप कई बड़े अंग्रेजी अखबारों में लम्बे समय तक वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे। उन्हें प्यार से लोग ‘दादाÓ कह कर पुकारते रहे हैं। क्राइम रिपोर्टिंग के बेताज बादशाह थे। टाइम्स ऑफ इंडिया, द पायनियर और हिन्दुस्तान टाइम्स में करीब तीन दशक से अधिक अर्से तक उन्होंने पत्रकारिता की शानदार पारी खेली। घोष के निधन पर राजधानी सहित यूपीभर के पत्रकारों ने शोक व्यक्त किया है।
स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा का अहम योगदान: सनोबर
लखनऊ। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले महान मुंडा नेता बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि के अवसर पर नौ जून को महाराजा बिजली पासी राजकीय महाविद्यालय के ईबीएसबी क्लब द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर इतिहास विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सनोबर हैदर ने बिरसा मुंडा के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. सनोबर हैदर ने कहा कि बिरसा मुंडा भारत में ब्रिटिश सरकार के द्वारा किये जाने वाले अत्याचार के विरोध में खड़े हुये। बिरसा मुंडा ने आदिवासी समुदाय का नेतृत्व करते हुए छोटा नागपुर पठार क्षेत्र के आदिवासी हितों पर खतरा पैदा होने पर दमनदारी भूमि कानूनों, जमींदारी व्यवस्था और ईसाई मिशनरियों के खिलाफ लड़ते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना अहम योगदान दिया। उन्होने अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान आंदोलन को संगठित किया एवं अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ कई मोर्चे बनाकर लड़ाइयां भी लड़ी। उन्होंने कहा कि महान नेता बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर रांची जेल में कैद कर दिया जहां पर उन्होंने नौ जून को 25 साल की आयु में अंतिम सांस ली। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के कारण उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो चुका है। इससे पहले डॉ. राघवेन्द्र मिश्रा ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को कार्यक्रम के विषय एवं वक्ताओं पर परिचय कराया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. उषा यादव ने अपने स्नेहपूर्ण शब्दों से किया।